मुंबईदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 25 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। विश्लेषकों ने मंगलवार को यह अनुमान जताया। जीडीपी का जून तिमाही का आंकड़ा 31 अगस्त को जारी किया जाएगा। उनका कहना है कि आधिकारिक आंकड़ों में विनिर्माण, निर्माण और व्यापार, होटल, परिवहन तथा संचार सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र होंगे। कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये 25 मार्च से देश भर में ‘लॉकडाउन’ का आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी और सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में सालाना आधार पर 25-25 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। एजेंसी के अनुसार आर्थिक वृद्धि में गिरावट का प्रमुख कारण विनिर्माण, निर्माण और व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवा क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन है। इन उप-क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में 45 प्रतिशत योगदान है। लॉकडाउन का व्यापक असर विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज ने भी जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 25.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है। उसने कहा कि कोविड-19 महामारी को काबू में लाने के लिए जो उपाय किए गए हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बार्कलेज के अनुसार ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सरकार का व्यय और जरूरी चीजों पर खर्च से गिरावट को कुछ हद तक थामने में मदद मिली है। ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी कहा कि जून तिमाही में बदतर स्थिति संभवत: समाप्त हो जाएगी। लेकिन चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि में नरमी बनी रहेगी। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 6 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है।
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