NBFC छोड़ बैंकों, फिनटेक कंपनियों में जा रहे हैं बड़े अफसर

NBFC छोड़ बैंकों, फिनटेक कंपनियों में जा रहे हैं बड़े अफसर

श्रीराधा डी बसु & रीका भट्टाचार्य, कोलकाता & मुंबई पिछले एक साल में कई सीनियर प्रफेशनल्स ने आर्थिक संकट से गुजर रहीं नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) को छोड़ा है। आने वाले समय में कई और प्रफेशनल्स ऐसा कर सकते हैं। NBFC सेक्टर लिक्विडिटी क्राइसिस (फंड की कमी) से जूझ रहा है। हायरिंग कंपनियों का कहना है कि ऐसे में कई टॉप एग्जिक्यूटिव, यहां तक कि CXO भी, फिनटेक, BFSI, कंसल्टिंग या बड़ी और बेहतर NBFC में मौके तलाश रहे हैं। एक रिक्रूटर ने बताया कि पिछले 3 महीनों में 20 लाख से अधिक वेतन वाले 700 से ज्यादा प्रफेशनल के सीवी मार्केट में आए हैं। ये प्रफेशनल NBFC में काम करते हैं। टॉप 30 NBFC में हायरिंग रुकी हुई है। हालांकि पिछले 6 महीनों में सीनियर पोजिशन पर लोगों की भर्तियां होती रही हैं। स्पेशलिस्ट टैलेंट सॉल्यूशन की कंपनी Xpheno के को-फाउंडर कमल कारंत ने ईटी को बताया, 'ऐसे 30 पर्सेंट प्रफेशनल्स ने या तो फिनटेक में काम करना शुरू कर दिया है या उद्यमी/कंसल्टेंट बन गए हैं। 40 पर्सेंट दूसरी NBFC में चले गए हैं। बचे हुए 30 पर्सेंट बैंकों की तरफ लौट गए हैं।' परेशान NBFCs ने लेंडिंग और हायरिंग रोक दी हैं। इस सेक्टर का आउटलुक नेगेटिव है और जल्द हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे। इन कारणों से रिलायंस कमर्शल फाइनैंस, विस्तार फाइनैंशल सर्विसेज, IIFL, क्लिक्स कैपिटल और मैग्मा फिनकॉर्प जैसी कंपनियों के सीनियर लीडर नौकरी छोड़ रहे हैं। 2019 की शुरुआत से जिन टॉप अधिकारियों ने नौकरी बदली है, उनमें क्लिक्स कैपिटल को छोड़ ऊबर ज्वॉइन करने वाली मनीषा नाथ गुप्ता, L&T फाइनैंशल सर्विसेज से टाटा AIA लाइफ इंश्योरेंस जाने वाले रमेश विश्वनाथ, रिलायंस कमर्शल फाइनैंस से बजाज फिनसर्व जाने वाले देवांग मोदी और IIFL होम लोन्स छोड़ फुलर्टन इंडिया क्रेडिट जॉइन करने वाले प्रतीक गोयल शामिल हैं। लगभग सभी ने पिछली कंपनी दो साल के अंदर छोड़ी है। नौकरी छोड़ने वालों की लिस्ट में रत्तनइंडिया के पूर्व CFO और COO रामचंद्र माल्या और विस्तार फाइनैंशल सर्विसेज के CBO प्रवीण अरोड़ा भी शामिल हैं। अरोड़ा की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह फिलहाल निजी काम से छुट्टी पर हैं। एग्जिक्यूटिव सर्च फर्म वीटोएल्टॉर में हेड बैंकिंग ऐँड NBFC हायरिंग शुवहर्शिका मिश्रा ने बताया, 'पिछले दो साल से टैलेंट लगातार बैंक छोड़कर NBFC से जुड़ रहे थे। हालिया आर्थिक परेशानियों के बीच यह प्रक्रिया रुक गई है। हम कई NBFC टैलेंट को बैंकों या बड़े फिनटेक प्लैटफॉर्म की तरफ लौटते हुए देख रहे हैं।' इसी के साथ नौकरी बदल रहे लोगों के लिए मोल-भाव की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। माइकल पेज के रीजनल डायरेक्टर अंशुल लोढ़ा ने बताया, 'नौकरी बदलने पर सैलरी हाइक पहले के 40-50 पर्सेंट से घटकर 10-15 पर्सेंट पर आ गई है। सीनियर एग्जिक्यूटिव्स अब स्थिरता की तलाश कर रहे हैं।'


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ईरान के मामले पर ‘अच्छे दोस्त’ भारत के सहयोग से संतुष्ट हैं: अमेरिका

ईरान के मामले पर ‘अच्छे दोस्त’ भारत के सहयोग से संतुष्ट हैं: अमेरिका

वॉशिंगटन, एक अगस्त (भाषा) व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह ईरान पर लगाए गए तेल प्रतिबंधों को लेकर ‘‘भारत जैसे अच्छे मित्र और साझीदार के सहयोग से काफी संतुष्ट एवं खुश’’ हैं। ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ गया है। ट्रम्प प्रशासन की ओर से जरीफ पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक कांफ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘मैं भारत जैसे हमारे अच्छे मित्र एवं साझीदार के सहयोग से काफी संतुष्ट एवं खुश हैं।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन जैसे उन देशों से भी संतुष्ट है जिनसे उतना अच्छा तारतम्य नहीं है, लेकिन उन्होंने कारोबारी साझीदार के रूप में ईरान के बजाए अमेरिका को चुना है। भारत ने ईरान से तेल का आयात कम करके लगभग शून्य कर दिया है जिसके साथ उसके ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। अधिकारी ने कहा कि ईरानी तेल का निर्यात जुलाई में एक लाख बैरल प्रति दिन था जो पहले के सात लाख 81 हजार बैरल की तुलना में बहुत कम है। उन्होंने इसका श्रेय ट्रम्प प्रशासन को दिया। उन्होंने कहा कि ईरान के पास कारोबारी साझीदार के रूप में देने के लिए कुछ खास नहीं है। अधिकारी ने भारत और ईरान के बीच तेल व्यापार उनकी मुद्रा में किए जाने की वार्ताओं संबंधी रिपोर्ट से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘अमेरिका खासकर भारत के सहयोग की प्रशंसा करता है और वह भारत की तर्कसंगत ऊर्जा आवश्यकताओं का ध्यान रखता रहेगा।’’


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6 महीने में दूसरी बार अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही BSNL

6 महीने में दूसरी बार अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही BSNL

नई दिल्ली सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है। 6 महीने में दूसरी बार कर्मचारियों को समय से अपनी सैलरी नहीं मिली है। इससे पहले फरवरी में भी आर्थिक तंगी की वजह से वेतन नहीं दे पाई थी और किसी तरह 15 मार्च तक उसने वेतन का भुगतान किया था। बीएसएनएल के सीएमडी पीके पुरवार ने कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से चार या पांच अगस्त तक कर्मचारियों को वेतन दे देंगे।' चूंकि वित्त मंत्रालय की तरफ से कोई बजटीय मदद नहीं है, लिहाजा दूरसंचार विभाग इस स्थिति में नहीं है कि वह बीएसएनएल को तत्काल कोई वित्तीय मदद दे सके। पढ़ें- वेतन पर 850 करोड़ रुपये खर्च करता है मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि सरकारी बैंकों की दूरसंचार सचिव के साथ 22 जुलाई को एक बैठक हुई थी और ऋण की प्रक्रिया में कुछ प्रगति हुई है। बीएसएनएल जुलाई का वेतन अगस्त के पहले हफ्ते में देने की काफी कोशिश कर रही है। ऑल इंडिया बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के महासचिव प्रहलाद राय ने कहा, 'फिलहाल बीएसएनएल प्रबंधन वेंडरों के बकाया 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के कुछ हिस्से को आंतरिक स्रोतों से भुगतान कर रहा है और उसके बाद आंतरिक स्रोतों से ही 10 दिनों के भीतर कंपनी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर देगी।' पढ़ें- बीएसएनएल को मासिक वेतन के रूप में कुल 850 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है। कंपनी मौजूदा समय में गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है और सरकार वीआरएस, एमटीएनएल के साथ इसके विलय और इसे 4जी स्पेक्ट्रम देने सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है, ताकि कंपनी को जिंदा किया जा सके। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। (आईएएनएस से मिले इनपुट्स के आधार पर)


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लंबे समय तक लोन सस्ता रहने की क्यों बनी उम्मीद?

लंबे समय तक लोन सस्ता रहने की क्यों बनी उम्मीद?

विक्रांत सिंह एसबीआई ने हाल में एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की कटौती करते हुए होम लोन की दरों को 0.10 प्रतिशत कम कर दिया है। देश के बैंकिंग सेक्टर में 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले एसबीआई के बाद दूसरे बैंक भी ऐसा कदम उठाने को मजबूर होंगे। लेकिन क्या ाप जानते हैं कि किन वजहों से लंबे समय तक सस्ता लोन मिलने के आसार बन रहे हैं? बॉन्ड यील्ड घची, जीडीपी 5.8 फीसदी पर देश के 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड घटकर 6.33% पर आ गई है। पिछले ढाई साल में यह सबसे कम है। एक महीने में ही 0.56% की गिरावट आई है। वहीं, 7 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती होने की संभावना है। रीपो रेट अभी 5.75 पर्सेंट है, जो सितंबर 2010 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी दर 5.8 फीसदी पर आ गई थी, जिससे आर्थिक सुस्ती की आशंका बढ़ी है। एमपीसी ने भी महंगाई दर को काबू में रखने के बजाय विकास पर ध्यान देने की बात कही है। इन सबको देखते हुए लग रहा है कि ब्याज दरें लंबे समय तक कम रह सकती हैं यानी आम लोगों को होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन पर लंबे समय तक कम ब्याज चुकाना होगा। पढ़ें : SBI ने दिखाया रास्ता रीपो रेट में कटौती से बैंकों का मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट भी घट जाता है, जिससे ग्राहकों को सीधा फायदा मिलता है। इस साल पॉलिसी रेट में कटौती का ग्राहकों को कुछ फायदा मिला भी है। एसबीआई ने हाल में एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की कटौती करते हुए होम लोन की दरों को 0.10 प्रतिशत कम कर दिया है। देश के बैंकिंग सेक्टर में 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदार रखने वाले एसबीआई के बाद दूसरे बैंक भी ऐसा कदम उठाने को मजबूर होंगे। ने भी कुछ समय पहले कहा था कि पहले रीपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचने में 6 महीने का समय लग जाता था। अब हम इसे दो से तीन महीने के स्तर पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। (ईटी से) अंतर्राष्ट्रीय असर भारत के की ही तरह अमेरिका में फेडरल रिजर्व है। इसकी बैठक में भी रेट कट की मजबूत संभावना जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो भारत जैसे उभरते बाजार की मुद्रा पर दबाव कम होगा। इससे आरबीआई ज्यादा आक्रामक होकर दरों में कटौती कर सकता है। विकास का कांटा खपत घटने और आर्थिक विकास दर पर दबाव को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) इस साल अब तक रीपो रेट में तीन बार में 0.75 फीसदी की कमी कर चुका है। अभी तक आम ग्राहकों को सस्ते कर्ज के रूप में इसका पूरा फायदा नहीं मिला है, लेकिन पिछले वीकेंड पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी बैंकों से ग्राहकों को फिर से इसका पूरा लाभ देने की अपील की है। पूरी हो गई बैंकिंग सिस्टम में कैश की कमी दरअसल, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण कुछ महीनों तक सरकारी खर्च कम रहा और बैंकिंग सिस्टम में तब कैश की भी कमी हो गई थी। ऐसे में बैंक रेपो रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे पाए। हालांकि अब बैंकिंग सिस्टम में कैश की कमी दूर हो गई है और रिजर्व बैंक के फिर से बैंकों पर दबाव बढ़ाने से ग्राहकों को पूरा लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ी है।


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सिद्धार्थ के सुइसाइड की बड़ी वजह! पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज पर ₹5,500 करोड़ का कर्ज

सिद्धार्थ के सुइसाइड की बड़ी वजह! पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज पर ₹5,500 करोड़ का कर्ज

इंदुलाल पीएम/राजेश मैस्करेनस, मुंबई कैफे कॉफी डे के फाउंडर की पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज पर चढ़े 5,500 करोड़ रुपये के कर्ज के जंजाल से साउथ इंडियन कैफे ग्रुप पर दबाव बढ़ गया है। ईटी को इसका अंदाजा कुछ डॉक्युमेंट्स के विश्लेषण से हुआ है। कॉफी किंग सिद्धार्थ ने जिन कंपनियों के जरिए लोन लिया था, उनमें मुख्य रूप से टैंगलिन रिटेल रियल्टी डिवेलपर्स, देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज और कॉफी डे ग्लोबल शामिल हैं। ईटी को यह जानकारी कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास जमा डेटा से मिली है। पढ़ें- टैंगलिन रिटेल रियल्टी डिवेलपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड का 3,471 करोड़ रुपये का कर्ज है। टैंगलिन सिद्धार्थ की रियल एस्टेट कंपनी है, जिसके पास मैसूर रोड में एक आईटी पार्क है। टैंगलिन ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (सिंगापुर) को 25 मार्च 2019 को इंडियन करेंसी में जारी 10-10 लाख रुपये अंकित मूल्य के 30,000 सिक्यॉर नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) अलॉट किए थे। ...तो सिद्धार्थ को छोड़ना पड़ जाता पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज का कंट्रोल हालांकि स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक करीबी सूत्र ने बताया कि इसके लिए टैंगलिन के बोर्ड की तरफ से रिजॉल्यूशन पास किया गया था और बैंक का ग्रुप में उतना एक्सपोजर नहीं था। देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज की तरफ से कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के पास जमा कराए गए डॉक्युमेंट्स से पता चला है कि 31 मार्च 2018 के आंकड़ों के हिसाब से उसने स्टैंडर्ड चार्टर्ड प्राइवेट इक्विटी (मॉरीशस), क्रेडिट ऑपर्च्युनिटीज फंड और एशिया क्रेडिट ऑपर्च्युनिटीज (मॉरीशस) को लगभग 471 करोड़ रुपये के ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किए थे। पढ़ें- सूत्रों ने यह भी बताया कि देवदर्शिनी ने इस साल की शुरुआत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड से कुछ ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स बायबैक करने के लिए एसएसजी कैपिटल एशिया से लगभग 300 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था। दरअसल, फंडिंग के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स में दिए गए ऑप्शन के मुताबिक उन्हें कंपनी के शेयरों में बदला जा सकता था। ऐसा होने पर सिद्धार्थ को पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज का कंट्रोल छोड़ना पड़ जाता। हो गया था कर्ज का निपटारा? सवाल अब भी बरकरार ईटी ने मंगलवार को खबर छापी थी कि अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर ऐंड कंपनी का सिद्धार्थ की पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज में 225 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। इन सबके बारे में संपर्क किए जाने पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कॉमेंट करने से मना कर दिया। SSG कैपिटल के पार्टनर श्याम माहेश्वरी को भेजे गई ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। पढ़ें- सिद्धार्थ की जिन एंटिटीज को कर्ज दिया गया था, उसमें गोनीबीडू का 450 करोड़ रुपये, कॉफी डे ग्लोबल का 883 करोड़ और टैंगलिन रिटेल का 798 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है। ईटी यह पता नहीं लगा पाया है कि क्या कर्जों का निपटारा किया जा चुका है? फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि क्या सिद्धार्थ के सोमवार को केरल-कर्नाटक के बॉर्डर से गुजर रही नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी करने की वजहों में एक उनके ऊपर चढ़ा भारी-भरकम कर्ज था।


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पाकिस्तान ने एक ‘‘भारतीय जासूस’’ को गिरफ्तार करने का किया दावा

पाकिस्तान ने एक ‘‘भारतीय जासूस’’ को गिरफ्तार करने का किया दावा

लाहौर, एक अगस्त (भाषा) पाकिस्तान पुलिस ने पंजाब प्रांत से एक ‘‘भारतीय जासूस’’ को गिरफ्तार करने का दावा किया है। स्थानीय मीडिया ने पुलिस के हवाले से कहा कि उन्होंने एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसने जासूस होने की बात ‘‘स्वीकार’’ की है। पुलिस ने कहा कि ‘‘जासूस’’ की पहचान राजू लक्ष्मण के तौर पर हुई है, जिसे डेरा गाजी खान (डीजी खान) जिले के राखी गज इलाके से बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि लक्ष्मण को बलूचिस्तान प्रांत से डीजी खान में दाखिल होते समय गिरफ्तार किया गया। उसे आगे की जांच के लिए एक गुप्त स्थान पर भेज दिया गया है।


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पाकिस्‍तान ने भारतीय 'जासूस' को पकड़ने का किया दावा

पाकिस्‍तान ने भारतीय 'जासूस' को पकड़ने का किया दावा

लाहौर पाकिस्‍तान ने बुधवार को दावा किया कि उसने एक 'भारतीय जासूस' को अरेस्‍ट किया है। इस 'जासूस' की गिरफ्तारी पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत से की गई है। स्‍थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस कथित जासूस ने पुलिस पूछताछ में 'स्‍वीकार' किया है कि वह भारत का रहने वाला है और पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत में 'जासूसी' कर रहा था। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए भारतीय 'जासूस' की पहचान राजू लक्ष्‍मन के रूप में की गई है। राजू को बुधवार को लाहौर से 400 किमी दूर डेरा गाजी खान जिले के राखी गज इलाके से अरेस्‍ट किया गया है। पुलिस ने कहा कि घटना के समय राजू लक्ष्‍मण बलूचिस्‍तान से डेरा गाजी खान जिले में दाखिल हो रहा था। बताया जा रहा है कि राजू को किसी अज्ञात स्‍थान पर ले जाया गया है जहां पाकिस्‍तानी एजेंस‍ियां उनसे पूछताछ कर रही हैं। बता दें कि लंबे समय से भारतीय नागरिक पाकिस्‍तानी हिरासत में हैं। इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने अपने फैसले में पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर फिर से विचार करने को कहा है। कोर्ट ने जाधव को कांउसलर एक्सेस नहीं देने के पाकिस्तान के फैसले को गलत ठहराया और उसे वियना संधि के उल्लंघन का दोषी पाया। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। भारत ने इन सारे दावों को खारिज कर दिया है। पिछले साल मई में भारत की तरफ से इस मामले को ICJ के मंच पर उठाया गया था। वहां कुलभूषण की फांसी के फैसले का विरोध किया गया था।


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इंडिगो में विवाद के बारे में मेरे विरोधी गढ़ रहे झूठी कहानियां: गंगवाल

इंडिगो में विवाद के बारे में मेरे विरोधी गढ़ रहे झूठी कहानियां: गंगवाल

मिहिर मिश्रा, नई दिल्ली देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी में कुप्रबंधन को लेकर राहुल भाटिया से दो-दो हाथ कर रहे के दूसरे को-फाउंडर ने कहा है कि उनके विरोधी 'सूत्रों' की आड़ ले रहे हैं और विवाद के बारे में 'झूठी कहानियां' गढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए कंपनी के दोनों को-फाउंडर्स में जल्द सुलह होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। गंगवाल ने बताया, 'मैंने सेबी के अलावा दूसरे सरकारी और रेगुलेटरी अथॉरिटी के सामने जो मुद्दे उठाए थे, उन पर मैं अडिग हूं। मैं दूसरी एजेंसियों से सूचनाओं की मांग को पूरी ईमानदारी से पूरा कर रहा हूं। काश लोगों में भी मीडिया में झूठी कहानियां फैलाने के लिए कथित सूत्रों के पीछे छिपने के बजाय सीधी बात करने की ऐसी ही प्रतिबद्धता होती।' पढ़ें- मीडिया के जरिए नहीं लड़ना चाहता गंगवाल मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनके मुताबिक भाटिया और उनकी कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज (IGE) के करीबी सूत्र उनकी शिकायतों को कंपनी पर कब्जा जमाने के लिए उनकी तरफ से तैयार की गई बड़ी योजना का हिस्सा होने की बात से दुनिया का ध्यान भटकाने की कवायद करार दे रहे हैं। गंगवाल पर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह अपनी शिकायतों पर एजेंसियों की तरफ से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दे रहे हैं। इंडिगो में भाटिया परिवार और IGE का कुल 38.23% स्टेक है जबकि इसमें 36.65% हिस्सेदारी गंगवाल की है। गंगवाल ने ईटी की तरफ से पूछे गए किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना कहा कि वह यह लड़ाई मीडिया के जरिए नहीं लड़ना चाहते। इस खबर के लिए IGE से पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। पढ़ें- IGE के सूत्र ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, 'रेगुलेटर्स शिकायतों पर गौर कर रहे हैं। इसलिए इस बारे में किसी भी नतीजे पर पहुंचने की सही स्थिति में वही होंगे।' गंगवाल ने 8 जुलाई को सेबी को पत्र लिखकर इंडिगो में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़ी समस्या की जांच करने के लिए मामले में दखल देने का अनुरोध किया था।


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पाकिस्तान में पुलिस की गाड़ी को निशाना बनाकर किये गये विस्फोट में पांच की मौत, 38 घायल

पाकिस्तान में पुलिस की गाड़ी को निशाना बनाकर किये गये विस्फोट में पांच की मौत, 38 घायल

क्वेटा, 31 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में पुलिस की एक गाड़ी को निशाना बनाकर किये गये विस्फोट में मंगलवार को दो पुलिसकर्मियों सहित पांच लोगों की मौत हो गयी और 38 अन्य घायल हो गये। क्वेटा के पुलिस उप महानिरीक्षक अब्दुल रज्जाक चीमा ने बताया कि यह विस्फोट नगर पुलिस थाना अंतर्गत बाचा खान चौक के पास खड़े पुलिस के वाहन के निकट हुआ। डीआईजी ने संवाददाताओं को बताया कि ऐसा लगता है कि विस्फोट का निशाना इलाके के थाना प्रभारी थे। इस विस्फोट में वह घायल हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘थाना प्रभारी शफत जैसे ही अपने वाहन से उतरे वैसे ही विस्फोट हो गया।’’ थाना प्रभारी की हालत गंभीर बताई गई है। अब तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। घायलों और शवों को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है।


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भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद के लिए भारत के साथ कड़ी मेहनत कर रहा है अमेरिका: पोम्पिओ

भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद के लिए भारत के साथ कड़ी मेहनत कर रहा है अमेरिका: पोम्पिओ

(ललित के झा) वॉशिंगटन, 31 जुलाई (भाषा) अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि भारत को उसकी अर्थव्यवस्था के विकास के अवसर देने के लिए अमेरिका ट्रम्प प्रशासन की हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत भारत सरकार के साथ ‘‘कड़ी मेहनत’’ कर रहा है। पोम्पिओ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की यात्रा पर उनके साथ गए संवाददाताओं से एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमारी हिंद-प्रशांत रणनीति अच्छी तरह से काम कर रही है, यह न केवल उनके लिए, बल्कि अमेरिका के लिए भी फलदायी होगी। हमने इन गठबंधनों को बनते देखा है। हम भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि करने के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’ पोम्पिओ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कुछ हफ्ते पहले अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से कर और शुल्क समेत द्विपक्षीय व्यापार के व्यापक मुद्दों पर वार्ता के लिए भारत का दौरा किया था। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने इससे पहले कोलोराडो में कहा था कि 2018 में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 142 अरब डॉलर हो गया है और 2025 तक इसके 238 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।


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CCD: एकांत प्रेमी थे सिद्धार्थ और खड़ा कर दिया बड़ा कन्ज्यूमर ब्रैंड

CCD: एकांत प्रेमी थे सिद्धार्थ और खड़ा कर दिया बड़ा कन्ज्यूमर ब्रैंड

शिप्रा फडनिस, बेंगलुरु सोमवार रात से लापता सीसीडी के फाउंडर वीजी सिद्धार्थ का शव मिला है। अचानक उनके गायब हो जाने से उन्हें जानने वालों को हैरान कर रहा है। सिद्धार्थ एकांत प्रेमी थे और उन्होंने इतना बड़ा कन्ज्यूमर ब्रैंड खड़ा किया। हालांकि, लापता होने से पहले के उनके आखिरी लेटर और उनके हाल के दिन कैसे बीते, यह पता चलता है कि वह परेशान थे। ज्यादा दिन नहीं बीते। इसी महीने की शुरुआत में एक रीयल्टी कंपनी के सीईओ मुंबई के ताज लैंड्स एंड स्थित कैफे कॉफी डे के फाउंडर वीजी सिद्धार्थ और उनके बेटे अमर्त्य से मिले थे। उस वक्त सिद्धार्थ ने उन्हें बताया था कि कैसे कोलंबिया बिजनस स्कूल से पढ़ा युवा इनकम टैक्स से जुड़े मामले सुलझाने के गुर सीख रहा है। इसी से अंदाजा लगा जा सकता है कि हाल के कुछ महीनों में कॉफी किंग कहे जाने वाले सिद्धार्थ कितनी पीड़ा में थे। सिद्धार्थ अपने आप में रहने वाले शख्स थे और पब्लिक के सामने आने में काफी झिझकते थे, लेकिन लापता होने से पहले उन्होंने ज्यादातर लोगों से मुलाकात कर ली। वह मीडिया इंटरव्यू नहीं देते थे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसएम कृष्णा के दामाद होने के बावजूद उनके फंक्श्न्स का हिस्सा नहीं बनते थे। चाहे उनके शपथग्रहण का समारोह ही क्यों न रहा हो, वह उसमें शरीक नहीं हुए थे। सिद्धार्थ एक अमीर परिवार से थे, जिन्होंने एक बड़ा कन्ज्यूमर ब्रैंड तैयार किया और अरबपति बन गए। आज देशभर में सिद्धार्थ के इस ब्रैंड के 2100 स्टोर्स हैं। सिद्धार्थ ने इंडिया की पहली पॉप्युलर कैफे चेन कैफे कॉफी डे की शुरुआत 1994 में बेंगलुरु के ब्रिगेड रोड इलाके में की थी। अपने पहले प्यार कॉफी को लेकर वह काफी पैशनेट थे और चाय पीने वाले भारतीय बाजार में तकॉफी के प्रति प्रेम जगाना चाहते थे। इस काम में सफल भी हुए और इस काम में उनकी मदद की चिकमंगलूर ने, जहां 1870 से उनका परिवार कॉफी का उत्पादन करता था। वहां उनका 550 साल पुराना पुश्तैनी मकान भी है। जब उनके पिता और अंकल के बीच प्रॉपर्टी का बंटवारा हुआ तब उन्होंने 90,000 रुपये में 49 एकड़ जमीन कर ली थी। हालांकि, 1992 में सिद्धार्थ ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई और 3500 एकड़ जमीन खरीद ली। आज उनके और उनके परिवार के पास कुल मिलवाकर 18,000 एकड़ के कॉफी एस्टेट्स हैं। 1990 के दशक में जब कॉफी बोर्ड ने कॉफी में फ्री ट्रएड को मंजबर किया तो उन्होंने कॉफी का कारोबार करने की सोची। 1995 में उन्होंने बेंगलुरु और चेन्नै में कॉफी पाउडर बेचना शुरू कर दिया और पहला कैफे कॉफी डे आउटलेट 1996 में बेंगलुरु में एक साइबर कैफे के साथ खुला। पूर्व कॉफी बोर्ड चेयमैन जीवी कृष्णा राउ कहते हैं, 'सिद्धार्थ ने भारत और भारतीय कॉफी को वैश्विक पहचान दिलाई।' सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत एक इक्विटी टेडर और ऐनालिस्ट के तौर पर की थी। वह जेएम मॉर्गन स्टेनले (जे एम फाइनैंशल) के साथ जुड़े थे। यहां वह निमेष कृपलानी के साथ काम करते थे। निमेष कंपनी के चेयरमैन हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सिद्धार्थ ने ऐसा फैसला क्यों लिया होगा। वह बहुत खुशमिजाज और हॉस्टिबेल थे।' कैफे कॉफी डे के पूर्व सीईओ नरेश मल्होत्रा ने कहा, 'मैं सिद्धार्थ को 1988 से जानता हूं, जब वह स्टॉक ब्रोकर थे और उद्यमी नहीं थे। उनका व्यक्तित्व शानदार और मजबूत था। यह घटना तो उनके कैरेक्टर से मेल नहीं खाती।' सिद्धार्थ को याद करते हुए उनके कई दोस्तों ने बताया कि वह काफी नम्र स्वभाव के थे। करीबियों का शादी समारोह हो या शव यात्रा, वह चार्टर्ड फ्लाइट करने में हिचकते नहीं थे। अपने कॉफी डे स्क्वॉयर से निकलकर अपने दोस्तों को खुद लॉबी या लिफ्ट तक छोड़ने जाते थे, जो अन्य अरबपति उद्यमियों के बारे में कम ही सुना जाता है। एशिया की पहली कॉफी टेस्टर सुनालिनी मेनन कहता हैं, 'सिद्धार्थ ऐसे व्यक्ति, मानवता और विनम्रता जिनके साथ-साथ चलती थी।'


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जेंडर डायवर्सिटी पर नए IIM का दबदबा, छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा

जेंडर डायवर्सिटी पर नए IIM का दबदबा, छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा

श्रीराधा डी बासु/प्राची वर्मा, नई दिल्ली नए इंडियन इंस्टिट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट (IIM) का परफॉर्मेंस के मोर्चे पर पुराने और मशहूर से बेहतर है। इस साल टॉप 6 IIM के नए बैच में छात्राओं का औसत 33.5 पर्सेंट रहा है और कम-से-कम 2 नए IIM में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। IIM संबलपुर के 2019-21 वाले बैच में 98 स्टूडेंट हैं, जिनमें 50 छात्राएं हैं। IIM रोहतक के 246 स्टूडेंट्स के नए बैच में 124 छात्राएं हैं। इसके 2016 वाले बैच में छात्राओं की संख्या केवल 6 पर्सेंट थी। IIM रोहतक के डायरेक्टर धीरज शर्मा बताते हैं, 'जेंडर डायवर्सिटी से बना माहौल फ्यूचर बिजनस लीडर्स में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सोच में खुलापन लाता है। क्लास में डायवर्सिटी बढ़ने से नजरिए, राय और आइडिया में विविधता आती है। इससे बिजनस प्रॉब्लम्स के लिए स्टूडेंट्स की तरफ से ऑफर किए जाने वाले सॉल्यूशंस में पैनापन आता है।' IIM में जेंडर डायवर्सिटी बढ़ने की वजह इनमें दाखिले के लिए होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) के एप्लिकेंट्स में छात्राओं की संख्या बढ़ना भी है। CAT 2018 के लिए 84,350 छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था जो 2013 के 56,409 के मुकाबले डेढ़ गुना से ज्यादा है। नए रेकॉर्ड्स ज्यादातर नए IIM में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स में छात्राओं का पर्सेंटेज बढ़ा है। IIM काशीपुर ने इस साल 29 फीमेल कैंडिडेट्स को एडमिशन दिया है। पिछले साल यहां सिर्फ 6 छात्राएं आई थीं। इसी तरह IIM उदयपुर में पिछले साल के 66 मुकाबले इस साल 88 छात्राओं का एडमिशन हुआ है। IIM नागपुर में इस साल 25 छात्राएं आई हैं जबकि पिछले साल 20 जबकि दो साल पहले 2 छात्राओं का एडमिशन हुआ था। हालांकि IIM तिरुचिरापल्ली में इस साल छात्राओं का प्रतिशत 51% से गिरकर 40% रह गया है लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल वहां एक ज्यादा यानी कुल 93 छात्राओं ने दाखिला लिया है। उछाल की वजह? IIM का कहना है कि छोटा बैच होने और लोकेशन को लेकर बनी असहजता के बावजूद उनकी तरफ से ज्यादा छात्राओं के दाखिले को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले साल छात्राएं जुटाने में मुश्किल महसूस कर रहे IIM संबलपुर ने इस साल छात्राओं के लिए 90% का कट-ऑफ रखा, जबकि छात्रों के लिए 95% तय किया। IIM काशीपुर के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर विनय कुमार शर्मा बताते हैं कि उनके यहां छात्राओं के लिए एडमिशन पॉलिसी में जेंडर डायवर्सिटी के नाम पर 5 पॉइंट दिए गए। IIM उदयपुर ने भी जेंडर डायवर्सिटी के नाम पर छात्राओं को अडिशनल पॉइंट दिए। IIM रोहतक ने मेट्रो शहरों में आउटरीच ऐक्टिविटी चलाने के अलावा, छात्राओं को कॉलेज जॉइन करने का फैसला लेने से पहले कैंपस विजिट के लिए AC-3 टियर का रेल का किराया रिंबर्स किया था। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जेंडर डायवर्सिटी को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की अति हो गई है लेकिन रेडिफडॉटकॉम के फाउंडर अजीत बालाकृष्णन ऐसा नहीं मानते। एक दशक तक IIM कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन रहे बालाकृष्णन का कहना है कि इंट्रेंस प्रोसेस पारंपरिक रूप से क्वांट (मैथ, स्टैटिस्टिक्स) बेस्ड रहा है। इसलिए इसे पास करने वाले 90 पर्सेंट इंजीनियर्स होते हैं जिनमें भी छात्राओं की संख्या कम होती है।


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कॉफी के साथ वी जी सिद्धार्थ ने IT पर लगाया था बड़ा दांव

कॉफी के साथ वी जी सिद्धार्थ ने IT पर लगाया था बड़ा दांव

नई दिल्ली कॉफी डे एंटरप्राइजेज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हाल में आईटी कंपनी माइंडट्री में अपना पूरा स्टेक बेचने को लेकर चर्चा में आए थे। कर्नाटक के चिकमंगलूर में कॉफी प्लांटर्स के परिवार में जन्मे सिद्धार्थ की आईटी कंपनियों में दिलचस्पी काफी पहले से थी। 1993 में जब इंफोसिस ने आईपीओ लॉन्च किया तो इशू अनसब्सक्राइब्ड रह गया था। तब सिद्धार्थ और इनाम सिक्योरिटीज के वल्लभ भंसाली ने ऑफर को अंडरराइट किया था और उसे सफल बनाया। वही इंफोसिस देश की दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी के मुकाम तक पहुंच चुकी है। सिद्धार्थ के इंफोसिस के फाउंडर नंदन नीलेकणि से भी करीबी संबंध बन गए थे और उन्हें वह अपना 'बड़ा भाई' कहते थे। नीलेकणि ने कॉफी डे एंटरप्राइज के आईपीओ में निवेश किया था। पढ़ें- सिद्धार्थ का सबसे बड़ा दांव रही माइंडट्री सिद्धार्थ भारत के शुरुआती वेंचर कैपिटल इनवेस्टर्स में शामिल हैं। उन्होंने ग्लोबल टेक्नॉलजी वेंचर्स के साथ मिलकर ऐसे फाउंडर्स पर दांव लगाया, जिन्होंने टेक्नॉलजी कंपनियां खड़ी कीं। 1999 में उन्होंने आईवेगा कॉर्प, क्षेम टेक्नॉलजीज और माइंडट्री में निवेश किया था। बाद में आईवेगा 50 लाख डॉलर में बिकी, वहीं एमफैसिस ने क्षेम को 2.1 करोड़ डॉलर में खरीदा था। आईवेगा के फाउंडर गिरि देवानर ने कहा, 'आईवेगा दरअसल ब्रिगेड रोड पर कॉफी डे में ही शुरू हुई थी क्योंकि वहां इंटरनेट था। उनकी दिलचस्पी इसमें रहती थी कि ये युवा लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। मेरा उनसे वहीं परिचय हुआ। उन्होंने आईवेगा में 10 करोड़ लगाए थे।' सिद्धार्थ का हालांकि सबसे बड़ा दांव माइंडट्री रही। निवेश के दो दशक बाद उन्होंने 20.31% स्टेक बेचा तो 2850 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रॉफिट हासिल किया। सिद्धार्थ को देश में पहला साइबर कैफे ब्रिगेड रोड वाले कॉफी डे आउटलेट में खोलने का श्रेय दिया जाता है। यही मॉडल बाद में इंटरनेट के प्रसार में काफी सहायक हुआ। पढ़ें- साल 1994 में शुरू की 'कैफे कॉफी डे' सिद्धार्थ ने इंडिया की पहली पॉपुलर कैफे चेन कैफे कॉफी डे की शुरुआत 1994 में बेंगलुरु के ब्रिगेड रोड इलाके में पहले आउटलेट के साथ की थी। सिद्धार्थ शुरू में इंडियन ऑर्मी जॉइन करना चाहते थे, लेकिन मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री लेने के बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने की राह पकड़ी। 1984 में उन्होंने अपनी इन्वेस्टमेंट एंड वेंचर कैपिटल फर्म सिवन सिक्योरिटीज खोली और अपनी इस स्टार्टअप से हासिल प्रॉफिट को चिकमंगलूर जिले में कॉफी के बाग खरीदने में लगाने लगे। 1993 में उन्होंने कॉफी ट्रेडिंग कंपनी अमलगमेटेड बीन कंपनी खोली। जर्मन कॉफी चेन Tchibo के मालिकों से बातचीत से प्रभावित होकर उन्होंने कैफे कॉफी डे का पहला आउटलेट बेंगलुरु के ब्रिगेड रोड इलाके में 1994 में खोला था और इसकी टैग लाइन थी 'अ लॉट कैन हैपेन ओवर अ कप ऑफ कॉफी।' आज यह भारत की सबसे बड़ी कैफे चेन है। 200 से ज्यादा शहरों में इसके 1,750 कैफे हैं।


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ऑनलाइन ग्रोथ से रिटेल स्टोर्स को घाटा, हैंडसेट इंडस्ट्री में एक साल में गईं 2.5 लाख नौकरियां

ऑनलाइन ग्रोथ से रिटेल स्टोर्स को घाटा, हैंडसेट इंडस्ट्री में एक साल में गईं 2.5 लाख नौकरियां

गुलवीन औलख & देविना सेनगुप्ता, नई दिल्ली & मुंबई पिछले लगभग एक साल में हैंडसेट इंडस्ट्री में काम करने वाले 2,50,000 से अधिक लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। रिटेल, डिस्ट्रीब्यूशन और मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में खासतौर पर हुई है। ऑनलाइन चैनल की ग्रोथ बढ़ने से रिटेल स्टोर्स को नुकसान हुआ है। साथ ही चीन की कंपनियों का दबदबा बढ़ने से भारतीय कंपनियां मार्केट से गायब होती जा रही हैं। इससे देसी मैन्युफैक्चरर्स पर चोट पड़ी है। इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स और रिटेलर्स ने बताया कि नौकरी गंवाने वाले ज्यादातर लोग इन-शॉप प्रमोटर थे, जो रिटेल और डिस्ट्रीब्यूशन बिजनस का हिस्सा है। फोन बेचने वाली छोटी रिटेल दुकानों के बंद होने से ऐसा हुआ। कई ब्रांड्स अब प्रॉफिट पर अधिक ध्यान दे रहे हैं और इस वजह से उन्होंने रिटेल खर्च में कटौती की है। माइक्रोमैक्स और इंटेक्स जैसी कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग डिपार्टमेंट से कई लोगों की छंटनी की है। इंडियन सेल्युलर इलेक्ट्रॉनिक्स असोसिएशन (ICEA) के प्रेजिडेंट पंकज मोहिंद्रू ने बताया, 'पिछले दो साल में 2,50,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी गई है। कई रिटेल दुकानें बंद हुईं, लोगों की छंटनी हुई और डिस्ट्रीब्यूशन चेन पर ताला लगा।' उन्होंने बताया, 'छंटनी का असर 20,000-25,000 मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े लोगों पर भी पड़ा। हालांकि सबसे ज्यादा प्रभाव रिटेल और डिस्ट्रीब्यूशन सेगमेंट पर दिखा।' ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन (AIMRA) का दावा है कि ICEA का रिटेल जॉब लॉस का आंकड़ा 'कंजर्वेटिव' है यानी छंटनी कहीं अधिक हुई है। AIMRA का कहना है कि किसी भी स्टोर पर कस्टमर को अटेंड करने वालों की संख्या पहले से लगभग आधी रह गई है। खरीदार अब ऑनलाइन रिसर्च करके आते हैं और स्टोर से सीधे फोन खरीद लेते हैं। ऐसे में रिटेलर्स के पास उन्हें बताने को कुछ नहीं बचता। AIMRA के नैशनल प्रेजिडेंट अरविंदर खुराना ने बताया, 'ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने और कई ब्रांड के बंद होने से हैंडसेट इंडस्ट्री में छंटनी की संख्या कई ज्यादा है। पहले 10-11 बड़ी देसी और चाइनीज स्मार्टफोन ब्रांड मार्केट में ऑपरेट कर रही थीं। उनके शॉप प्रमोटर, टीम लीडर और उनके सीनियर हुआ करते थे।


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प्रस्थानम: टीज़र

प्रस्थानम: टीज़र

संजय दत्त की फिल्म 'प्रस्थानम' का टीजर सोमवार को उनके जन्मदिन के मौके पर रिलीज किया गया। यह फिल्म तेलुगू फिल्म प्रस्थानम का रीमेक है। तेलुगू में प्रस्थानम 2010 में रिलीज हुई थी। टीजर में संजय दत्त का इंटेंस लुक और किरदार नजर आ रहा है। टीजर की शुरुआत संजय दत्त की वॉइस ओवर से होती है। संजय दत्त कहते हैं, 'अगर हक दोगे तो रामायण शुरू होगी, अगर छीनोगे तो महाभारत शुरू होगी।' संजय दत्त इसमें एक नेता का किरदार निभा रहे हैं।




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दूसरे बैंक के ATM से पैसा निकालने पर चार्ज कम होगा!

दूसरे बैंक के ATM से पैसा निकालने पर चार्ज कम होगा!

नई दिल्ली एनईएफटी और आरटीजीएस पर पैसा ट्रांसफर करने पर चार्ज खत्म करने के बाद अब आरबीआई दूसरे बैंक के से पैसा निकालने पर लगने वाला चार्ज कम कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, इसकी घोषणा अगले महीने हो सकती है। दरअसल, एटीएम चार्ज की समीक्षा को लेकर बनाई गई कमिटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसमें चार्ज कम करने की सिफारिश की गई है। कमिटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट आरबीआई को सौंप सकती है। सूत्रों के मुताबिक, एटीएम चार्ज को पूरी तरह नहीं हटाया जाएगा, बल्कि कम किया जाएगा। कमिटी ने इस आधार पर इंटरचेंज फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा की है कि पिछले कुछ समय में एटीएम का इस्तेमाल कितना बढ़ा है। इंटरचेंज फीस स्ट्रक्चर से ही तय होता है कि दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने पर उपभोक्ता को कितना चार्ज चुकाना होगा। फिलहाल दूसरे बैंक के एटीएम से ट्रांजैक्शन पर एक तय संख्या तक कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। इस सीमा के पार होने पर बैंक फीस वसूलते हैं। हर बैंक ने इसके लिए अपना स्ट्रक्चर तय किया हुआ है। कुछ प्राइवेट बैंक, मौजूदा समय में मेट्रो शहरों में महीने के पहले तीन ट्रांजैक्शन्स पर कोई चार्ज नहीं लेते, वहीं दूसरे शहरों में उन्होंने पांच ट्रांजैक्शन तक फ्री सेवाएं दे रखी हैं। इसके बाद प्रति ट्रांजैक्शन 20 रुपये की फीस वसूली जाती है। नॉन-फाइनैंशल ट्रांजैक्शन पर यह 8.50 रुपये है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई में छह बड़े मेट्रो शहरों में महीने के तीन ट्रांजैक्शन मुफ्त होते हैं। दूसरी जगहों पर महीने के पहले पांच ट्रांजैक्शन मुफ्त होते हैं। इसके बाद बैंक 20 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) की दर से ट्रांजैक्शन चार्ज लिया जाता है।


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बंटवारे के बाद पहली बार पाकिस्तान में खुला 1,000 साल पुराना मंदिर का द्वार

बंटवारे के बाद पहली बार पाकिस्तान में खुला 1,000 साल पुराना मंदिर का द्वार

लाहौर, 29 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के सियालकोट में 1,000 साल पुराना हिंदू मंदिर बंटवारे के बाद पहली बार ‘पूजा’ के लिए खोला गया। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि स्थानीय लोगों की मांग के बाद इसे खोला गया है। दिवंगत लेखक राशिद नियाज के द्वारा लिखी गई ‘हिस्ट्री ऑफ सियालकोट’ के मुताबिक यह मंदिर 1,000 साल पुराना है और लाहौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर शहर के धारोवाल क्षेत्र में है। इस मंदिर का नाम शवाला तेजा सिंह मंदिर है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखरेख करने वाली इवेक्यू ट्रस्ट पॉपर्टी बोर्ड ने स्थानीय हिंदू समुदाय की मांग पर भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पहली बार मंदिर का दरवाजा खोला है। उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग नहीं रहते थे इसलिए यह मंदिर बंद था। उन्होंने बताया कि 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हमला हुआ था और यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यहां करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं। लेकिन इस समुदाय का कहना है कि यहां 90 लाख से ज्यादा हिंदू हैं।


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पाकिस्‍तान में सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्‍त, कम से कम 15 लोगों की मौत

पाकिस्‍तान में सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्‍त, कम से कम 15 लोगों की मौत

रावलपिंडी पाकिस्‍तान के रावलपिंडी शहर में मंगलवार अल सुबह पाकिस्‍तानी सेना का एक विमान आवासीय इलाके में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। इस हादसे में अब तक कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि 12 लोग घायल हुए हैं। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्‍या बढ़ सकती है। मारे गए लोगों में 5 सैनिक भी हैं। पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि हादसे में विमान के दोनों पायलट मारे गए हैं। हादसे को देखते हुए रावलपिंडी के अस्‍पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। बचाव दल के सदस्‍यों ने बताया कि विमान हादसे में कम से कम 12 लोग घायल हैं जिसमें से कई की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। पाकिस्‍तानी सेना के मुख्‍यालय रावलपिंडी में हुए इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। उधर, सेना ने अभी हादसे के कारणों के बारे में नहीं बताया है। पाकिस्‍तानी सेना ने कहा कि यह विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था। इसी दौरान विमान रावलपिंडी के बाहरी इलाके में स्थित मोरा कालू गांव में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे फुटेज में नजर आ रहा है कि विमान गिरने के बाद आवासीय इलाके में आग लग गई। इसमें कई घरों के तबाह होने की सूचना है। बचावकर्मियों ने बताया कि इस विमान ने अचानक अपना नियंत्रण खो दिया और दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। अंधेरा होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में बाधा आई।


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शुरुआती कारोबार में रुपया छह पैसे कमजोर

शुरुआती कारोबार में रुपया छह पैसे कमजोर

मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी के बीच शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को छह पैसे टूटकर 68.95 पर खुला। अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा विनिमय बाजार में रुपया 68.92 के कमजोर रुख के साथ खुला। जल्द ही यह डॉलर के मुकाबले पिछले बंद स्तर से छह पैसे गिरकर 68.95 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 68.89 पर बंद हुआ था। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार संघीय मुक्त बाजार समिति की 31 जुलाई की बैठक को लेकर निवेशकों का रुख सावधानी भरा है जिसके चलते रुपये में कारोबार सीमित दायरे में चल रहा है। इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर लगे होने के चलते भी रुपया प्रभावित हुआ है। अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि मंगलवार से शंघाई में व्यापार वार्ता को फिर शुरू कर सकते हैं। आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 1,503.26 करोड़ रुपये की निकासी की। इसी बीच ब्रेंट कच्चा तेल 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.25 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।


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कहां से आए 64 करोड़? कोचर दंपती, धूत से फिर होगी पूछताछ!

कहां से आए 64 करोड़? कोचर दंपती, धूत से फिर होगी पूछताछ!

रश्मि राजपूत, मुंबई दीपक व चंदा कोचर और के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से जांच एजेंसियां फिर पूछताछ कर सकती हैं। हाल में दो अलग-अलग रिपोर्ट्स में कहा गया है कि विडियोकॉन ग्रुप से की कंपनियों को घुमा-फिराकर मिले 64 करोड़ रुपये की वजहों का पता नहीं चल पाया है। सूत्रों ने बताया कि तीनों से इस बारे में एजेंसियां पूछताछ कर सकती हैं। आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन ग्रुप को मिले कर्ज में कथित गड़बड़ियों को लेकर कोचर दंपती जांच एजेंसियों के निशाने पर है। ये कर्ज उस वक्त दिए गए थे, जब चंदा आईसीआईसीआई बैंक की चीफ थीं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और कंपनी मामलों के मंत्रालय ने अपनी हालिया रिपोर्ट्स में बताया था कि कई कंपनियों के जरिये दीपक कोचर ग्रुप की कंपनियों को विडियोकॉन से 64 करोड़ रुपये मिले थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पैसा क्यों दिया गया, इसकी वजहों का पता नहीं चला है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच इकाई ने कहा है ‘बिजनस खर्च’ के मद में जो खर्चे दिखाए गए हैं, वे ‘जेनुइन बिजनस ट्रांजैक्शंस’ नहीं लगते। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने भी संकेत दिया है कि विडियोकॉन ग्रुप ने ‘कोचर ग्रुप से यह पैसा वापस लेने की गंभीर कोशिश नहीं की।’ कई जांच एजेंसियां धूत और कोचर दंपती से कई बार पूछताछ कर चुकी हैं। कम से कम चार केंद्रीय एजेंसियों- सीबीआई, एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी), इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और कंपनी मामलों का मंत्रालय कई कानून के उल्लंघन को लेकर जांच कर रहा है। पिछले हफ्ते धूत और दीपक कोचर से ईडी ने दिल्ली में अपने मुख्यालय में पूछताछ की थी। ऊपर जिन सूत्रों का जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने कहा, ‘दोनों रिपोर्ट्स में 64 करोड़ के लेनदेन को संदिग्ध बताया गया है। अब इसकी जांच हो रही है कि यह पैसा आईसीआईसीआई बैंक से विडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कर्ज की एवज में तो नहीं दिया गया था? कोचर दंपती और धूत से इन रिपोर्ट्स के नतीजों से जुड़े सवाल किए जाएंगे।’ अधिकारी ने यह भी कहा, ‘इस मामले की जांच में न ही कोचर दंपती और न ही धूत सहयोग कर रहे हैं।’ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दक्षिण मुंबई में सीसीआई चैंबर की खरीद की भी पड़ताल कर रहा था। कोचर परिवार इसी इमारत में रहता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस सौदे की जांच बेनामी लेनदेन (निषेध) कानून के तहत कर रहा है, लेकिन अभी तक इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है। ऊपर जिन सूत्रों का जिक्र है, उनमें से एक ने कहा, ‘जांच से पता चला कि कोचर की कंपनी क्रिडेंशिल फाइनैंस लिमिटेड ने 1998 में यह फ्लैट खरीदा था। 2001 तक विडियोकॉन इंटरनैशनल का इस कंपनी में 2 पर्सेंट स्टेक था। इसके बाद क्रिडेंशल को लिक्विडेट कर दिया गया और विडियोकॉन ने क्वॉलिटी अप्लायंस को टेकओवर के लिए अधिकृत किया। इस फ्लैट पर क्वॉलिटी अप्लायंसेज प्राइवेट लिमिटेड (अब क्वॉलिटी टेक्नो अडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड) का मार्च 2016 तक हक था, जो विडियोकॉन ग्रुप से जुड़ी कंपनी है। इस फ्लैट को एक ट्रस्ट के जरिये 2016 में दीपक कोचर को मामूली कीमत पर ट्रांसफर किया गया।’


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पाकिस्तान में सबको लग गया है ‘तंदूरी चाय’ का चस्का

पाकिस्तान में सबको लग गया है ‘तंदूरी चाय’ का चस्का

इस्लामाबाद, 29 जुलाई (एएफपी) दुनियाभर में चाय प्रेमियों की कमी नहीं है और अगर किसी को चाय का चस्का लग जाए तो फिर वह इसका स्वाद लेने कहीं भी पहुंच जाता है... चाय के कुछ ऐसी ही दीवाने आपको पाकिस्तान के सनाउल्लाह मार्ग स्थित चाय की टपरी पर भी नजर आएंगे जिसकी ‘तंदूरी चाय’ पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस मशहूर चाय की टपरी पर मिट्टी (टेराकोटा) के कुल्हड़ में चाय दी जाती है। इसको बनाने के लिए कुल्हड़ को तंदूर में डाल उच्च तापमान पर पकाया जाता है और फिर उस गर्म-गर्म कुल्हड़ में चाय को डाल उसे परोसा जाता है। कुल्हड़ की मिट्टी और तंदूर की सौंधी खुशबू चाय के स्वाद को दोगुना कर देती है। इस मशहूर दुकान के मालिक ने कहा, ‘‘ चाय को बनाने का तरीका बड़ा ही नायाब है, जो लोगों को काफी पसंद आता है।’’ वहीं दुकान पर अक्सर आने वाले मोहम्मद इशाक खवर ने कहा, ‘‘ यहां का माहौल अलग ही होता है, विशेषकर वे जिस तरह चाय परोसते हैं। यह काफी पुराना तरीका है...जो आपको उस दौर में ले जाता है जब चाय के लिए कुल्हड़ का इस्तेमाल किया जाता था।’’ एएफपी निहारिका नरेशनरेश


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डब्ल्यूटीओ पर ‘दबाव’ की चाल चलने में सफल नहीं होगा अमेरिका : चीनी मीडिया

डब्ल्यूटीओ पर ‘दबाव’ की चाल चलने में सफल नहीं होगा अमेरिका : चीनी मीडिया

बीजिंग, 29 जुलाई : भाषा : इस सप्ताह होने वाली व्यापार वार्ता से पूर्व अमेरिका इस जुगत में लगा है कि किसी प्रकार विश्व व्यापार संगठन में चीन का ‘‘विकासशील राष्ट्र’’ का दर्जा उससे वापस ले लिया जाए। लेकिन चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि अमेरिका की यह दबाव बनाने की चाल कामयाब नहीं होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुक्रवार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राबर्ट लाइथिजर को भेजे गए एक मेमो के बाद चीन के सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह प्रतिक्रिया जाहिर की। इस मेमो में कहा गया है कि व्यापार नियमों की वैश्विक व्यवस्था का संचालन और विवादों का निपटारा करने वाले डब्ल्यूटीओ द्वारा ‘‘विकसित और विकासशील देशों के बीच किया जाने वाला विभाजन अब पुराना पड़ गया है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि डब्ल्यूटीओ के कुछ सदस्य बेजा फायदा उठा रहे हैं ।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘ 90 दिनों के भीतर डब्ल्यूटीओ नियमों में सुधार की दिशा में सार्थक और ठोस कदम उठाए बिना , अमेरिका डब्ल्यूटीओ के किसी भी सदस्य देश को अब विकासशील देश के तौर पर नहीं लेगा। अनुचित तरीके से खुद को विकासशील देश घोषित करके डब्ल्यूटीओ नियमों के लचीलेपन और उसके समझौतों के तहत फायदा उठाने वाले देशों को अब अमेरिका विकासशील नहीं मानेगा।’’ इस मेमो में मुख्य रूप से चीन को केंद्र में रखा गया है। यह मेमो मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी तथा चीनी वार्ताकारों के बीच शंघाई में होने वाली बैठक से पहले जारी किया गया है। इस बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच एक व्यापार विवाद को सुलझाना है जिसके चलते दोतरफा कारोबार पर 360 अरब डालर मूल्य का शुल्क लगाया गया था। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हवा ने डब्ल्यूटीओ के स्तर पर दी गई इस धमकी के संबंध में लिखा, अमेरिका ने निश्चित रूप से ‘‘एक नयी सौदेबाजी के तहत इस समय यह मेमो जारी किया है।’’ एजेंसी ने लिखा है, ‘‘लेकिन दबाव डालने की यह चाल चीन के लिए कोई नयी बात नहीं है और यह चाल कभी कामयाब भी नहीं हुयी है।’’ शिन्हवा ने कहा है कि अमेरिकी सरकार की यह ‘‘दादागिरी की नयी कोशिश है जिसका कड़ा विरोध होना तय है।’’ गौरतलब है कि डब्ल्यूटीओ में विकासशील देश का दर्जा मिलने से विश्व व्यापार संगठन संबंधित सरकारों को मुक्त व्यापार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए लंबी समय-सीमा प्रदान करता है और साथ ही ऐसे देशों को अपने कुछ घरेलू उद्योगों का संरक्षण करने तथा राजकीय सहायता जारी रखने की अनुमति होती है। लेकिन अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष व्यापार अधिकारी जेनीफर हिलमैन का कहना है कि जिन अधिकतर मामलों में देशों को विशेष दर्जे के लाभ दिए गए थे, उनसे संबंधित नियम अब बहुत पुराने पड़ चुके हैं। हिलमैन डब्ल्यूटीओ में काम कर चुके हैं ।


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QR कोड से ऑफलाइन मार्केट पर कब्जा करना चाहती हैं पेमेंट कंपनियां

QR कोड से ऑफलाइन मार्केट पर कब्जा करना चाहती हैं पेमेंट कंपनियां

प्रतीक भक्ता, बेंगलुरु डिजिटल पेमेंट कंपनियां तेजी से ऑफलाइन पेमेंट्स का रुख कर रही हैं। वह क्यूआर कोड(क्विक रिस्पांस) के माध्यम से मार्केट के इस बड़े हिस्से पर कब्जा करना चाहती हैं। पेटीएम, फोनपे और गूगल पे क्यूआर कोड ऑफर करती हैं और उनके खुद के मर्चेंट हैं। वहीं भारतपे एग्रीगेटर के रूप में काम करती है और अपने मर्चेंट को यूपीआई बेस्ड पेमेंट मुहैया कराती है। भारतपे प्लेटफॉर्म पर होने वाले लेनदेन में से जून महीने में फोनपे का यूपीआई ट्रांजैक्शन 54 प्रतिशत शेयर, गूगल पे का 30 प्रतिशत और पेटीएम का 12 प्रतिशत शेयर देखा गया। भारतपे द्वारा जारी क्यूआर कोड पर 10 प्रतिशत पॉइंट्स के साथ जनवरी से फोनपे के शेयर में 44 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। दूसरी ओर पेटीएम का इसमें कम शेयर हो सकता है लेकिन कंपनी क्यूआर कोड के लेनदेन के मामले में काफी आगे है। क्यूआर कोड आधारित ऑफलाइन लेनदेन के मामले में पेटीएम आगे पेटीएम के पास खुद के स्वामित्व वाले क्यूआर कोड आधारित ऑफलाइन भुगतान का एक बड़ा हिस्सा है। 12 मिलियन यानी 120 लाख मर्चेंट के द्वारा 250 मिलियन लेनदेन पेटीएम क्यूआर कोड के माध्यम से किए जाते हैं। पेटीएम क्यूआर पेटीएम ऐप के माध्यम से किसी भी बैंक खाते से किए गए यूपीआई भुगतान को भी स्वीकार करता है। पेटीएम के सीनियर वाइज प्रेजिडेंट दीपक अब्बोट ने बताया, 'हमने अपना क्यूआर कोड साल 2015 में लॉन्च किया था। देशभर के लोकल किराना स्टोर, ऑटोरिक्शा से लेकर टॉप के होटलों और रेस्ट्रॉन्ट के लाखों लोगों ने इसे स्वीकार किया।' उन्होंने आगे कहा, 'हम पिछले एक साल में 3 गुना वृद्धि के गवाह बने, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का पेमेंट शामिल हैं।' भारतपे के यूपीआई पेमेंट्स में भी बढ़ोतरी दूसरी तरफ फोनपे ने के द्वारा लेनदेन की संख्या के बारे में तो साफतौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन इतना बताया कि उसके पास 5.5 मिलियन ऑफलाइन मर्चेंट हैं जो फोनपे के द्वारा केवल यूपीआई पेमेंट स्वीकार करते हैं। भारतपे के सीईओ अशनीर ग्रोवर का कहना है, 'भारतपे के माध्यम से यूपीआई पेमेंट में बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल में 6 मिलियन लेनदेन हुए थे जो जून में बढ़कर 10 मिलियन पर पहुंच गए।' सरकार के डिजिटल पेमेंट के सभी तरीकों के लिए जीरो चार्ज के प्रस्ताव रखने के बाद से ही बहस का मुख्य विषय बन गया है सरकार के इस प्रस्ताव पर पेमेंट कंपनियों के एक बड़े तबके के चिंता जाहिर की है जबकि स्मार्टफोन बेस्ड पेमेंट कंपनियों ने इसके समर्थन में हैं। ग्रोवर ने कहा, 'एमडीआर को हटाना एक स्वागत योग्य कदम है। पेमेंट के नाम पर अब और वसूली नहीं होनी चाहिए।'


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सरचार्ज के निशाने पर FPI नहीं, ब्याज दरों में और कटौती की है गुंजाइश : निर्मला सीतारमन

सरचार्ज के निशाने पर FPI नहीं, ब्याज दरों में और कटौती की है गुंजाइश : निर्मला सीतारमन

दीपशिखा सिकरवार & विनय पांडेय, नई दिल्ली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बजट में अमीरों पर जो सरचार्ज लगाया गया, उसका इरादा ट्रस्ट के रूप में काम करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को नुकसान पहुंचाना नहीं था। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि इकनॉमी और मुश्किल दौर से गुजर रहे ऑटो जैसे क्षेत्रों पर सरकार की नजर है। उन्होंने ब्याज दरों में ‘भारी कटौती’ की भी वकालत की। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि विदेश से कर्ज जुटाने की योजना पर सरकार पुनर्विचार नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि बजट में टैक्स कलेक्शन के जो लक्ष्य रखे गए हैं, वे हासिल किए जा सकते हैं। सरचार्ज के जरिए पर वार नहीं था कोई इरादा 'दो करोड़ से ज्यादा की सालाना आमदनी पर सरचार्ज लगाए जाने पर निर्मला ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो हम एफपीआई को छूना नहीं चाहते थे।’ उन्होंने वादा किया कि जो कंपनियां सरचार्ज से बचने के लिए ट्रस्ट से कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर में शिफ्ट होना चाहती हैं, वह उनका पक्ष सुनने को तैयार हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘अगर यह प्रक्रिया पेचीदा हो जाती है, कन्वर्जन टैक्स न्यूट्रल नहीं है तो मैं उनकी बात सुनने को तैयार हूं।’ हालांकि, उन्होंने विदेशी निवेशकों को स्पेशल ट्रीटमेंट को लेकर आगाह भी किया। उन्होंने कहा, ‘किसी मुद्दे पर जब पुनर्विचार शुरू होता है तो यह किस हद तक होना चाहिए? क्या सिर्फ एफपीआई के मामले में छूट देने की बात हो रही है? अगर ऐसा है तो फिर घरेलू निवेशकों का क्या होगा?’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘इसलिए, मैं इस मुद्दे को यहीं छोड़ती हूं।’ 40% FPI ही सरचार्ज के दायरे में सरकार ने बजट में 2-5 करोड़ रुपये की करयोग्य आमदनी पर सरचार्ज 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 25 पर्सेंट और 5 करोड़ से अधिक की कमाई पर 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 37 पर्सेंट कर दिया था। यह सरचार्ज इंडिविजुअल, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट और असोसिएशंस ऑफ पर्संस पर लगाया गया है, लेकिन इसका असर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों, सॉवरेन वेल्थ फंड (दूसरे देशों के सरकारी फंड) और ऑल्टरनेट इनवेस्टमेंट फंडों पर भी पड़ेगा। कहा जा रहा है कि इस सरचार्ज के कारण ही बजट के बाद से शेयर बाजार में कमजोरी बनी हुई है। देश में रजिस्टर्ड एफपीआई में से 40 पर्सेंट इस सरचार्ज के दायरे में आएंगे। ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश वित्त मंत्री ने कहा कि ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है। निर्मला ने बताया, ‘मैं ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रही हूं। इसमें बड़ी कटौती होनी चाहिए। इससे देश को काफी फायदा होगा। इंडस्ट्री को भी लगता है कि इसकी गुंजाइश है।’ उन्होंने इन अटकलों को गलत बताया कि सरकार विदेश में बॉन्ड बेचकर कर्ज लेने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी इस योजना को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। विकास दर के अनुमान में कटौती से चिंतित नहीं वित्त मंत्री आर्थिक विकास दर के अनुमान में हालिया कटौती से चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी वैश्विक ग्रोथ में कमी आ रही है, इसके बावजूद भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 पर्सेंट या इससे अधिक रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया, ‘मैं इससे चिंतित नहीं हूं, लेकिन मैं हालात पर नजर बनाए रखूंगी। सरकार को जो भी कदम उठाने चाहिए, हम हालात देखकर और सोच-समझकर वह काम करेंगे। हम हड़बड़ी में कुछ नहीं करने जा रहे हैं।’ पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2020 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान पहले के 7.3 पर्सेंट से घटाकर 7 पर्सेंट कर दिया था। टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य हवा-हवाई नहीं ऐसी खबरें आई थीं कि आरएसएस और स्वदेशी जागरण मंच के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया था। इस सवाल के जवाब में निर्मला ने कहा, ‘मैं कोई समीक्षा नहीं कर रही हूं। मैंने किसी और को भी ऐसा करने को नहीं कहा है।’ वित्त मंत्री ने यह दावा भी किया कि बजट में टैक्स कलेक्शन के जो अनुमान दिए गए हैं, उन्हें हासिल किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने जो लक्ष्य तय किए हैं, उन्हें हासिल किया जा सकता है। इनकम टैक्स डे इवेंट के दौरान भी मैंने यह बात कही थी।’ उन्होंने कहा, ‘टैक्स डिपार्टमेंट ने इस पर सहमति दी है। यह हवा-हवाई लक्ष्य नहीं है।’


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विस्तार के लिए पूंजी जुटाएगी हीरो इलेक्ट्रिक, 700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

विस्तार के लिए पूंजी जुटाएगी हीरो इलेक्ट्रिक, 700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। हीरो इलेक्ट्रिक इस अवसर का लाभ उठाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी अपने विस्तार को पूंजी जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों की एक लाख इकाइयों की वर्तमान उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर पांच लाख सालाना करने के लिए अगले तीन साल में 700 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है। हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हम हर पहलू पर विस्तार कर रहे हैं। पीछे देखने जैसा कुछ नहीं है...डीलर नेटवर्क, श्रमबल, उत्पाद पोर्टफोलियो और विनिर्माण के संदर्भ में हम विस्तार कर रहे हैं...हम निवेश करेंगे और इसके लिए पूंजी जुटाएंगे।'' उनसे पूछा गया कि कंपनी कितनी धनराशि जुटाना चाहती है तो उन्होंने कहा कि इस बार में अंतिम निर्णय नहीं किया गया है और कंपनी फिलहाल इस पर काम कर रही है।कंपनी की भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''हम विभिन्न चीजों के लिए कम-से-कम 500-700 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इसमें से बड़ी राशि विनिर्माण, उत्पाद के विकास, शोध एवं विकास और विपणन पर खर्च होगी।''


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अमेरिका नहीं कर रहा पहले जैसी खरीदारी, चीन तलाश रहा नए बाजार

अमेरिका नहीं कर रहा पहले जैसी खरीदारी, चीन तलाश रहा नए बाजार

पेइचिंग चीन में फैक्ट्रियों में ढेर साला माल तैयार होता है, लेकिन के कारण यह माल वैश्विक स्तर पर नए बाजार तलाश रहा है। अमेरिका चीन का सबसे बड़ा ग्राहक है, लेकिन गहरे होते ट्रेड वॉर के कारण अमेरिका अब पहले की तरह चीनी माल नहीं खरीद रहा है। न्यू यॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, चीन अब नए खरीदार तलाश रहा है, जो उसके लिए बहुत आसान नहीं दिख रहा। इस सप्ताह चीन ने औपचारिक तौर पर एशिया-प्रशांत इलाके में नए सिरे से मुक्त व्यापार जोन तैयार करने की कोशिशें शुरू कीं। अगर चीन इसमें सफल होता है तो ऑस्ट्रेलिया से लेकर भारत तक के बाजार उसके लिए उपलब्ध हो सकते हैं। चीन को उम्मीद है कि बातचीत के बाद चीन, जापान और साउथ कोरिया के बीच ट्रेड बैरियर घट सकते हैं। दुनियाभर में चीन टैरिफ में कटौती कर रहा है, जबकि इसके जवाब में अमेरिका में उत्पादित सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाता है। चीनी अर्थव्यवस्था की सेहत दांव पर है। पिछले सप्ताह चीन ने बताया कि पिछले तीन दशकों में इस बार चीन का विकास बहुत धीमी गति से हुआ है। चीन ने कहा, ट्रंप प्रशासन के साथ ट्रेड वॉर के कारण एक्सपोर्ट सेक्टर पर मार पड़ने लगी है। इंटरनैशनल रिलेशंस एक्सपर्ट चेन डिंगडिंग ने कहा, 'अमेरिका को रिप्लेस कर पाना बहुत मश्किल है, लेकिन कोशिश तो करनी होगी और डायरिफाई करना होगा। हम हमेशा अमेरिकी बाजार के भरोसे नहीं नहीं रहना चाहते, भले वह जरूरी हो।'


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सेंसेक्स की शीर्ष दस में से चार कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 84,433 करोड़ रुपये घटा

सेंसेक्स की शीर्ष दस में से चार कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 84,433 करोड़ रुपये घटा

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से चार का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बीते सप्ताह 84,432.80 करोड़ रुपये घट गया। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक को सबसे अधिक नुकसान हुआ। आलोच्य सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का भी बाजार पूंजीकरण कम हुआ। हालांकि, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में बढ़त दर्ज हुई। इन छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कुल मिलाकर 22,058.30 करोड़ रुपये बढ़ा, जो चार कंपनियों को हुए नुकसान की तुलना में कम है। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण सबसे अधिक 26,900.6 करोड़ घटकर 6,22,401.90 करोड़ रुपये पर आ गया। इसके अलावा एचडीएफसी का बाजार पूंजीकरण 23,360.6 करोड़ रुपये गिरकर 3,74,131.53 करोड़ रुपये पर आ गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 22,123.4 करोड़ रुपये गिरकर 7,69,627.33 करोड़ रुपये और एसबीआई का बाजार पूंजीकरण 12,048.2 करोड़ रुपये कम होकर 3,05,667.95 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं दूसरी ओर टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 11,951.35 करोड़ रुपये बढ़कर 7,91,302.89 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 3,484.66 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 2,68,125.39 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 2,487.11 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 3,31,749.04 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण 2,138.61 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 2,88,522.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इनके अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत 1,266.41 करोड़ रुपये बढ़कर 3,74,651.29 करोड़ रुपये और इन्फोसिस की बाजार हैसियत 730.16 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 3,38,148.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से टीसीएस सबसे बड़ी कंपनी रही। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, इन्फोसिस, आईटीसी, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा। बीते सप्ताह बृहस्पतिवार को टीसीएस ने बाजार पूंजीकरण के हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ दिया और पुन: शीर्ष स्थान पर काबिज हो गयी। समीक्षाधीन सप्ताह में सेंसेक्स में 454.22 अंक यानी 1.18 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 37,882.79 अंक पर बंद हुआ।


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त्योहारी मांग, विदेशों में तेजी से बीते सप्ताह तेल, तिलहन कीमतें मजबूत

त्योहारी मांग, विदेशों में तेजी से बीते सप्ताह तेल, तिलहन कीमतें मजबूत

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) वैश्विक बाजारों में तेजी के रुख और स्थानीय बाजार में त्योहारी मांग से बीते सप्ताह स्थानीय तेल तिलहन बाजार में तेल तिलहन कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिला। बाजार सूत्रों के अनुसार त्योहारी मांग के कारण सरसों तिलहन की कीमत 45 रुपये बढ़कर 3,980- 4,000 रुपये पर बंद हुई जो पिछले सप्ताहांत 3,935- 3,940 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई थी। त्योहारी लिवाली बढ़ने से सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 100 रुपये की तेजी के साथ 7,900 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया। इसके साथ ही लिवाली बढ़ने के कारण सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी के भाव 10-10 रुपये की तेजी दर्शाते क्रमश: 1,285- 1,585 रुपये और 1,485-1,685 रुपये प्रति टिन बंद हुए। स्थानीय मांग के कारण मूंगफली दाना तिलहन फसल की कीमत 20 रुपये की तेजी के साथ 4,720-4,870 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई, वहीं मूंगफली मिल डिलिवरी गुजरात की कीमत 10,500-11,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई जो पिछले सप्ताहांत 10,500-11,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई थी। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड की कीमत 1,875-1,915 रुपये प्रति टिन पर बनी रही। स्थानीय त्योहारी मांग बढ़ने से सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली और सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर की कीमतें क्रमश: 80 रुपये और 50 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 7,980 रुपये और 7,850 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। मांग बढ़ने के कारण सोयाबीन डीगम की कीमत भी 65 रुपये की तेजी के साथ 6,950 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। सीपीओ एक्स-कांडला का भाव पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 4,950 रुपये प्रति क्विन्टल के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में 130 रुपये की तेजी के साथ 5,080 प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। स्थानीय मांग बढ़ने से बिनौला मिल डिलिवरी हरियाणा की कीमत 250 रुपये की तेजी के साथ 7,650 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। विदेशों में तेजी के रुख और बाजार में उपलब्धता की कमी के बीच मांग बढ़ने से पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल की कीमतें क्रमश: 120 रुपये और 100 रुपये की तेजी दर्शाती क्रमश: 6,420 रुपये और 5,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। नारियल तेल सहित विभिन्न अखाद्य तेलों की कीमतें पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर ही बनी रहीं। जबकि मांग बढ़ने से मक्का खल का भाव 50 रुपये की तेजी दर्शाता 3,450 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।


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ट्रंप ने डब्ल्यूटीओ को चीन जैसे विकासशील देशों से उदार व्यवहार बंद करने को कहा

ट्रंप ने डब्ल्यूटीओ को चीन जैसे विकासशील देशों से उदार व्यवहार बंद करने को कहा

वॉशिंगटन राष्ट्रपति डॉनल्ड ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से कहा कि वह चीन और अन्य अर्थव्यवस्थाओं को विकासशील देश के नाम पर वैश्विक व्यापार नियमों में ढील का फायदा उठाने से रोके। ट्रंप ने एक पत्र में अमेरिका के व्यापार मंत्री रॉबर्ट लाइटहाइजर को कहा कि वह ऐसे देशों को विकासशील का दर्जा देने से डब्ल्यूटीओ को रोकने के लिए हरसंभव तरीकों का इस्तेमाल करें, जो आर्थिक रूप से मजबूत हैं और जिन्हें तरजीही सुविधा की आवश्यकता नहीं है। ट्रंप ने कहा कि चीन तथा अन्य वैश्विक शक्तियों को विकासशील के दर्जे से व्यापार नियमों का अनुचित लाभ उठाने का मौका मिल रहा है। यदि डब्ल्यूटीओ ने 90 दिनों में इस दिशा में उल्लेखनीय कदम नहीं उठाए तो अमेरिका खुद इन देशों को विकासशील देश की तरह मानना बंद कर देगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘डब्ल्यूटीओ तब छिन्न-भिन्न होता है जब दुनिया के अमीर देश डब्ल्यूटीओ के नियमों से बचने और तरजीही सुविधा पाने के लिए विकासशील होने का दावा करते हैं। अब यह नहीं होगा। आज मैंने अमेरिका के व्यापार मंत्री को अमेरिका की कीमत पर व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी करने से इन देशों को रोकने का कदम उठाने का निर्देश दिया।’ ट्रंप ने लाइटहाजर को 60 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया देने को भी कहा।


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2 केले की कीमत 18% GST के साथ 442 रुपये, 5 स्टार होटल को नोटिस

2 केले की कीमत 18% GST के साथ 442 रुपये, 5 स्टार होटल को नोटिस

नई दिल्ली2 केले की कीमत कितनी होगी? आप कहेंगे करीब 10 रुपये या किसी जगह बहुत महंगे मिले तो 20 रुपये। लेकिन यदि आपसे 2 केले की कीमत 375 रुपये और इसपर जीएसटी जोड़कर करीब 450 रुपये लिए जाएं तो कैसा झटका लगेगा? यह मजाक नहीं सच है। बॉलिवुड ऐक्टर को एक 5 सितारा होटल में यह बिल चुकाना पड़ा है। टैक्सफ्री आइटम पर जीएसटी वसूलने की वजह से एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने होटल को नोटिस जारी किया है। दरअसल, ऐक्टर राहुल बोस पिछले दिनों शूटिंग के सिलसिले में चंडीगढ़ में थे। वह यहां के 5 स्टार होटल जेडब्ल्यू मेरियॉट में ठहरे थे। 22 जुलाई को उन्होंने ट्वीट करके बताया कि यहां 2 केले के लिए उनसे 442.50 रुपये लिए गए हैं। उन्होंने बिल की तस्वीर भी दिखाई। इसमें देखा जा सकता है कि 'फ्रूट प्लैटर' की कीमत 375 रुपये दर्ज है और इस पर 18% की दर GST वसूल किया है (CGST 33.75 रुपये और UTGST 33.75 रुपये)। यह ट्वीट वायरल होने के बाद एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को होटल को नोटिस थमाकर पूछा है कि टैक्स फ्री आइटम पर जीएसटी क्यों वसूल किया गया? मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यों वाली टीम बनाई गई है, जिसने होटल से रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। होटल को शनिवार तक जवाब देने को कहा गया है। असिस्टेंट एक्साइज ऐंड टैक्सेशन कमिश्नर (AETC) राजीव चौधरी ने मीडिया से कहा, 'हमने एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। केले टैक्स फ्री कैटिगरी में आते हैं, इसलिए हमने उनसे पूछा कि उन्होंने केले पर टैक्स कैसे वसूल किया है।' होटल की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में फैसले से पहले पर्सनल हियरिंग का भी फैसला किया गया है। सुनवाई न्यायिक अधिकारी करेंगे। इस बीच कंज्यूमर प्रॉटेक्शन काउसिंल के सदस्य अजय जग्गा ने भी उपभोक्ता मामलों के निदेशक को लेटर लिखकर इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।


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Arrested kingpin of Afghan drug cartel started of as an auto mechanic in Delhi

Arrested kingpin of Afghan drug cartel started of as an auto mechanic in Delhi

Tifal Nau Khez, whose arrest on Tuesday led to the seizure of 130kg heroin from Navi Mumbai, had been eyeing the European contraband market after making his mark in India, said Delhi Police special cell officers who are associated with the investigation into the drug smuggling racket.

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हिंदू जिमखाना में निर्माण से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

हिंदू जिमखाना में निर्माण से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

कराचीपाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने यहां स्थित एक धरोहर स्थल हिंदू जिमखाना के परिसर में निर्माण पर आपत्ति जताई। राष्ट्रीय कला प्रदर्शन अकादमी को निर्माण की अनुमति देने के लिये सिंध प्रांतीय प्राधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट की है। सर्वोच्च अदालत ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को अगली सुनवाई में पेश होने के लिए कहा। एक याचिकाकर्ता के अनुसार धरोहर स्थल विभाजन से पहले से ही कराची के हिंदू समुदाय से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'इसकी स्थापना हिंदुओं की सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। सरकार ने विभाजन के बाद इसे एक बेनामी संपत्ति के रूप में अपने अधिकार में ले लिया।' याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि राष्ट्रीय कला प्रदर्शन अकादमी (नापा) को भवन खाली करने और इसे हिंदू समुदाय के सुपुर्द करने का निर्देश दिया जाए। 'डॉन' समाचार पत्र के अनुसार न्यायधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली 3 न्यायाधीशों की पीठ ने श्री रत्नेवश्वर महादेव वेल्फेयर की ओर से 2014 में दायर याचिका पर सुनवाई की गई। याचिका में हिंदू जिमखाना परिसर में निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। राष्ट्रीय कला प्रदर्शन अकादमी (नापा) जिमखाना भवन में स्थित है। पीठ ने प्रांतीय अधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि धरोहर स्थल के परिसर में निर्माण की अनुमति कैसे दी जा सकती है। न्यायाधीश अहमद ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदू जिमखाना में बने ऐसे ढांचों को गिराने का समय आ गया है। उन्होंने संस्कृति विभाग के मुख्य सचिव और सचिव को अगली सुनवाई में उनके जवाबों के साथ पेश होने के लिए कहा।


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अमेरिका ने भारत के सी-17 विमानों को सहयोग के लिए विदेशी सैन्य बिक्री को दी मंजूरी

अमेरिका ने भारत के सी-17 विमानों को सहयोग के लिए विदेशी सैन्य बिक्री को दी मंजूरी

(ललित के झा) वाशिंगटन, 27 जुलाई (भाषा) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताएं बढ़ाने के प्रयासों के तौर पर ट्रंप प्रशासन ने भारत के सैन्य मालवाहक विमान सी-17 को सहयोग देने के लिए 67 करोड़ डॉलर की विदेशी सैन्य बिक्री को मंजूरी देने के अपने फैसले से शुक्रवार को कांग्रेस को अवगत कराया। भारत ने हाल में सी-17 के लिए पुर्जे और इसकी मरम्मत संबंधी पुर्जे, सहयोग उपकरण और कार्मिक प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षण उपकरण आदि खरीदने का अनुरोध किया था जिसके बाद यह फैसला लिया गया। पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत को क्षेत्र में इसकी संचालनात्मक तत्परता बनाए रखने और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत सहायता मुहैया कराने की क्षमता के लिए इन उपकरणों की जरुरत है।’’ उसने कहा कि भारत को उन उपकरणों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई मुश्किल नहीं होगी। बयान में कहा गया है कि इस प्रस्तावित बिक्री से अमेरिका-भारत सामरिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह प्रमुख रक्षा साझेदार की गतिशीलता संबंधी क्षमताओं को मदद देकर अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को सहयोग देगी। यह साझेदारी हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बल होगी।


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नरम वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों ने की कारोबार की सतर्क शुरुआत

नरम वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों ने की कारोबार की सतर्क शुरुआत

मुंबई, 26 जुलाई (भाषा) विदेशी निवेशकों की जारी निकासी तथा नरम वैश्विक संकेतों के बीच शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों ने कारोबार की सतर्क शुरुआत की। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3.11 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 37,834.09 अंक पर रहा। निफ्टी 11,252.15 अंक पर स्थिर रहा। पिछले कारोबारी दिवस में सेंसेक्स 16.67 अंक यानी 0.04 प्रतिशत गिरकर 37,830.98 अंक पर रहा। निफ्टी भी 19.15 अंक यानी 0.17 प्रतिशत गिरकर 11,252.15 अंक पर रहा। शुरुआती कारोबार में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, येस बैंक, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एशियन पेंट्स और आईटीसी के शेयर दो प्रतिशत तक की तेजी में रहे। इनके अलावा भारती एयरटेल, ओएनजीसी, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टीसीएस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयर 1.84 प्रतिशत की गिरावट में रहे। कारोबारियों ने कहा कि कंपनियों के तिमाही परिणाम, विदेशी निवेशकों की बिकवाली तथा वैश्विक बाजारों के नरम संकेतों ने निवेशकों की धारणा प्रभावित की। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 126.65 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 398.53 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। इस बीच कारोबार के दौरान चीन के शंघाई कंपोजिट, हांग कांग के हैंग सेंग, जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कोस्पी समेत सभी मुख्य एशियाई बाजार लाल निशान में चल रहे थे। बृहस्पतिवार को वाल स्ट्रीट भी गिरावट में बंद हुआ था।


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शुरुआती कारोबार में रुपया 10 पैसे गिरा

शुरुआती कारोबार में रुपया 10 पैसे गिरा

मुंबई, 26 जुलाई (भाषा) विदेशी निवेशकों की बिकवाली तथा कच्चे तेल में तेजी के कारण शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 10 पैसे गिरकर 69.14 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। बृहस्पतिवार को रुपया 69.04 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल में तेजी, घरेलू शेयर बाजारों की सतर्क शुरुआत तथा विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने रुपये पर दबाव डाला। हालांकि अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम रहने से रुपये की गिरावट पर कुछ लगाम रही। इस बीच ब्रेंट क्रूड का वायदा 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 63.45 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 126.65 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे।


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भोजपुरी कांवर गीत : 'सपना पूरा करीहे बाबा भोलेनाथ'

भोजपुरी कांवर गीत : 'सपना पूरा करीहे बाबा भोलेनाथ'

खेसारी लाल यादव का नया भोजपुरी कांवर गीत 'सपना पूरा करीहे बाबा भोलेनाथ' का विडियो यूट्यूब रिलीज हो चुका है। गाने के बोल पवन पांडे ने लिखे हैं जबकि इसको संगीत शंकर सिंह ने दिया है।




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वॉट्सऐप पेमेंट्स सर्विस की सफल टेस्टिंग से बेहद उत्साहित हैं मार्क जकरबर्ग

वॉट्सऐप पेमेंट्स सर्विस की सफल टेस्टिंग से बेहद उत्साहित हैं मार्क जकरबर्ग

मेघा मांडविया, बेंगलुरुफेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा है कि भारत में वॉट्सऐप पेमेंट्स की बीटा टेस्टिंग उम्मीद से अधिक सफल रही है। सोशल मीडिया कंपनी को अब पूर्ण रूप से सर्विस की शुरुआत के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल का इंतजार है। जकरबर्ग ने विश्लेषकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में बताते हुए यह टिप्पणी की। 40 करोड़ यूजर्स के साथ भारत वॉट्सऐप के लिए सबसे बड़ा बाजार है। रिजर्व बैंक के आदेश के मुताबिक कंपनी पेमेंट्स डेटा भारत में स्टोर करने की प्रक्रिया में है। फेसबुक लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी के तौर पर पेमेंट्स को महत्व दे रही है। इसका फोकस प्राइवेट कॉन्वरसेशन और ट्रांजैक्शन पर है। यह भी पढ़ें: जकरबर्ग ने कहा, 'अब भारत में इस समय रेग्युलेटरी अप्रूवल का सवाल है, हमारे पास टेस्टिंग का लाइसेंस था। टेस्ट उम्मीद से भी बेहतर रहा। सीमित टेस्टिंग पर फीडबैक सकारात्मक रहा और कंपनी को विश्वास है कि विस्तार में इसकी शुरुआत यूजर्स के लिए उपयोगी होगी।' आगे उन्होंने कहा, 'पेमेंट्स के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं जब निजी जुड़ाव को आसान बनाने के तरीकों पर सोचता हूं, पेमेंट्स लॉन्ग टर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है। हम भारत में वॉट्सऐप पेमेंट्स की टेस्टिंग कर रहे हैं और दूसरे देशों में भी इसे लॉन्च करने के करीब हैं।' 10 लाख से अधिक यूजर्स के साथ वॉट्सऐप भारत में 2018 से बीटा मोड में है, लेकिन देशभर में इसकी लॉन्चिंग में देर हो चुकी है, क्योंकि शुरुआत में वॉट्सऐप ने भारत में डेटा स्टोर करने के आदेश का विरोध किया था, लेकिन अप्रैल में सहमत हो गया। भविष्य में फेसबुक वॉट्सऐप से दोस्तों और कारोबारियों को पैसे भेजने, इंस्टाग्राम पर खरीदानी करने और फेसबुक ट्रांजैक्शन में मदद करेगा। जकरबर्ग मानते हैं कि पैसे भेजना फोटो भेजने जितना आसान होने से कारोबारियों के लिए नए अवसर बनेंगे। जगरबर्ग ने कहा, 'हम भारत के अलावा दूसरे कई देशों में भी काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि अगले साल तक वॉट्सऐप यूज करने वाले लोगों में से अधिकांश इसका (पेमेंट्स सर्विस) इस्तेमाल कर रहे होंगे। यह लक्ष्य है। हम इन सभी मुद्दों पर जोर लगा रहे हैं।' वॉट्सऐप पेमेंट्स यूपीआई पेमेंट सर्विसेज जैसे गूगल पे, पेटीएम, फोन पे, भीम और पेयू के लिए बड़ा प्रतिद्वंद्वी होगा। मल्टिनैशनल फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी क्रेडिट सुइस के मुताबिक, भारत का डिजिटल पेमेंट कारोबार 2023 तक पांच गुना बढ़कर 1 ट्रिलयन डॉलर का हो जाएगा।


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सरकार को चिंता, वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस कहीं फेसबुक तक न पहुंचा दे यूजर डेटा

सरकार को चिंता, वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस कहीं फेसबुक तक न पहुंचा दे यूजर डेटा

आनंदिता सिंह मनकोटिया & अनुमेहा चतुर्वेदी, नई दिल्ली वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस से इसकी ग्रुप कंपनियों फेसबुक और इंस्टाग्राम को यूजर्स का डेटा मिलने की भारतीय अथॉरिटीज को आशंका है। शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से इस मामले को देखने और वॉट्सऐप और गूगल पे जैसी पेमेंट सर्विसेज के जरिए एकत्र किए जाने वाले यूजर डेटा को आगे साझा न करने को सुनिश्चित करने के तरीके खोजने को कहा है। देश में रिटेल पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम को ऑपरेट करने वाली NPCI नोडल एजेंसी है। वॉट्सऐप की प्रपोज्ड पेमेंट सर्विस यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर बेस्ड है। यह सिस्टम बैंक अकाउंट्स के बीच फंड के वास्तविक समय में ट्रांसफर की सुविधा देता है। एक अधिकारी ने कहा, 'वॉट्सऐप ने अभी तक बताया है कि फेसबुक और उसकी नॉन-वॉट्सऐप सब्सिडियरीज किसी कमर्शल मकसद के लिए वॉट्सऐप के UPI ट्रांजैक्शन डेटा का इस्तेमाल नहीं करतीं।' हालांकि वॉट्सऐप की क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर फेसबुक है। देश में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर बहस चल रही है और ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि वॉट्सऐप के पेमेंट सिस्टम पर इकट्ठा की गई कोई नॉन-कमर्शल या यूजर के बारे में कोई भी जानकारी फेसबुक या इसकी नॉन-वॉट्सऐप सब्सिडियरीज के साथ साझा न की जाए। वॉट्सऐप के नए ग्लोबल हेड विल कैथकार्ट ने भारत की अपनी यात्रा के दौरान कहा है कि वॉट्सऐप इस वर्ष के अंत तक देश में पेमेंट सर्विस शुरू करने की योजना बना रहा है। कैथकार्ट का प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों के साथ टेलिकॉम और आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद से भी मिलने का कार्यक्रम है। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कैथकार्ट को आशंकाओं की जानकारी दी जा सकती है। वॉट्सऐप ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि उसने भारत में पेमेंट्स से संबंधित डेटा को स्टोर करने के लिए एक सिस्टम डिवेलप किया है। उसका कहना था कि यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ऐसे डेटा को देश में स्टोर करने की पॉलिसी के अनुसार है। RBI और NPCI ने कमर्शल डेटा को देश में स्टोर करने को अनिवार्य बनाया है, लेकिन भारत पर्सनल डेटा की सुरक्षा पर भी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के जरिए सुनिश्चित करना चाहता है। यह बिल जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'अगर एक व्यक्ति कोई चीज ऑनलाइन खरीदने के लिए पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर भुगतान करता है तो वह डेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम के पास भी जा सकता है और यूजर को इसकी जानकारी भी नहीं होगी। अन्य दो कंपनियां की ओर से एकत्र किए गए डेटा का इस्तेमाल करना जारी रखेंगी, जो व्यक्ति की प्राइवेसी का उल्लंघन है।' वॉट्सऐप के लिए भारत दुनिया में सबसे बड़ा मार्केट है। इसकी पेमेंट सर्विस का मुकाबला पेटीएम, फोनपे और गूगल पे से होगा।


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Vegetables in Delhi markets contain toxic metals: Study

Vegetables in Delhi markets contain toxic metals: Study

These vegetables are supplied to large wholesale mandis such as the ones in Azadpur, Ghazipur and Okhla and distributed further to be sold at weekly markets as well as by local vendors across the city, with the highest concentration being in east Delhi though a precise area-wise sales break-up is not available.

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Rawat fights misuse of disability pension

Rawat fights misuse of disability pension

As a young company commander in the Uri sector, Gen Rawat had his ankle smashed by a huge boulder. Then, as Commander of III Corps, he dislocated his vertebra. He wears a wound medal on his chest, but has no intention of either taking disability pension or the accompanying tax benefits.

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जॉब्स : 3-4 साल का एक्सपीरियंस है? जुलाई-दिसंबर में कंपनियां करेंगी जमकर हायरिंग

जॉब्स : 3-4 साल का एक्सपीरियंस है? जुलाई-दिसंबर में कंपनियां करेंगी जमकर हायरिंग

नई दिल्ली कंपनियां साल की दूसरी छमाही में स्टाफ बढ़ाने का प्लान बना रही हैं। साइट नौकरी.कॉम ने छमाही सर्वे ‘नौकरी हायरिंग आउटलुक जुलाई-दिसंबर 2019’ में बताया कि 3-4 साल एक्सपीरियंस वाले कर्मचारियों की मांग सबसे ज्यादा रह सकती है। सर्वे में शामिल 78 प्रतिशत कंपनियों ने अगले छह महीनों में हायरिंग ऐक्टिविटी बढ़ने की अनुमान लगाया, पिछले साल इसी अवधि में यह आकंड़ा 70 प्रतिशत था। बढ़ सकती है टैलेंट की तंगी! रोजगार के अवसर बनना अच्छा संकेत है, लेकिन कंपनियों को सही टैलेंट खोजने में दिक्कत हो रही है। सर्वे में 41 प्रतिशत रिक्रूटर्स ने बताया कि अगले छह महीनों में टैलेंट की तंगी बढ़ सकती है। एक साल पहले यह आशंका 50 प्रतिशत कंपनियों ने जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 15 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि अगली छमाही में सिर्फ रिप्लेसमेंट हायरिंग होगी। वहीं 5 प्रतिशत का मानना है कि हायरिंग में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, जबकि कुल कंपनियों में से एक प्रतिशत छंटनी की आशंका जता रहे हैं। 3-5 साल एक्सपीरियंस वालों की ज्यादा हायरिंग आईटी, बीएफएसआई और बीपीओ की करीब 80 प्रतिशत कंपनियां नए पैदा होने का संकेत दे रही हैं। सर्वे में बताया गया है कि सबसे ज्यादा हायरिंग 3-5 साल एक्सपीरियंस वाले सेगमेंट में होगी। इसके बाद 1-3 साल एक्सपीरियंस वालों को मौके मिलेंगे। बीपीओ सेक्टर की कंपनियां अपनी कुल हायरिंग में 50 प्रतिशत जगह 0-1 साल अनुभव रखने वाले कैंडिडेट को देंगी। वहीं, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 12 साल से ज्यादा एक्सपीरियंस वाले प्रोफेशनल्स को हायर करेंगी। 10% रहेगी जॉब बदलने वालों की दर नौकरी.कॉम के चलाने वाली इंफोएज इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर सुमित सिंह ने बताया, ‘जिन लोगों से बात की गई उनमें से 78 प्रतिशत ने अगले छह माह में नियुक्ति का माहौल बेहतर रहने की उम्मीद जताई।’ सर्वे में शामिल आधी से अधिक कंपनियों ने बताया कि नौकरी बदलने वालों की दर 10 प्रतिशत रहेगी। वहीं, अन्य 20 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि नौकरी बदलने वालों की संख्या 10-20 प्रतिशत के बीच रह सकती है। एक से पांच साल का अनुभव रखने वाले कर्मचारियों में नौकरी बदलने के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिलेंगे। क्या चाहते हैं नौकरी बदलने वाले कर्मचारी अधिकतर कंपनियों और कैंडिडेट्स के मुताबिक, बेहतर कंपनसेशन, अच्छी प्रोफाइल और करियर ग्रोथ नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। हालांकि, कुछ एंप्लॉयीज रिलोकेशन और मैनेजर की वजह से भी दूसरी कंपनी में चले जाते हैं। इस हायरिंग आउटलुक में 15 से ज्यादा बड़ी इंडस्ट्रीज की लगभग 2,700 कंपनियां और कंसल्टेंट्स शामिल थे।


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