कई बैंकों में खाते तो आप आएंगे इनकम टैक्स विभाग के रडार पर

नई दिल्ली आपने बेवजह ही कई बैंकों में खाता खोल रखा है तो सावधान हो जाएं। इन खातों का उपयोग नहीं है तो उसे बंद करवा देने में ही भलाई है। नहीं तो, हो सकता है कि आप इसी वजह से ( Department) के रेडार पर आ जाएं। दरअसल, समझता है कि आपने ढेरों बैंक अकाउंट () इसलिए खोल रखा है ताकि वह काले धन को सफेद बनाने (Money Laundering) का जरिया बने। कानूनन खाता खोलने पर मनाही नहीं जानकारों का कहना है कि भारत में अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं बना है, जो किसी व्यक्ति को कई बैंक में खाता खोलने से रोके। लेकिन, जब बात आयकर विभाग की सक्रियता की आती है तो फिर ऐसे लोगों को परेशानी हो सकती है। आयकर विभाग के सोचने का तरीका अलग है। वह सोचता है कि किसी ने बिना कारण कई बैंकों में अकाउंट खोला है तो वह कहीं डमी अकाउंट तो नहीं है। वह अकाउंट किसी शेल या फर्जी कंपनी से तो नहीं जुड़ा है। उससे काले धन को सफेद बनाने में मदद तो नहीं मिल रही है। कई घटनाएं हो चुकी है ऐसी आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि इस तरह के मामले सामने आते ही रहते हैं। कुछ समय पहले ही गाजियाबाद में एक व्यक्ति पकड़ में आया था, जिसने एक निजी बैंक और एक सरकारी बैंक में 80 से भी ज्यादा खाते खोल रखा था। आयकर विभाग को संदेह था कि उसने इन खातों के सहारे करीब 380 करोड़ रुपये के बराबर काले धन को सफेद कर दिया है। इसी तरह, नोटबंदी में दिल्ली में एक ऐसा व्यक्ति पकड़ में आया था जो कि कश्मीरी गेट के मोटर पार्ट्स मार्केट में झल्ली ढोता था और उसके 20 से ज्यादा बैंक खाते थे। दिलचस्प बात यह है कि उस व्यक्ति को कोई ठिकाना भी नहीं था। वह रात में जब बाजार बंद हो जाता था, तब किसी दुकान के सामने पटरी पर ही बिस्तर बिछा कर सो जाता था। लेकिन नोटबंदी के दौरान उनके खाते में लाखों रुपये की रकम अपने खाते में जमा की थी। एक ही व्यक्ति के कई शहर मे खाते हैं तो होता है संदेह सूत्र बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अलग अलग शहरों में कई बैंक खाते खुलवा रखा है, तो भी वह संदेह का पात्र है। आज से कई साल पहले, जबकि बैंकों में सेंट्रलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम नहीं था, तब तो ऐसा होता था। कई शहरों में काम करने वाले कारोबारी ऐसा करते थे, क्योंकि उस समय दूसरे शहर के बैंक का चेक क्लियर होने में वक्त लगता था। अब तो सीबीएस सिस्टम में पलक झपकते ही पैसा ट्रांसफर हो जाता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अलग-अलग शहर में खाता खोलता है तो जाहिर है कि कुछ दूसरा ही उद्देश्य है। आयकर विभाग को मिल रही है सूचना वित्त मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि अब बैंकों से नियमित रूप से सूचना आयकर विभाग को मिल रही है। कौन व्यक्ति बड़ी मात्रा में रुपये की निकासी या जमा कर रहा है, इस बारे में बैंक तुरंत आयकर विभाग को बताता है। यही नहीं, एक ही पैन नंबर पर कितने बैंक खाते खुले हैं, इसकी भी जानकारी अब एक क्लिक में ली जा सकती है।


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