सुपरहिट भोजपुरी गाना 'हिलल नाही खटिया'

सुपरहिट भोजपुरी गाना 'हिलल नाही खटिया'

सिंगर मनीष सिंह के नए भोजपुरी गाने 'हिलल नाही खटिया' ने बिहार के मार्केट में धमाल मचा दिया है। यूट्यूब पर इस गाने के सेक्सी विडियो को काफी पसंद किया जा रहा है। यह गाना मनीष सिंह ने खुद गाया है और इसे संजीवनी म्यूजिक पर रिलीज किया गया है। देखें इस गाने का धमाकेदार विडियो:




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अंतरा सिंह प्रियंका का गाना 'सईया भीरी भईया जनि कहिह'

अंतरा सिंह प्रियंका का गाना 'सईया भीरी भईया जनि कहिह'

अंतरा सिंह प्रियंका और शनि कुमार शनिया का गरदा उड़ा देने वाले सॉन्ग 'सईया भीरी भईया जिनि' का विडियो रिलीज हो गया है। इस गाने को अखिलेश कश्यप ने लिखा है और शंकर सिंह ने इसका म्यूजिक दिया है। देखें, इस गाने का मजेदार विडियो:




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बच्चों के निजता उल्लंघन मामले में यूट्यूब पर 1,400 करोड़ रुपये का जुर्माना

बच्चों के निजता उल्लंघन मामले में यूट्यूब पर 1,400 करोड़ रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली निजता उल्लंघन के मामले में के बाद अब गूगल पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। बच्चों की निजी सूचनाओं को अवैध रूप से इकट्ठा करने के आरोप में गूगल की सहायक कंपनी यूट्यूब पर 20 करोड़ डॉलर (लगभग 1,400 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले का अमेरिका में बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य लोकप्रिय इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर उल्लेखनीय असर पड़ सकता है। बच्चों के निजता उल्लंघन पर सबसे बड़ा जुर्माना बच्चों के निजता उल्लंघन के मामले में अमेरिका के उपभोक्ता सुरक्षा नियामक द्वारा लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना होगा। पॉलिटिको फर्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जुर्माने की रकम को अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है। इससे पहले, बच्चों के निजता के उल्लंघन के ही मामले में सोशल विडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक पर 57 लाख डॉलर (लगभग 40 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। पढ़ें : फेसबुक, गूगल की ताकत को चुनौती गूगल पर एफटीसी के जुर्माने की खबर ऐसे वक्त में आई है, जब वॉशिंगटन तथा यूरोपीय संघ में नियामक तथा सांसद फेसबुक तथा गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों की ताकत को चुनौती दे रहे हैं। फेसबुक पर 3500 करोड़ रुपये का जुर्माना पिछले महीने एफटीसी ने उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा के गलत इस्तेमाल के लिए फेसबुक पर 5 अरब डॉलर ( 3500 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। अमेरिकी नागरिकों के सोशल मीडिया डेटा, जेनेटिक डेटा, फेशियल रिकॉग्निशन डेटा तथा अन्य निजी डेटा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस के सदस्यों ने इस साल कम से कम एक दर्जन निजी एवं पारदर्शिता विधेयक लाए हैं।


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अंतरा सिंह प्रियंका का गाना 'कईसे धोखा दी भतार के'

अंतरा सिंह प्रियंका का गाना 'कईसे धोखा दी भतार के'

अभिषेक सिंह और अंतरा सिंह प्रियंका का जोरदार भोजपुरी गाना 'कईसे धोखा दी भतार के' का विडियो रिलीज हो गया है और फैन्स इसे काफी पसंद कर रहे हैं। इस गाने को नितेश ठाकुर ने लिखा है और म्यूजिक शंकर सिंह ने दिया है। देखें, इस गाने का धमाकेदार विडियो:




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सरकार का अगला कदम, बड़ी सरकारी कंपनियों के शेयर बिकेंगे

सरकार का अगला कदम, बड़ी सरकारी कंपनियों के शेयर बिकेंगे

नई दिल्ली वित्त मंत्री बनने के बाद ने अब तक कई सेक्टरों में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने एफपीए से बढ़ाया सरचार्ज हटा दिया है। ऑटो सेक्टर को राहत दी है। सीएसआर में छूट के साथ बैंकों के महाविलय की घोषणा की। अब उनका अगला बड़ा रिफॉर्म विनिवेश के क्षेत्र में होगा। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एक ठोस विनिवेश पॉलिसी की घोषणा की जाएगी, जिसमें बड़ी सरकारी कंपनियों के 5 से 10 फीसदी शेयरों की बिक्री घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार निर्मला सीतारमण एक ठोस विनिवेश पॉलिसी चाहती हैं, जिसमें ज्यादा पारदर्शिता हो। सार्वजनिक कंपनियों में सरकार का मैनेजमेंट बना रहे। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक की हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों में बढ़े। नीति आयोग के साथ बैठकों का दौर जारी है। उम्मीद है कि सितंबर में ठोस विनिवेश पॉलिसी तैयार हो जाएगी। उसके बाद इसकी घोषणा कर इसे लागू किया जाएगा। जो सरकारी कंपनियां खस्ता हालत में हैं और जिनको पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, उनको बेच दिया जाएगा। वित्तीय संकट से जूझ रही जिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का रिवाइवल हो सकता है, उसका रिवाइवल प्लान जल्द ही तैयार किया जाएगा। इन कंपनियों की खाली पड़ी जमीनों को बेचा जाएगा। किन कंपनियों में होगा विनिवेश सूत्रों के अनुसार अभी तक हुई बैठकों में तीन प्रमुख बातों पर सहमति बनी है। नई पॉलिसी के तहत सरकारी कंपनियों की रणनीतिक बिक्री में तेजी लाएगी। इसके अलावा एनडीएमसी, एनबीसीसी, कोल इंडिया, हुडको, इरकान के साथ पवन हंस, हिंदुस्तान न्यूज प्रिंट, स्कूटर इंडिया, बीईएमएल में हिस्सेदारी बेची जाएगी। फैरो स्कैप निगम का नगरनार स्टील प्लांट तथा सेल के 3 प्लांट को बेचने पर भी सहमति बनी है। पीएसयू कंपनियों की संपत्ति बेचकर 3 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर भी सहमति की मुहर लग गई है। टेलीकॉम कंपनियों के टावर, गैस कंपनियों की पाइपलाइन के अलावा करीब 33 संपत्तियों की पहचान की गई है। नीति आयोग ने इन संपत्तियों की पहचान करके रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है। विनिवेश की नई पॉलिसी के तहत एमटीएनएल तथा बीएसएनएल के टावर और तेल कंपनियों की पाइपलाइन निजी हाथों में सौंपे जा सकते हैं। टारगेट से ज्यादा की उम्मीद विनिवेश के माध्यम से पैसा जुटाने के मामले में सरकार का प्रदर्शन औसत रहा है। पिछले साल विनिवेश के माध्यम से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। साल के आखिरी में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सका। चालू वित्त वर्ष में विनिवेश का लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रखा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण चाहती हैं कि विनिवेश के टारगेट को न केवल आसानी हासिल किया जाए, बल्कि लक्ष्य से ज्यादा हासिल करने की कोशिश की जाए और इसे समय से पहले हासिल किया जाए।


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कसम खाकर कश्मीर पर बोले पाक के मंत्री, 'हम अंत तक लड़ेंगे'

कसम खाकर कश्मीर पर बोले पाक के मंत्री, 'हम अंत तक लड़ेंगे'

इस्लामाबाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के बाद अब वहां संघीय जल संसाधन मंत्री ने भी कश्मीर को लेकर बयान दिया है। मंत्री फैसल वावदा ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह कसम खाते हुए कि हिटलर की नीति को मिटा देंगे, कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए अंत तक लडे़गा। कश्मीरियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पाकिस्तानियों द्वारा शुक्रवार को मनाए गए 'कश्मीर आवर' की मंत्री ने सराहना की। इस कार्यक्रम में फैसल ने कहा, शांति की पाकिस्तान की इच्छा को उसकी कमजोरी न समझा जाए। कश्मीर के साथ खड़ा होने के लिए उन्होंने अपने देशवासियों को धन्यवाद भी कहा। 'हम कश्मीर के साथ हैं खड़े' समाचार पत्र पाकिस्तान ऑब्जर्वर के अनुसार, वावदा ने अपने संदेश में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा, 'हम कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए अंत तक लड़ेंगे।' उन्होंने कसम खाई और कहा कि हिटलर की नीति को लोहे के हाथों की मजबूती के साथ निपटा जाएगा। इमरान ने दी थी युद्ध की चेतावनी गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत के कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को कश्मीर आवर मनाया। इसी मौके पर रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने कहा था कि हमारे कश्मीरी एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने युद्ध की भी चेतावनी दी थी।


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मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए किया कश्मीर का विलय: इमरान खान

मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए किया कश्मीर का विलय: इमरान खान

इस्लामाबाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। इस बार इमरान खान ने इसके लिए भारत में जारी हुई नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस () का सहारा लेते हुए एक बार फिर इस्लामिक कार्ड खेलने की कोशिश की है। पाक पीएम ने कहा कि भारत के कब्जे वाले कश्मीर का विलय करना भारत सरकार की मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली एक व्यापक नीति का हिस्सा है। इमरान खान ने भारत में जारी हुई नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की सूची का भी जिक्र किया। इस सूची में असम में कम से कम 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। उनकी पहचान अवैध विदेशी के रूप में हुई है। 'इसे खतरे की घंटी समझा जाए' जियो न्यूज के अनुसार, उठाया गया यह कदम क्षेत्र से मुसलमानों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के जोखिम को दर्शाता है। इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, मुसलमानों की जातीय सफाई के लिए दुनिया भर में इसे खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आ रही खबरों से द्वारा मुसलमानों की जातीय सफाई की नीति को लेकर दुनिया भर में इसे खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए। कश्मीर का विलय मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली इसी व्यापक नीति का हिस्सा है।' युद्ध की दी थी चेतावनी बता दें कि इससे पहले इमरान ने गुरुवार को कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का फैसला पलटता है, प्रतिबंधों को खत्म करता है और अपनी सेना को वापस बुलाता है, तभी उसके साथ बातचीत हो सकती है। इस दौरान उन्होंने युद्ध की चेतावनी भी दी। हालांकि एक तरफ जहां इमरान खान युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत से बातचीत की इच्छा जताई है। इमरान के मंत्री बोले- बातचीत को तैयार पाक मीडिया के मुताबिक कुरैशी ने कहा, 'हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा भारत भी यह चाहता है या नहीं।' कुरैशी का यह बयान तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ आतंक मुक्त और हिंसा मुक्त माहौल में द्विपक्षीय वार्ता को तैयार है।


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परिवार के साथ करें फ्लाइट से सफर, एयर इंडिया देगी 25% छूट

परिवार के साथ करें फ्लाइट से सफर, एयर इंडिया देगी 25% छूट

वीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी के डमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा देने की अपील के बाद 1 सितंबर से ‘घूमो इंडिया’ स्कीम लांच करने जा रही है। स्कीम के तहत देश के ऐतिहासिक जगहों पर लोगों को घुमाने के लिए सरकारी विमानन कंपनी फैमिली पैकेज शुरू कर रही है। इस पैकेज में एयर इंडिया अपनी और सहयोगी एयरलाइंस में 25 फीसदी की छूट देगी। पढ़ें- एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी के मुताबिक, स्कीम 1 सितंबर 2019 से 31 मार्च 2020 तक लागू रहेगी। स्कीम केवल फैमिली पैकेज पर ही लागू होगी। इसके तहत एक परिवार के कम से कम 3 सदस्य होने चाहिए। अधिकतम 6 सदस्य हो सकते हैं। पढ़ें- स्कीम का फायदा उठाने के लिए यह प्रूफ देना होगा कि यात्रा करने वालों में टिकटार्थी की पत्नी, बच्चा या मां और बाप हैं। इसके लिए पासपोर्ट, आधार कार्ड या कोई भी सरकारी आई कार्ड जो यह दर्शाता हो कि ये एक ही परिवार के सदस्य हैं, उसे दिखाना होगा।


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छह साल के निचले स्तर पर विकास दर, कम जीडीपी का आप पर क्या असर?

छह साल के निचले स्तर पर विकास दर, कम जीडीपी का आप पर क्या असर?

नई दिल्लीचालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की आर्थिक विकास दर घटकर महज 5 फीसदी रह गई है, जो साढ़े छह वर्षों का निचला स्तर है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। जीडीपी में गिरावट का हम पर सीधा असर होता है। आमदनी से लेकर रोजगार तक पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जीडीपी में गिरावट सबसे ज्यादा गरीबों को प्रभावित करता है, क्योंकि भारत सर्वाधिक सामाजिक असमानताओं वाले देशों में है। हर बार आपकी जेब पर पड़ता है। इसका औसत आमदनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है और रोजगार के कम अवसर की ओर संकेत करता है। यह भी पढ़ें: जीडीपी के कमजोर आंकड़ों के प्रभाव को विस्तार से बताते हुए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूड ऑफ डिवेलपमेंट रिसर्च में इकनॉमिक्स के प्रफेसर आर नागराज कहते हैं कि 2018-19 के प्रति व्यक्ति मासिक आय 10,534 रुपये के आधार पर, वार्षिक जीडीपी 5 पर्सेंट रहने का मतलब होगा कि प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2020 में 526 रुपये बढ़ेगी। इस उदाहरण को समझाते हुए उन्होंने कहा, 'यदि जीडीपी 4 पर्सेंट की दर से बढ़ती है तो आमदनी में वृद्धि 421 रुपये होगी। इसका मतलब है कि विकास दर में 1 फीसदी की कमी से प्रति व्यक्ति औसत मासिक आमदनी 105 रुपये कम हो जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो यदि वार्षिक जीडीपी दर 5 से गिरकर 4 पर्सेंट होती है तो प्रति माह आमदनी 105 रुपये कम होगी। यानी एक व्यक्ति को सालाना 1260 रुपये कम मिलेंगे।' यह भी पढ़ें: यह ध्यान देने योग्य है कि जीडीपी तिमाही दर तिमाही कम होते हुए 5 पर्सेंट पर आ गई है तो जो 2018-19 की पहली तिमाही में 8 पर्सेंट थी। अधिकतर इकॉनमिक रिसर्च फर्म्स ने पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटा दिया है। आम आदमी पर जीडीपी के कमजोर आंकड़ों के असर के बारे में नागराज ने कहा कि जीडीपी में गिरावट का मतलब है कि प्रति व्यक्ति आमदनी पर अनुपातिक कमी आएगी। अर्थव्यवस्था में और अधिक असमानता होगी। अमीरों के मुकाबले गरीबों पर इसका अधिक असर हो सकता है। उन्होंने कहा, 'गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है। जीडीपी में गिरावट से रोजगार दर में भी कमी आएगी।'


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अमेरिकी सांसदों ने कहा: तालिबान के साथ अफगानिस्तान शांति समझौते में पारदर्शिता लाएं

अमेरिकी सांसदों ने कहा: तालिबान के साथ अफगानिस्तान शांति समझौते में पारदर्शिता लाएं

(ललित के झा) वॉशिंगटन, 31 अगस्त (भाषा) अमेरिका के तीन सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने ट्रम्प प्रशासन से आश्वासन मांगा है कि वह तलिबान के साथ होने वाले किसी भी समझौते का पूरा पाठ कांग्रेस को उपलब्ध कराए। कांग्रेस के सदस्यों टॉम मालिनोवस्की, माइक गैलाघेर और ब्रैड शेरमैन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिखकर यह लिखित प्रतिबद्धता मांगी कि तालिबान के साथ कोई ऐसा गोपनीय समझौता नहीं किया जाएगा, जिसे कांग्रेस के साथ साझा नहीं किया जाए। उन्होंने शुक्रवार को लिखे एक पत्र में यह भी आश्वासन मांगा कि कोई भी समझौता इसी शर्त पर किया जाए कि तालिबान पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों समेत सभी आतंकवादी सहयोगियों के साथ अपने संबंध तोड़ देगा और अफगानिस्तान सरकार एवं तालिबान के बीच समझौते की शर्त पर ही अमेरिकी बलों की वापसी होगी। शेरमैन ने कहा कि हालांकि तालिबान के साथ गोपनीय तरीके से बात करना आवश्यक है लेकिन अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित करने वाले किसी भी समझौते को कांग्रेस से छुपाकर नहीं रखना चाहिए। कांग्रेस के सदस्यों ने यह भी पूछा कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी बलों को वाशिंगटन वापस लाया जाएगा या आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में उन्हें फिर से तैनात किया जाएगा। उन्होंने पूछा कि यदि उन्हें वापस बुलाया जाएगा तो अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र से गतिविधियों को अंजाम देने वाले दर्जनों आतंकवादी समूहों से देश को कैसे बचाया जाएगा और यदि उन्हें फिर से अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में तैनात किया जाता है तो इससे अमेरिकी बलों पर भार कैसे कम होगा या अमेरिकी करदाताओं का बोझ कैसे कम होगा?


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पाकिस्तान: अगवा हुई सिख लड़की घर पहुंची, 8 आरोपी गिरफ्तार

पाकिस्तान: अगवा हुई सिख लड़की घर पहुंची, 8 आरोपी गिरफ्तार

इस्लामाबाद के पंजाब प्रांत में को अगवा कर जबरन मुस्लिम युवक से निकाह कराने के मामले में नया मोड़ आ गया है। चौतरफा पड़ रहे दबाव के बीच पीड़ित लड़की को बरामद कर लिया गया है और उसे उसके घर भेज दिया है। इधर पंजाब प्रांत की ननकाना साहिब पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। गुरुवार को यह मामला सामने आने के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी इसका कड़ा विरोध हो रहा था। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस मामले में पाकिस्तान सरकार से बात की और तुरंत कदम उठाने की मांग की। लड़की के पिता ननकाना साहिब के गुरुद्वारा तंबू साहिब में मुख्य ग्रंथी हैं। उन्होंने पुलिस में शिकायत दी कि 27 अगस्त की रात हथियारबंद लोगों ने घर में घुसकर 19 साल की बेटी जगजीत कौर को अगवा किया और जबरन मुस्लिम युवक से निकाह करवा दिया। सूत्रों के मुताबिक, जिस मोहम्मद हसन से निकाह करवाया गया था, वह मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात उद-दावा का सदस्य है। पीड़ित परिवार ने पाकिस्तान सरकार और सेना से न्याय की गुहार लगाई थी। इनके समर्थन में भारतीय पंजाब के राजनीतिक दल खड़े हो गए। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री से दखल की अपील की। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, बीजेपी और सिख संगठनों ने भी घटना का विरोध किया था।


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अक्षरा सिंह का बर्थडे पर सुनें उनका हॉट भोजपुरी गाना 'करा ना मरद वाला रोल'

अक्षरा सिंह का बर्थडे पर सुनें उनका हॉट भोजपुरी गाना 'करा ना मरद वाला रोल'

भोजपुरी सिनेमा की बेहद खूबसूरत अदाकारा अक्षरा सिंह (Akshara Singh) का आज जन्मदिन है। उनके बर्थडे के मौके पर दर्शकों के बीच अक्षरा सिंह (Akshara Singh) के गाने खूब सुनें जा रहे हैं। ऐसे में अक्षरा सिंह (Akshara Singh)का भोजपुरी गाना 'करा ना मरद वाला रोल' का विडियो यूट्यूब पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस विडियो में अक्षरा सिंह के साथ पवन सिंह भी नजर आ रहे हैं। गाने में दोनों स्टार्स के बीच बेहद रोमांटिक केमिस्ट्री नजर आ रही है जो फैन्स को काफी एंटरटेन कर रही है।




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खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी का बेडरूम रोमांस

खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी का बेडरूम रोमांस

खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) और काजल राघवानी (Kajal Raghwani) का कुली नं 1 (Coolie No.1) का गाना- ऐ बलम जी मुआ देब का- में दोनों का बेडरूम रोमांस फैन्स को काफी भा रहा है। कुली नंबर 1 में खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी के अलावा पूजा गांगुली, संजय पांडे, देव सिंह हैं। गाना A Balamji Muaa Deba Ka- गाने को गाया है खेसारी लाल यादव और पूजा घोष ने।




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पाकिस्तान के ननकाना साहिब में सिख लड़की को जबरन मुस्लिम बना किया निकाह

पाकिस्तान के ननकाना साहिब में सिख लड़की को जबरन मुस्लिम बना किया निकाह

युद्धवीर राणा, अमृतसर पाकिस्तान में सिख समुदाय पहले गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले गम और गुस्से में है। इसकी वजह गुरुद्वारे में ग्रंथी के तौर पर सेवा देने वाले एक शख्स की बेटी का अपहरण कर उसका जबरन धर्मांतरण और निकाह कराना है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ यह घटना ननकाना साहिब में हुई है, जहां गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। नानक जयंती से कुछ दिन पहले ही हुई इस घटना से पाकिस्तान के सिख और अल्पसंख्यक पूरी तरह स्तब्ध हैं। ननकाना साहिब पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक 28 अगस्त को गुरुद्वारा तम्बू साहिब में ग्रंथी के तौर पर सेवा देने वाले एक शख्स की बेटी को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कराया गया और फिर उसकी शादी मोहम्मद अहसान नाम के शख्स से करा दी गई। लड़की के बड़े भाई शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। धर्मांतरण और जबरन शादी के आरोप में एक महिला रुकैया समेत 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सिख युवक के साथ हो चुकी थी युवती की सगाई इन सभी लोगों पर अपहरण, बंधक बनाने और जबरन शादी कराने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। लड़की के छोटे भाई ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से फोन पर बताया कि ननकाना साहिब से अहसान और अन्य लोगों ने 27 अगस्त की रात को उसकी बहन का अपहरण कर लिया था। यही नहीं लड़की की एक सिख युवक के साथ सगाई भी हो चुकी थी। रात 2 बजे घर पर हमला कर किया अगवा युवती के भाई ने बताया, 'वह हमारी बड़ी बहन के घर पर गई थी, जिसके पति बिजनस ट्रिप पर फैसलाबाद गए थे। इसी दौरान रात में करीब 2 बजे हथियारबंद लोगों ने घर पर हमला बोल दिया और सभी को मारने की धमकी देते हुए एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद बंदूक की नोक पर वे लोग बहन को किडनैप करके ले गए।' वायरल हो रहे विडियो में भयभीत दिख रही युवती यही नहीं पीड़िता के भाई के मुताबिक पुलिस ने भी उनकी शिकायत को नजरअंदाज करने की कोशिश की थी। उसने दावा किया कि हमारे परिवार को यह भी कहा गया कि हम गुरु नानक की 550वीं जयंती के उत्सव को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को न उठाएं। पीड़िता के कथित निकाह का एक विडियो भी पाकिस्तान में वायरल हो रहा है, जिसमें वह भयभीत नजर आती है। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के ही सिंध और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में भी हिंदू और सिख युवतियों की किडनैपिंग और जबरन शादी की कई घटनाएं सामने आई हैं।


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Fed up of airport frisking, man cries bomb, ends up missing flight to Bangkok

Fed up of airport frisking, man cries bomb, ends up missing flight to Bangkok

According to officials at security agencies, because of a high-leve alert being sounded, they had put in place secondary ladder point checking (SLPC) under which passengers, despite being checked by the Central Industrial Security Force (CISF) before entering the departure area, are checked again by airline staff just before they board.

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बिना फीस दिए पढ़ाई करें और जॉब मिलने के बाद दें पैसे

बिना फीस दिए पढ़ाई करें और जॉब मिलने के बाद दें पैसे

सौम्या भट्टाचार्य, रीका भट्टाचार्य और श्रीराधा डी बसु, नई दिल्ली देश के सबसे तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर्स में भी शामिल है। इसमें इनोवेशन भी खूब हो रहे हैं। अब यह सेक्टर क्वॉलिटी एजुकेशन के लिए फाइनैंसिंग का नया मॉडल अपनाने की तैयारी कर रहा है। इससे स्टूडेंट्स को शुरुआत में फीस नहीं देनी होगी और वे नौकरी मिलने के बाद इसका भुगतान कर सकेंगे। इसे इनकम शेयर ऐग्रिमेंट (ISA) कहा जाता है। इसमें जॉब की अच्छी संभावना वाले कोर्सेज के लिए आसानी से कर्ज मिलता है और उधार देने वाले का जोखिम भी कम होता है। स्टूडेंट्स के साथ ही यह ऐसे इंस्टीट्यूट्स के लिए भी अच्छा है, जो स्पेशलाइज्ड स्किल्स से जुड़े कोर्सेज चलाते हैं। ISA की पेशकश करने वाले इंस्टीट्यूट्स आमतौर पर स्टूडेंट्स के लिए सही जॉब खोजने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं, जिससे कुल रिस्क भी घट जाता है। अमेरिका में ISA एजुकेशन बिजनस मॉडल के तौर पर लोकप्रिय हो रहा है। भारत में अभी यह शुरुआती दौर में है। कुछ स्टार्टअप्स स्पेशल स्किल्स वाले कोर्स के लिए इसकी पेशकश कर रहे हैं। कुछ इंस्टीट्यूट्स भी छात्रों को इसका विकल्प देने पर गौर कर रहे हैं। ईटी ने इस बारे में कुछ एजुकेशन एक्सपर्ट्स, स्टार्टअप फाउंडर्स और लॉ फर्मों से बात की। लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर नागावल्ली जी ने बताया, 'ISA से इंस्टीट्यूट्स को ऐसे प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स को ऐडमिशन देने में मदद मिलती है, जो कोर्स की फीस नहीं चुका सकते। इस लोन स्ट्रक्चर में इंस्टीट्यूट शामिल होते हैं और अच्छे प्लेसमेंट के वादे के कारण इसमें जोखिम कम है। यह कॉन्सेप्ट अभी शुरुआती चरण में है। कुछ इंस्टीट्यूट्स इसे अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह अधिकतर टेक्नॉलजी और स्पेशलाइज्ड कोर्सेज के लिए किया जा रहा है, जिनकी जॉब मार्केट को जरूरत है।' भारत में ISA मॉडल की पेशकश करने वाली स्टार्टअप्स में अटेनU, इंटरव्यूबिट, पेस्टो टेक और ऑल्टकैम्पस शामिल हैं। अटेनU कोर्स पूरा होने के बाद मिनिमम 5 लाख रुपये की ऐनुअल सैलरी (कॉस्ट-टु-कंपनी) का वादा कर रही है। अगर स्टूडेंट्स को इससे कम सैलरी वाली जॉब मिलती है तो उन्हें फीस नहीं चुकानी होती। प्लेसमेंट सफल रहने पर स्टूडेंट अपनी मंथली सैलरी के 15 पर्सेंट से कोर्स फीस का भुगतान करते हैं। अटेनU के फाउंडर सीईओ दिव्यम गोयल ने बताया, 'ISA बाद में फीस के भुगतान वाला मॉडल है, जो एंप्लॉयमेंट की शर्त से जुड़ा है। हम इस मॉडल पर तीन नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और फिनेटक कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।' स्टूडेंट को तय लिमिट से अधिक सैलरी वाली जॉब मिलने पर स्टूडेंट, NBFC और अटेनU के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है। स्टूडेंट फीस की राशि NBFC को शून्य ब्याज दर पर चुकाता है। एक NBFC के एग्जिक्यूटिव ने बताया कि यह मॉडल इंटरेस्ट सबवेंशन बेस्ड पर्सनल लोन जैसा है। लॉ फर्म ट्राईलीगल के हेड (एंप्लॉयमेंट लॉ प्रैक्टिस) अजय राघवन ने कहा कि ISA एजुकेशन फाइनैंसिंग के विकल्पों को एक नया आयाम दे रहा है।


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100 रुपये के नए नोट जारी करेगा RBI, वार्निश नोटों की उम्र होगी लंबी

100 रुपये के नए नोट जारी करेगा RBI, वार्निश नोटों की उम्र होगी लंबी

नई दिल्लीआरबीआई जल्द ही 100 रुपये का नया और खास नोट जारी करेगा। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि जल्द ही 100 रुपये के मार्केट में आएंगे। इन्हें पहले ट्रायल के आधार पर जारी किया जाएगा। खास लेयर चढ़े नोट की उम्र लंबी होती है यानी ये जल्दी फटेंगे नहीं। वार्निश नोट का दुनिया के कई देशों में इस्तेमाल हो रहा है। इसके अच्छे अनुभव को देखते हुए रिजर्व बैंक ने देश में इसे आजमाने का फैसला किया है। फिलहाल इसकी शुरुआत 100 रुपये के नोटों से होगी। यह भी पढ़ें: हमारे घरों में मौजूद लकड़ियों के फर्नीचर पर हम एक चमकदार और पारदर्शी लेयर चढ़ी हुई देखते हैं, जिससे इनकी उम्र बढ़ जाती है। ठीक इसी तरह नोटों पर भी एक पतली सी लेयर चढ़ी होगी, जो इसे गंदगी से बचाएगी और नोट जल्दी खराब नहीं होंगे। नोट प्रिंटिंग के बाद इस पर वार्निश किया जाता है। हालांकि, इससे नोटों की लागत बढ़ जाएगी। मौजूदा नोट जल्दी खराब हो जाते हैं। ये जल्दी कट-फट जाते हैं या मैले हो जाते हैं। रिजर्व बैंक को हर साल लाखों करोड़ रुपये के गंदे या कटे-फटे नोट रीप्लेस करने पड़ते हैं। आमतौर पर हर पांच में से एक नोट हर साल हटाना पड़ता है। इन पर एक बड़ी राशि खर्च होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए दुनिया के कई देश प्लास्टिक नोटों का इस्तेमाल करते हैं।


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2018-19 में 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट बढ़े!

2018-19 में 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट बढ़े!

मुंबई नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 के नोटों का चलन पिछले वित्त वर्ष के दौरान काफी कम हो गया। वित्त वर्ष 2018-19 में चलन में रहे 2000 रुपये के नोटों की संख्या में 7.2 करोड़ की कमी दर्ज की गई। पिछले वित्त वर्ष में नई 2000 की करंसी की संख्या 336 करोड़ से घटकर 329 करोड़ पीस रह गई। वहीं, 500 रुपये के नोट की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 के 1546 करोड़ के मुकाबले 2018-19 में बढ़कर 2151 करोड़ पीस थी। दरअसल, करंसी जालसाज 200, 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की नकल के तरीके तलाश रहे हैं। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, इनके डुप्लिकेशन के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद इन्हें जारी किया था। 500 रुपये के नए डिजाइन वाले नोट 2017 में जारी हुए थे। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में इसकी नकल में 121 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। वहीं, 2000 रुपये की करंसी के मामले में यह आंकड़ा 21.9 पर्सेंट है। सरकार ने 200 रुपये के नए नोट 2017 में पेश किए थे। इसके 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे। पढ़ेंः RBI के डेटा के मुताबिक, इस अवधि के दौरान 500 और 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन क्रमश: 18 और 21 पर्सेंट ही बढ़ा था। इससे पता चलता है कि जाली नोटों के सर्कुलेशन में उछाल सिर्फ नोट का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से नहीं आ रही है। बैंकिंग रेगुलेटर के आंकड़ों से पता चलता है कि समान मूल्य वाले पुराने नोटों के मामले में उनके नकली होने की आशंका ज्यादा थी। नए नोटों के डुप्लिकेशन से बैंकिंग सिस्टम की दिक्कत बढ़ सकती है क्योंकि जालसाज इनकी नकल बनाने के लिए नए तरीके तलाश रहे हैं। RBI की गुरुवार को जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार, ‘2018-19 के दौरान बैंकिंग सेक्टर में जब्त कुल फेक इंडियन करंसी नोट (FICN) में से 5.6 पर्सेंट की रिजर्व बैंक और 94.4 पर्सेंट की अन्य बैंकों ने पहचान की थी।’ रिजर्व बैंक नए नोटों को चरणबद्ध तरीके से पुराने नोटों की जगह लेने के लिए लाया था। उस वक्त यह दलील दी गई थी कि पुराने नोटों की नकल बनने का खतरा ज्यादा है। इसके तुरंत बाद नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई थी। वैल्यू के लिहाज से मार्च 2019 के आखिर तक 500 और 2000 के नोटों की हिस्सेदारी कुल वैल्यू में 82.2 पर्सेंट थी। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा मार्च 2018 के अंत में 80.2 पर्सेंट था। इसके अलावा, समान अवधि में क्रमशः 10, 20 और 50 रुपये में पाए गए नकली नोटों में 20.2 पर्सेंट, 87.2 पर्सेंट और 57.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। सिर्फ 100 के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 7.5 पर्सेंट की गिरावट देखी गई।


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सरकार को RBI देगा फंड, समझिए बैंक की आमदनी-खर्च से जुड़ा हर गणित

सरकार को RBI देगा फंड, समझिए बैंक की आमदनी-खर्च से जुड़ा हर गणित

रिजर्व बैंक ने जालान कमिटी की सिफारिशें मान ली हैं। वह वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा। हमआपको इन रुपयों का हिसाब-किताब बता रहे हैं। तो यहां जानें की आमदनी के जरियों, खर्च, रिजर्व और आगे क्या होने वाला है, सबकुछ। RBI की आमदनी का जरिया रिजर्व बैंक को आमदनी मुख्य रूप से 'हासिल ब्याज' और 'अन्य आय' से होती है। स्रोत के हिसाब से बात करें तो RBI के देसी-विदेशी, दोनों आय के स्रोत हैं। घरेलू स्रोत: -OMO (ओपन मार्केट ऑपरेंशंस) वाली डोमेस्टिक सिक्यॉरिटीज की होल्डिंग पर मिलनेवाला ब्याज+केंद्र और राज्य सरकारों/बैंकों और वित्तीय संस्थानों को दिए गए कर्ज और अग्रिम -डिस्काउंट/एक्सचेंज/कमीशन/रेंट विदेशी स्रोत: फॉरन करेंसी ऐसेट्स से होने वाली आमदनी कहां खर्च होते हैं RBI के रुपये -करेंसी नोट की छपाई -एजेंसी चार्ज/कमीशन - एंप्लॉयी कॉस्ट -कंटिंजेंसी फंड में ट्रांसफर के लिए प्रोविजनिंग (वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2017 में शुरू हुई थी) रिजर्व क्या हैं और कैसे क्रिएट होते हैं? ये RBI के लिए कुशन माने जाते हैं और आड़े वक्त काम आते हैं। इनमें बुनियादी तौर पर शामिल होते हैं: (A) विदेशी मुद्रा और मौद्रिक नीति से जुड़े फैसलों के चलते बननेवाली आपात स्थितियों से निपटने के मकसद से की जानेवाली प्रोविजनिंग, और कंटिंजेंसी फंड (CF), जिसमें RBI ऐसेट डिवेलपमेंट फंड (ADF) शामिल होता है (B) अनरियलाइज्ड मार्क टू मार्केट गेंस/लॉस, करंसी ऐंड गोल्ड रिवैल्यूएशन अकाउंट (CGRA), इन्वेस्टमेंट रिवैल्यूएशन अकाउंट रुपी सिक्यॉरिटीज (IRA-RS) रिजर्व को लेकर क्या विवाद था? पिछले साल सरकार और रिजर्व बैंक में इस बात पर विवाद हुआ था कि RBI के पास कितना रिजर्व होना चाहिए। सरकार कह रही थी कि RBI के पास कुल ऐसेट का लगभग 26% रिजर्व है जबकि ग्लोबल स्टैंडर्ड लगभग 16% है। केंद्र चाहता था कि RBI के पास पड़ा जो ऐक्सेस रिजर्व है, उसे उसके हवाले कर दिया जाए। RBI ने अपने वास्ते इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क सुझाने के लिए एक कमिटी बनाई। जालान कमिटी ने क्या सुझाव दिया? कमिटी चाहती थी कि रियलाइज्ड इक्विटी (बुनियादी तौर पर जमा होते रहे प्रॉफिट से बना कंटिंजेंसी फंड) और रिवैल्यूएशन बैलेंस (CGRA) में साफ फर्क किया जाए। रियलाइज्ड इक्विटी से सभी रिस्क कवर किए जाएं, रिवैल्यूएशन बैलेंस का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं किया जा सकता। रियलाइज्ड इक्विटी RBI की बैलेंस शीट के 6.5-5.5% के दायरे में होगी। इस लेवल से ऊपर जितनी रकम होगी, सरकार के पास जाएगी। अगर रिजर्व बैंक की आमदनी कम रहती है तो वह डिविडेंड पेमेंट करने के लिए रिजर्व में हाथ नहीं डालेगा। कमिटी की सिफारिशों पर RBI का स्टैंड रिजर्व बैंक ने जालान कमिटी की सिफारिशें मानी, रियलाइज्ड इक्विटी के लिए बैलेंसशीट पर मौजूद ऐसेट की 6.5-5.5% वाली रेंज में से निचला लेवल स्वीकार किया। इससे रिजर्व बैंक के पास 52,637 करोड़ रुपये का सरप्लस क्रिएट होगा जो सरकार के खाते में जाएगा। प्रस्तावित रियलाइज्ड इक्विटी की रेंज के निचले लेवल के हिसाब से RBI का इकनॉमिक कैपिटल उसके एसेट के 24.5%-20% के बराबर होता है। RBI के पास 30 जून 2019 को 23.3% इकनॉमिक कैपिटल था। उसने 20% की निचली लिमिट चुनी है, जिससे फ्री हुई 1,23,414 करोड़ रुपये की रकम सरकार के खाते में जाएगी। अब होगा क्या? 1. सरकार को अपने बजट के लिए लगभग 58,000 करोड़ रुपये एक्सट्रा मिलेंगे। 2. इससे सरकार को फिस्कल डेफिसिट से निपटने में मदद मिलेगी। 3. सरकार को आने वाले समय में ज्यादा डिविडेंड मिल सकता है। 4. रिजवैल्यूएशन रिजर्व पर कमिटी की सिफारिशों के चलते बाद में सरकार पर रुपयों की बरसात नहीं होगी। पढ़ें: 1.76 लाख करोड़ रुपये से क्या-क्या कर सकती है सरकार 1. सरकार अपना फिस्कल टारगेट पूरा कर सकती है। 2. विवेकपूर्ण तरीके से रकम का इस्तेमाल कर पिछली 4 तिमाहियों से सुस्ती की ओर बढ़ रही इकॉनमी को रफ्तार दी जा सकती है। 3. इस रकम से सरकार अपने कर्ज कम सकती है और इंडस्ट्री को फायदा पहुंचा सकती है। 4. उन सेक्टरों में जान फूंकी जा सकती है, जिनपर सुस्ती की सबसे ज्यादा मार है।


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Rahul Gandhi is liked by Pakistan, cares little for tricolour: Smriti Irani

Rahul Gandhi is liked by Pakistan, cares little for tricolour: Smriti Irani

Irani’s criticism came hours after the Congress leader hit out at Islamabad for instigating violence in Jammu and Kashmir, his remarks being seen by the Opposition as a damage control exercise following reports that Pakistan had cited him in a petition to the United Nations.

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Why keep 'objectionable' book like War and Peace at home? Judge asks activist

Why keep 'objectionable' book like War and Peace at home? Judge asks activist

The speeches have been blamed for allegedly triggering caste violence that left one person dead when Dalits gathered near Pune the next day to celebrate the 200th anniversary of the victory of Mahar scheduled caste soldiers of the British East India Company over Brahmin Peshwas at Bhima-Koregaon.

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'लिपस्टिक इंडेक्स' भी दे रहा है भारत में आर्थिक सुस्ती की गवाही

'लिपस्टिक इंडेक्स' भी दे रहा है भारत में आर्थिक सुस्ती की गवाही

नम्रता सिंह, मुंबईभारत में इस समय एक बड़ा मुद्दा है। ऑटो सेक्टर में बिक्री तेजी से घटने के अलावा कई संकेतक अर्थव्यवस्था की चाल मंद पड़ने की बात कह रहे हैं। '' का इशारा भी यही है। लैकमे और लॉरिआल जैसे ब्रैंड्स के लिपस्टिक की बिक्री दोहरे अंकों की गति से बढ़ी है। कलर कॉस्मेटिक कैटिगरी सुस्ती की गवाही दे रही है। यह स्पष्ट संकेतक है कि भारत में 'लिपस्टिक इंडेक्स' मौजूद है। 'लिपस्टिक इंडेक्स' का प्रयोग सबसे पहले 'एस्टी लॉडर' के पूर्व चेयरमैन लियोनार्ड लॉडर ने वर्ष 2000 की आर्थिक मंदी के दौरान कंपनी की कॉस्मेटिक बिक्री में हुई वृद्धि को समझाने के लिए किया था। भारत में, उपभोक्ता इस समय गाड़ी या टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद को टाल रहे हैं, लेकिन लिपस्टिक जैसी छोटी विलासिता के सामान खरीद रहे हैं। यह भी पढ़ें: लैकमे ऑनर HUL की वाइस प्रेजिडेंट (स्किन केयर ऐंड कलर्स) प्रभा नरसिम्हन ने कहा, 'कलर कॉस्मेटिक सुस्ती से अछूत है, इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कंज्यूमर यूसेज अभी भी कम है। जैसे-जैसे महिलाएं ब्रैंड्स के प्रति जागरूक हो रही हैं, वे अपग्रेड होना चाहती हैं। कई ब्रैंड्स कुछ अधिक कीमत पर प्रीमियम प्रॉडक्ट्स उपलब्ध करा रहे हैं।' कॉस्मेटिक्स की डिमांड बढ़ने की वजह से ब्रैंड्स हर लॉन्च में 15-25 शेड्स उतार रहे हैं। एक दशक पहले तक यह कुछ शेड्स तक अटका था। नरसिम्हन ने कहा, 'यदि हम उपभोक्ताओं के पूरे समूह को देखें तो प्रशंसक उपभोक्ता हर कलेक्शन में से 5-7 लिपस्टिक लेते हैं, जबकि कुछ उपभोक्ता ऐसे भी हैं जो साल में 1-2 लिपस्टिक ही लेते हैं।' लॉरिआल की 35-40% बिक्री कलर कॉस्मेटिक्स में होती है। कंपी के डायरेक्टर (कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स डिविजन) असीम कौशिक ने कहा कि कलर कॉस्मेटिक की बिक्री 'ऊंचे दोहरे अंकों' में बढ़ रही है। कौशिक ने कहा, 'एक महिला के ड्रॉर में आप लिपस्टिक और पाउडर जरूर पाएंगे।' टॉप ब्यूटी रिटेलर नयका के मुताबिक कंज्यूमर मेकअप पर लगातार खर्च कर रहे हैं। नयका के चीफ बिजनस ऑफिसर निहिर पारिख ने कहा, 'हमारे लिए बिजनस पहले की तरह चल रहा है। 6-12 महीनों में ग्रोथ में कोई बदलाव नहीं होगा।' नयका की वृद्धि 2018-19 में 115% रही।


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सेंसेक्स, निफ्टी में शुरुआती कारोबार में गिरावट

सेंसेक्स, निफ्टी में शुरुआती कारोबार में गिरावट

मुंबई , 28 अगस्त (भाषा) कमजोर वैश्विक रुख के बीच बैंकिंग एवं धातु कंपनियों के शेयरों में गिरावट से घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक शुरुआती कारोबार में 120.03 अंक यानी 0.32 प्रतिशत गिरकर 37,521.24 अंक पर आ गया। इसी प्रकार , नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 27.15 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,078.20 अंक पर आ गया। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा मोटर्स , एचसीएल टेक , बजाज ऑटो , टेक महिंद्रा , सन फार्मा , पावर ग्रिड , इंफोसिस और आईटीसी में तीन प्रतिशत तक की बढ़त रही। वहीं , दूसरी ओर टाटा स्टील , मारुति , कोटक बैंक , एचडीएफसी बैंक , ओएनजीसी के शेयरों में दो प्रतिशत तक की गिरावट रही। शेयर बाजारों के पास मौजूद आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक , विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 923.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक 1,162.65 करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे। अन्य एशियाई बाजारों में , हांगकांग , कोरिया और जापान के बाजार में शुरुआती कारोबार में मामूली तेजी रही जबकि चीन के बाजार में गिरावट रही। अमेरिका का वॉल स्ट्रीट भी मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुआ।


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मुश्किल घड़ी है, इसलिए CEOs की सैलरी 16% बढ़ी

मुश्किल घड़ी है, इसलिए CEOs की सैलरी 16% बढ़ी

रीका भट्टाचार्य & राजेश मैस्करेनस, मुंबई पिछले साल इंडिया इंक के टॉप बॉस की पगार में औसतन 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि कंपनियों के मुनाफे में कमजोरी बनी हुई थी। कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टरों और सीईओ की सैलरी में इसके बावजूद अधिक बढ़ोतरी की गई क्योंकि बोर्ड चाहता था कि वे मुश्किल वक्त से कंपनी को बाहर निकालें। पिछले वित्त वर्ष में सामान्य कर्मचारियों और अधिकारियों की सैलरी में 9-9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इससे कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी में अंतर बढ़ने की चिंता भी सामने आई। पढ़ें: RPG ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने कहा, ‘मुश्किल कारोबारी हालात में कंपनियां अच्छे टैलेंट को साथ बनाए रखना चाहती हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत और वैश्विक स्तर पर कारोबारी चुनौतियां बढ़ी हैं, इसलिए सीईओ की सैलरी में शायद अधिक बढ़ोतरी हुई। गोयनका ने कहा, ‘शीर्ष स्तर पर अच्छे टैलेंट की भी कमी है। यह भी सैलरी अधिक बढ़ने की एक वजह हो सकती है।’ वित्त वर्ष 2019 में कंपनियों के एमडी और सीईओ की औसत पगार 6.39 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2018 में 5.53 करोड़ और 2017 में 4.49 करोड़ थी। इकनॉमिक टाइम्स के सीईओ की सैलरी के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है। इसमें कंपनियों के प्रमोटरों को शामिल नहीं किया गया। इसके लिए आंकड़े बीएसई 500 इंडेक्स में शामिल 90 कंपनियों की ऐनुअल रिपोर्ट से लिए गए हैं। इनमें ITC, L&T, ऐक्सिस बैंक, HDFC बैंक, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, TCS, टाटा स्टील और ग्लेक्सोस्मिथक्लाइन फार्मा जैसे अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं। 90 सीईओ और एमडी को वित्त वर्ष 2019 में कुल 549.41 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि एक साल पहले उन्हें 475.62 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें बेसिक सैलरी, भत्ते, वेरिएबल पे और कमीशन की रकम शामिल है, जबकि स्टॉक ऑप्शंस को अलग रखा गया है। इस पर ऑडिट और अकाउंटिंग कंपनी हरिभक्ति ऐंड कंपनी के चेयरमैन शैलेश हरिभक्ति ने कहा, ‘परफॉर्मेंस के आधार पर नॉमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमिटी सैलरी तय करने में बहुत सावधानी बरतती हैं।’


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अब ATM से ₹10,000 से ज्यादा कैश निकालने पर भरना होगा OTP

अब ATM से ₹10,000 से ज्यादा कैश निकालने पर भरना होगा OTP

नई दिल्ली आरबीआई के निर्देश के बाद अब एटीएम फ्रॉड रोकने के लिए बैंकों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। केनरा बैंक ने कार्ड के जरिए 10,000 रुपये से ज्यादा की रकम एटीएम से निकालने पर पिन नंबर के साथ वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जरूरी कर दिया है। इसका मतलब है कि अगर केनरा बैंक का कोई भी ग्राहक एटीएम से 10, 000 रुपये से ज्यादा निकालेगा तो उसे एटीएम पिन नंबर के साथ भी भरना होगा। एटीएम फ्रॉड रोकने के लिए कदम सूत्रों के अनुसार, अब अन्य बैंक भी केनरा बैंक को फॉलो कर सकते हैं और एटीएम से 10,000 रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर ओटीपी अनिवार्य कर सकते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आरबीआई के निर्देश का सभी बैंकों को पालन करना होगा। आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एटीएम फ्रॉड रोकना होगा। एटीएम फ्रॉड रात 11 बजे से सुबह 6 तक ज्यादा होते हैं। पढ़ें- दिल्ली SLBC ने भी दिए थे सुझाव इससे पहले को रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) ने कुछ उपाय सुझाए थे। कमिटी ने 2 एटीएम ट्रांजैक्शन के बीच में 6 से 12 घंटे का समय रखने का सुझाव दिया था। देशभर में बढ़ रहे एटीएम फ्रॉड के मामले साल 2018-19 के दौरान दिल्ली में 179 एटीएम फ्रॉड केस दर्ज किए गए। इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र से (233 एटीएम धोखाधड़ी के मामले) केवल कुछ कदम ही दूर है। हाल के महीनों में कार्ड की क्लोनिंग के मामले भी सामने आए हैं जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल थे। साल 2018-19 में देशभर में फ्रॉड के मामले बढ़कर 980 हो गए, इससे पहले साल इन मामलों की संख्या 911 थी।


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Mother denied permission to meet Mehbooba Mufti

Mother denied permission to meet Mehbooba Mufti

Mehbooba Mufti, chief of the Peoples Democratic Party (PDP), and other political leaders, including Omar Abdullah of the National Conference (NC), have been locked up in separate guest houses since August 5 when the Centre moved Parliament to amend Article 370 of the Constitution that gave the state its special status.

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ऑफिशल टीजर: बाला

ऑफिशल टीजर: बाला

हाल में बॉलिवुड ऐक्टर आयुष्मान खुराना अपनी पिछली फिल्म 'अंधाधुन' के लिए नैशनल अवॉर्ड जीतने और अपनी अगली फिल्म 'ड्रीम गर्ल' को लेकर चर्चा में थे। इस समय आयुष्मान खुराना अलग-अलग तरह की फिल्में कर रहे हैं जिनमें से 'बाला' एक है। इस फिल्म में आयुष्मान एक गंजे आदमी के किरदार में दिखाई देंगे। अब इस फिल्म का टीजर रिलीज हो चुका है।




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एटीएम फ्रॉड पर लगाम की कोशिश, 6 से 12 घंटे के बाद निकाल पाएंगे पैसे?

एटीएम फ्रॉड पर लगाम की कोशिश, 6 से 12 घंटे के बाद निकाल पाएंगे पैसे?

सिद्धार्थ, नई दिल्ली को रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) ने कुछ उपाय सुझाए हैं। कमिटी ने 2 एटीएम ट्रांजैक्शन के बीच में 6 से 12 घंटे का समय रखने का सुझाव दिया है। अगर इस प्रस्ताव को मान लिया जाता है तो आप निर्धारित समय तक अपने अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। दिल्ली SLBC के संयोजक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एमडी और सीईओ मुकेश कुमार जैन ने कहा, 'एटीएम से होने वाली अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय यानी आधी रात से लेकर तड़के सुबह तक होती है। ऐसे में एटीएम से लेनदेन पर एक खाका खींचना मददगार साबित हो सकता है।' इस योजना पर पिछले हफ्ते 18 बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक में चर्चा हुई। साल 2018-19 के दौरान दिल्ली में 179 एटीएम फ्रॉड केस दर्ज किए गए। इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र से (233 एटीएम धोखाधड़ी के मामले) केवल कुछ कदम ही दूर है। हाल के महीनों में कार्ड की क्लोनिंग के मामले भी सामने आए हैं जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल थे। साल 2018-19 में देशभर में फ्रॉड के मामले बढ़कर 980 हो गए, इससे पहले साल इन मामलों की संख्या 911 थी। जैन ने बताया कि बैंकर्स ने कई दूसरे सुझाव भी दिए हैं जिनमें अनधिकृत रूप से पैसे निकालने की कोशिश करने पर अकाउंट होल्डर्स को अलर्ट करने के लिए ओटीपी भेजी जाए। यह सिस्टम क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा होने वाले ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के ही समान होगा। इसके अलावा बैंकर्स ने एटीएम के लिए सेंट्रलाइजस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम की भी बात कही, जो OBC, SBI, PNB, IDBI बैंक और केनरा बैंक में पहले से ही लागू किया जा चुका है।


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Exclusive | Tokyo not far but want to enjoy this: PV Sindhu

Exclusive | Tokyo not far but want to enjoy this: PV Sindhu

Sindhu had lost an epic final against Japan’s Nozomi Okuhara in 2017. But on Sunday, the Japanese was like a candle in the wind and Sindhu became only the fourth player in history to win gold (2019), silver (2017 and 2018) and bronze (2013 and 2014) in women’s singles at the World Championships.

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Three doctors sentenced to three years in jail for pre-natal sex determination

Three doctors sentenced to three years in jail for pre-natal sex determination

Ritesh Goyal, additional district prosecutor officer (ADPO), Gwalior, said the three doctors were convicted under the Pre-conception and Pre-natal Diagnostic Techniques (Prohibition of Sex Selection) Act, 1994 by judicial magistrate first class (JMFC) of Gwalior district court Prachi Patel.

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7000 करोड़ के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन पर नीति आयोग और मिनिस्ट्री में रार

7000 करोड़ के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन पर नीति आयोग और मिनिस्ट्री में रार

सुरभि अग्रवाल/योगिमा सेठ, नई दिल्ली सरकार के थिंक टैंक के 7,000 करोड़ रुपये के (AI) मिशन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड IT मिनिस्ट्री ने ऐतराज जताया है। इस महीने की शुरुआत में हुई एक मीटिंग में मिनिस्ट्री ने कहा था कि नीति आयोग की योजना और मिनिस्ट्री की ओर से AI को लेकर किए जा रहे कार्यों में कई चीजें एक जैसी हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए उसने फाइनैंस मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप करने को कहा गया था। हालांकि, नीति आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी से कहा कि यह एक मिनिस्ट्री का 'एकाधिकार' नहीं हो सकता और नीति आयोग अपने AI मिशन पर आगे बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग को इस प्रपोजल के लिए फाइनैंस मिनिस्ट्री की एक्सपेंडिचर फाइनैंस कमिटी (EFC) से अनुमति मिल गई है और अब इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। मिनिस्ट्री-नीति आयोग की योजना में बहुत से काम एक जैसे उनका कहना था, 'यह एक डिपार्टमेंट का मुद्दा नहीं है। यह एक मिनिस्ट्री का एकाधिकार नहीं हो सकता। यह एक राष्ट्रीय अभियान होना चाहिए और सभी डिपार्टमेंट्स को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कार्य को दोहराया न जाए।' पिछले वर्ष के बजट में घोषणा की गई थी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के एरिया में रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के लिए नीति आयोग एक योजना शुरू करेगा। एक सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया, 'इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड IT मिनिस्ट्री ने फाइनैंस मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप कर कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए कहा है।' उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री और नीति आयोग की योजना में बहुत से काम एक जैसे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क नीति आयोग ने देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बनाई है। इसमें AIRAWAT नाम का क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म शामिल होगा। इस योजना में इंटेल, आईबीएम और एक्सेंचर जैसी बड़ी कंपनियों की मदद ली गई है। नीति आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिए ऐग्रिकल्चर, हेल्थकेयर, रिटेल, एजुकेशन जैसे एरिया की पहचान की है। इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड IT मिनिस्ट्री ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी रेगुलेटरी और तकनीकी चुनौतियों को समझने और इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की संभावना वाले एरिया की पहचान के लिए पिछले वर्ष चार कमेटियां बनाई थी। इन कमेटियों में सरकार, प्रीमियर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं।


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Q1 में GDP ग्रोथ 6% से कम रहने के आसारः ET सर्वे

Q1 में GDP ग्रोथ 6% से कम रहने के आसारः ET सर्वे

कृतिका सुनेजा & करुणजीत सिंह, नई दिल्ली भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6 प्रतिशत से कम ग्रोथ करने के आसार हैं। इसी दौरान 6.2 प्रतिशत की चीनी की ग्रोथ से यह कम रह सकती है। ET के एक सर्वे में ऐसी राय सामने आई है। 11 स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों की राय इस सर्वे में ली गई। इस सर्वे के मुताबिक, कमजोर इंडस्ट्रियल ग्रोथ, कम निवेश, चुनाव से पहले सरकार की ओर से कम खर्च के साथ प्रतिकूल बेस इफेक्ट के कारण अप्रैल-जून के बीच ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट (GDP) की ग्रोथ 5.2-6% रही होगी। इससे पिछली तिमाही में यह 5.8% थी। 2018-19 की पहली तिमाही में ग्रोथ 8% थी। यस बैंक की चीफ इकनॉमिस्ट शुभदा राव ने कहा, 'सुस्ती का दायरा बढ़ने के कारण हमारा अनुमान यही है कि तिमाही दर तिमाही आधार पर जीडीपी ग्रोथ कम रह सकती है। कंजम्पशन में सुस्ती दिख ही रही है, वहीं चुनाव से पहले निवेश में भी कमी रही होगी।' इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन भी 3.6 प्रतिशत ही बढ़ा, जिसकी ग्रोथ सालभर पहले 5.1% थी। ऑटोमोबाइल सेल्स, रेल फ्रेट, डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक और इंपोर्ट (नॉन-ऑयल, नॉन-गोल्ड, नॉन-सिल्वर और नॉन-प्रेशस मेटल्स) के आकड़े कंजम्पशन में सुस्ती दिखा रहे हैं। जुलाई में पैसेंजर वीइकल्स सेल्स में 31 प्रतिशत गिरावट रही। यह पिछले 19 वर्षों की सबसे खराब हालत रही। इस बिक्री में लगातार नौवें महीने गिरावट दर्ज की गई। एचडीएफसी बैंक का अनुमान है कि पहले क्वॉर्टर में ग्रोथ 5.2% रहेगी और पूरे वित्त वर्ष में यह 6.7% रहेगी। देश के इकनॉमिक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत होगी, जो वित्त वर्ष 2019 के लिए 6.8 प्रतिशत के आंकड़े के साथ पांच साल के निचले स्तर पर थी। 2018 में भारत एक दर्जा नीचे आकर दुनिया की सातवीं बड़ी इकॉनमी के पायदान पर आ गया। ऐक्सिस बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट सौगत भट्टाचार्य ने कहा, 'लगातार चल रही सुस्ती का कारण मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में बहुत ज्यादा कमजोरी है। साथ ही, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में दिक्कत का भी असर पड़ रहा है। इसके अलावा पहली तिमाही के शुरुआती दिनों में सरकार का खर्च भी काफी कम था।' आरबीआई ने इस कैलेंडर इयर में चार बार में रीपो रेट 110 बेसिस पॉइंट्स घटाया है, लेकिन अर्थशास्त्रियों को इसके चलते ग्रोथ को जल्द सपॉर्ट मिलने की स्थिति नहीं दिख रही है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, 'चौथे क्वॉर्टर में मोमेंटम कमजोर पड़ा और उसका असर पहले क्वॉर्टर में आ गया। प्रतिकूल बेस इफेक्ट भी काम कर रहा है। सरकारी खर्च से जिस तरह की मदद की उम्मीद थी, वैसा हो नहीं रहा है। कंजम्पशन डिमांड पर दबाव है। फेस्टिव सीजन भी फीका रह सकता है।'सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस जून तिमाही के लिए ग्रोथ के आधिकारिक अनुमान 30 अगस्त को जारी करेगा।


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‘युआन की तर्ज पर 3% कमजोर हो सकता है रुपया’

‘युआन की तर्ज पर 3% कमजोर हो सकता है रुपया’

सैकत दास, मुंबई रुपये में इस साल के मुकाबले तीन प्रतिशत की कमी आ सकती है। 23 मार्केट पार्टिसिपेंट्स के इकनॉमिक टाइम्स के सर्वे में यह राय सामने आई कि में कमजोरी और भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए ऐसा हो सकता है। इनमें से तीन चौथाई का मानना है कि मौजूदा स्तर से नीचे जा सकता है। 40 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 74 के स्तर तक जा सकती है। अन्य पार्टिसिपेंट्स ने भी रुपये में कमजोरी की संभावना जताई। इस बारे में HDFC बैंक के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट भास्कर पांडा ने कहा, ‘युआन में कमजोरी और इमर्जिंग मार्केट्स की मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से आने वाले दिनों में रुपये पर भी दबाव बन सकता है।’ उन्होंने बताया, ‘चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के जारी रहने से भारत सहित अन्य इमर्जिंग मार्केट्स पर दबाव बन सकता है।’ पिछले एक महीने में युआन में डॉलर की तुलना में करीब 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। HDFC बैंक का मानना है कि डॉलर की तुलना में रुपया इस साल 74.50 तक जा सकता है, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर होगा। पिछले साल 11 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले रुपया 74.48 तक गया था। सरकार भी निर्यात बढ़ाने के लिए रुपये को कमजोर करने के हक में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले शुक्रवार को अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए राहत उपायों का ऐलान करते वक्त कहा था कि रुपये में गिरावट से निर्यातकों को लाभ होगा। उन्होंने कहा था कि रुपये में कमजोरी से निर्यात बढ़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। पिछले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 71.66 पर बंद हुआ था, जबकि एक दिन पहले यह 8 महीने के निचले स्तर 71.98 तक चला गया था। डीलरों ने बताया कि पिछले शुक्रवार के ऐलान से विदेशी निवेश बढ़ेगा, जिससे रुपये में गिरावट रुक सकती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने बताया, ‘सरकार के हालिया कदमों का भारतीय मुद्रा पर पॉजिटिव असर होगा, लेकिन ग्लोबल फैक्टर्स के कारण समय-समय पर इसमें कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है।’ तीन चौथाई पार्टिसिपेंट्स ने यह भी कहा कि बॉन्ड यील्ड में मौजूदा स्तरों से गिरावट आएगी। घोष ने कहा, ‘सरकार ने वित्तीय अनुशासन से समझौता नहीं किया है। इसलिए सरकारी बॉन्ड यील्ड में गिरावट आएगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ग्रोथ संबंधी चिंताओं को स्वीकार किया है, जिससे ब्याज दरों में और कमी हो सकती है। रिजर्व बैंक पहले ही अपना रुख ग्रोथ बढ़ाने पर शिफ्ट कर चुका है। पिछले मंगलवार को सरकारी बॉन्ड यील्ड उछलकर 6.64 प्रतिशत हो गई थी, जबकि 7 अगस्त को रिजर्व बैंक के रेपो रेट को घटाकर 5.40 प्रतिशत करने वाले दिन यह 6.27 प्रतिशत पर थी। वहीं, पिछले शुक्रवार को यील्ड 6.57 प्रतिशत रही थी। बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल ने कहा, ‘ग्रोथ कमजोर है। सरकार ने जो हालिया ऐलान किए हैं, उनसे सेंटीमेंट मजबूत होगा।’ RBI इस साल अब तक रेपो रेट में 1.1 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। यह वह दर है, जिस पर बैंकों को RBI कर्ज देता है। रेपो रेट अभी 9 साल के निचले स्तर पर है।


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हाइजीन प्रॉडक्ट्स जैसे सैनिटरी नैपकिन्स, हैंड वॉश की कीमतें हो सकती हैं नियंत्रित

हाइजीन प्रॉडक्ट्स जैसे सैनिटरी नैपकिन्स, हैंड वॉश की कीमतें हो सकती हैं नियंत्रित

सुष्मी डे, नई दिल्ली जरूरी हाइजीन उत्पादों जैसे सैनिटरी नैपकिन्स, हैंड वॉश, कीटाणुनाशक और वयस्क डायपर्स की कीमत को सरकार जल्द ही नियंत्रित करेगी। सरकार उन जरूरी हाइजीन प्रॉडक्ट्स की लिस्ट को अंतिम रूप दे रही है जिनके दाम को कम करने की जरूरत है। अभी फिलहाल केवल एक जरूरी दवाइयों की लिस्ट ही है जिनके दामों को नियंत्रित किया गया है। इस लिस्ट में कुछ मेडिकल उपकरण भी शामिल हैं। हालांकि अब सरकार इस लिस्ट में कुछ उत्पादों को शामिल करने और कुछ को हटाने जा रही है। इसके अलावा सरकार मेडिकल उपकरण, डिस्पोजबल और हाइजीन प्रॉडक्ट्स की अलग-अलग लिस्ट भी तैयार कर रही है। हाइजीन प्रॉडक्ट्स के दामों पर नियंत्रण का काम चल रहा है लेकिन सरकार ने हाल ही में जरूरी दवाओं के दाम को कम किया था। करीब 384 जरूरी दवाओं की कीमत को उसके मैक्सिमम रीटेल प्राइज पर कैप लगाकर नियंत्रित किया गया था, इसमें मेडिकल उपकरण जैसे स्टेंनेट्स को भी शामिल किया गया। इस लिस्ट के अलावा दूसरे सभी दवाओं के लिए कंपनी को 10 प्रतिशत तक कीमत बढ़ाने की अनुमति है। इतना ही नहीं सरकार ने 42 कैंसर दवाओं के लिए ट्रेड मार्जिन पर 30 प्रतिशत का कैप लगाया है। इस काम में लगे एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जरूरी हाइजिन प्रॉडक्ट्स की लिस्ट बनाने का काम आखिरी चरण में है और अगले 2 महीनों के अंदर यह लिस्ट जारी हो सकती है। लिस्ट को 2 भागों में बांटा गया है- प्राइमरी और सेकंडरी। प्राइमरी कैटगरी में रखे गए प्रॉडक्ट्स की कीमत को नियंत्रित रखा गया है। जबकि सेकंडरी प्रॉडक्ट्स के लिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह लोगों को उचित मूल्य पर मिल सके। एक बार सूची जारी हो गई तो नीति आयोग की कमिटी इस पर फैसला लेगी कि ट्रेड मार्जिन पर कैप लगाया जाए या सीलिंग प्राइज पर सीमारेखा खींची जाए। एक अधिकारी ने बताया कि यह भी हो सकता है कि प्राइमरी कैटगरी के लिस्ट के प्रॉडक्ट्स पर प्राइस कैप लगाया जाए और सेकंडरी लिस्ट के प्रॉडक्ट्स पर मार्जिन सीमा निर्धारित की जाए।


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नीति आयोग उपाध्यक्ष की टिप्पणी से दबाव में आई सरकार, समय से पहले इकॉनमी को 'बूस्टर' का ऐलान

नीति आयोग उपाध्यक्ष की टिप्पणी से दबाव में आई सरकार, समय से पहले इकॉनमी को 'बूस्टर' का ऐलान

राजीव देशपांडे/सिद्धार्थ, नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन द्वारा इकॉनमी की हालत को लेकर की गई टिप्पणी ने सरकार को समय से पहले ही राहत का ऐलान करने को मजबूर कर दिया। शुक्रवार को वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए कई उपायों का ऐलान किया, जिनका ऐलान अगले सप्ताह के शुरुआत में किया जाना था। राजीव कुमार ने कहा था कि देश का वित्तीय तंत्र बड़े संकट से गुजर रहा है। हालांकि उन्होंने बाद में अपने बयान पर सफाई दी। राजीव कुमार ने कहा था कि बीते 70 वर्षों में देश का वित्तीय क्षेत्र इतने अविश्वास के दौर से कभी नहीं गुजरा, जितना अभी देखा जा रहा है, यह अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि यह दौर लंबा नहीं चले, इसके लिए सरकार को कुछ ऐसा कदम उठाना होगा जिसे बिल्कुल लीक से हटकर हो। उन्होंने कहा था कि आज हालात ऐसे हैं कि कोई किसी पर भरोसा नहीं कर रहा और कोई किसी को कर्ज देने को तैयार नहीं है। पढ़ें: सरकार आर्थिक पैकेज पहले ही तैयार कर रही थी, जो अंतिम चरण में था, उसे फाइनल टच दिया जा रहा था और अगले सप्ताह की शुरुआत में उसका ऐलान किया जाना था। राजीव कुमार की टिप्पणी के बाद सरकार पर दबाव बना और अचानक यह खबर फैल गई कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन मीडिया से मुखातिब होंगी। सीतारमन ने एक ब्रीफिंग दी, जो करीब 100 मिनट तक चली। इस ब्रीफिंग में उन्होंने कई बड़े ऐलान किए। पढ़ें, अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए कई ऐलान किए गए लेकिन टैक्स में कटौती को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई। यह इस बात का सख्त संदेश है कि सरकार में इस बात को लेकर सहमति नहीं बनी कि उद्योग जगत के कई कई सेक्टरों द्वारा मांगे गए स्टिमुलस का फायदा ग्राहकों को मिलेगा। बल्कि यह महसूस किया गया कि टैक्स कटौती जैसा कदम एक 'गैरजिम्मेदार इकनॉमिक्स' और दबाव में आई सरकार की कमजोरी का सिग्नल होगी। एक अधिकारी ने बताया, 'हमने हाउसिंग सेक्टर के लिए पहले ही टैक्स रेट में कटौती की थी। इससे सेक्टर पटरी पर नहीं लौटा। कुछ सेक्शन डर का माहौल बनाने की कोशिश में जुटे थे ताकि टैक्स छूट को लेकर सरकार पर भारी दबाव बनाया जा सके। सरकार ने महसूस किया कि कर्ज को आसान बनाना और ढांचागत मुद्दों पर विचार ज्यादा जरूरी है।' बजट में लगाए गए सरचार्ज से सबसे ज्यादा विरोध विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) कर रहे थे, लेकिन सरकार ने घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों के बारे में भी सोचा और इस स्तर पर छूट का ऐलान किया। हालाकि इस कदम से सरकार को 1400 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान होगा। पैकेज का ऐलान करने से पहले हर सेक्टर की परेशानियों का विश्लेषण किया गया। सरकार ने पाया कि लोन देने को लेकर बैंकों का उतावलापन और एनबीएफसी संकट के चलते कई समस्याओं पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। सुस्ती से जूझ रहे ऑटो सेक्टर को राहत देने के लिए कई उपायों की घोषणा की गई, लेकिन सरकार ने जीएसटी रेट में कटौती की मांग नहीं मानी। सरकार ने यह देखा कि किन स्तरों पर बूस्ट की जरूरत है, उसी के आधार पर फैसला लिया। खुदरा लोन, बैंकिंग प्रक्रिया और सरकारी खरीद पॉलिसी के स्तरों पर काम कर सुस्त इकॉनमी में मांग बढ़ाने का फैसला किया।


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रवि किशन का सुपरहिट गाना: परिवार ई परिवार

रवि किशन का सुपरहिट गाना: परिवार ई परिवार

भोजपुरी के सुपरस्टार रवि किशन की फिल्म 'आंदोलन' को फैन्स ने काफी पसंद किया था। इसी फिल्म का गाना 'परिवार ई परिवार' भी सुपरहिट रहा था। इस गाने को मनोज मिश्रा मधुष्मिता और गुनवंत सेन ने गाया है। गाने को लिखा है राकेश सिंह ने और इसका म्यूजिक गुनवंत सिंह ने दिया है। देखें, भोजपुरी का यह पारिवारिक गाना:




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भोजपुरी गाना: एगो लईका लाईन मारत रहे

भोजपुरी गाना: एगो लईका लाईन मारत रहे

भोजपुरी की सुपरहिट ऐल्बम 'मजनुआ एक्सप्रेस' का गाना 'ऐगो लाइका लाइन मारत रहे' को फैन्स ने काफी पसंद किया है। इस गाने को सिंगर सोना राय ने गाया है। गाने को लिखा है अखिलेश कश्यप ने और इसे म्यूजिक पंकज राय ने दिया है। देखें, यह भोजपुरी का सुपरहिट गाना:




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भोजपुरी गाना: लहंगा में घुस जाता मुस

भोजपुरी गाना: लहंगा में घुस जाता मुस

भोजपुरी की सुपरहिट ऐल्बम 'भुला जा ऐयार माजा देता भतार' का गाना 'लहंगा में मुसा घुस जाता' को फैन्स ने काफी पसंद किया है। इस गाने को सिंगर अंबुज राय ने गाया है। गाने को लिखा है प्रेमगाम आजमी और अजित कुमार ने और इसे म्यूजिक अंकुर राय ने दिया है। देखें, यह भोजपुरी का गरदा उड़ा देने वाला गाना:




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पवन सिंह का सुपरहिट सॉन्ग 'ढिबरी में रहुए ना तेल'

पवन सिंह का सुपरहिट सॉन्ग 'ढिबरी में रहुए ना तेल'

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह की पिछली फिल्म 'क्रेक फाइटर' बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। इस फिल्म के गानों को भी फैन्स ने काफी पसंद किया था। इस फिल्म का सॉन्ग 'ढिबरी में रहुए ना तेल' भी काफी पसंद किया गया। गाने को खुद पवन सिंह ने इंदु सोनाली के साथ गाया है। गाने को लिखा है जाहिद अख्तर ने और म्यूजिक छोटे बाबा ने दिया है। देखें, यह सुपरहिट सॉन्ग:




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5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य पाना मुमकिन: प्रणब मुखर्जी

5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य पाना मुमकिन: प्रणब मुखर्जी

कोलकाता पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि 2024- 25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी में ज्यादा स्पष्टता की जरूरत है और पिछले वर्ष से अर्थव्यवस्था में मंदी के कुछ संकेत नजर आने लगे थे जिससे जीडीपी वृद्धि दर कम हो गई। असोसिएशन ऑफ कॉर्पोरेट अडवाईजर्स ऐंड एग्जिक्युटिव्स (एसीएई) के आयोजित सत्र में उन्होंने कहा, 'अगर वित्त व्यवस्था का सही तरीके से और दूरदृष्टि के साथ प्रबंधन किया जाए तो पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। निवेश के बगैर अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं होगी।' वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में मुखर्जी ने कहा, 'जीएसटी लागू होने से कई कर खत्म हो गए। लेकिन इसमें सरकार की तरफ से अधिक स्पष्टता होनी चाहिए ताकि अनुपालन बेहतर हो सके।' बढ़ती कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के घोटाले काफी बढ़ गए हैं।


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पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाना संभव : प्रणब

पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाना संभव : प्रणब

कोलकाता, 24 अगस्त (भाषा) पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि 2024- 25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी में ज्यादा स्पष्टता की जरूरत है और पिछले वर्ष से अर्थव्यवस्था में मंदी के कुछ संकेत नजर आने लगे थे जिससे जीडीपी वृद्धि दर कम हो गयी। एसोसिएशन ऑफ कॉरपोरेट एडवाईजर्स एंड एक्जीक्यूटिव्स (एसीएई) के यहां आयोजित सत्र में उन्होंने कहा, ‘‘अगर वित्त व्यवस्था का सही तरीके से और दूरदृष्टि के साथ प्रबंधन किया जाए तो पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है... निवेश के बगैर अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं होगी।’’ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में मुखर्जी ने कहा, ‘‘जीएसटी लागू होने से कई कर खत्म हो गए। लेकिन इसमें सरकार की तरफ से अधिक स्पष्टता होनी चाहिए ताकि अनुपालन बेहतर हो सके।’’ बढ़ती कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के घोटाले काफी बढ़ गए हैं।


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जानिए, अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए सरकार के उपायों से उद्योग जगत कितना खुश

जानिए, अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए सरकार के उपायों से उद्योग जगत कितना खुश

नई दिल्ली अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कई बड़ी घोषणाएं कीं। बैंकिंग सेक्टर के लिए 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की तो ऑटो सेक्टर के लिए भी राहत का ऐलान किया। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बढ़ाए गए टैक्स सरचार्ज को वापस ले लिया तो इक्विटी के लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज बढ़ोतरी के फैसले को भी वापस लिया गया है। सरकार के इन कदमों से उद्योग जगत उत्साहित है। अमेरिकी उद्योगपतियों ने भी कहा है कि इन कदमों से वैश्विक निवेश स्थल के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी। यह भी पढ़ें: ऑटो सेक्टर खुश वित्त मंत्री ने वाहन उद्योग की मदद के लिए कई उपाय किए। इसमें 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए सभी भारत स्टेज-चार मानक वाले वाहन अपनी पंजीकरण अवधि तक मान्य रहने, वाहन कर्ज सस्ता करने और कबाड़ नीति लाने समेत विभिन्न कदम शामिल हैं। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने इन सभी कदमों का स्वागत किया। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने इसे जीएसटी दरों में कटौती के बाद वित्त मंत्री की ओर से दी गई अगली राहत बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि उद्योग जगत तहे दिल से इन कदमों का स्वागत करता है। उसके साथ चर्चा के बाद सरकार ने दो हफ्ते से भी कम समय में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज को सस्ता बनाना और डीलरों को फंडिंग करना उद्योग की सबसे बड़ी चिंता थी। मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कहा कि पूर्ण तौर पर यह राहत उपाय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने वाले हैं, यह वास्तविक ऑपरेशनल मुद्दों का समाधान करेंगे। अर्थव्यवस्था को अगर लाभ मिलता है तो ऑटो सेक्टर को भी फायदा होगा। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने कहा कि घोषणाएं धारणा को बेहतर बनाने के लिए लंबी दूरी तय करेंगी। यह दिखाता है कि सरकार उद्योग की सुन रही है। टीवीएस मोटर्स के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि ये कदम उद्योग जिसकी मांग कर रहा था वही तात्कालिक राहत है। यह भी पढ़ें: जगुआर लैंड रोवर इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि मूल्यह्रास को 15 से 30 प्रतिशत करने और बढ़े पंजीकरण शुल्क को अगले साल जून तक टालने के फैसले का सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, हमारी मुख्य मांग सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने की थी। वास्तविक रूप से मांग इससे ही बढ़ेगी। 'अर्थव्यवस्था में जान फूंकने में मिलेगी मदद'उद्योग जगत का कहना है कि सरकार द्वारा किए उपायों से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और लोगों में भरोसा कायम करने में मदद मिलेगी। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एफपीआई और घरेलू निवेशकों से अधिभार हटाया जाना है। किसी अन्य चीज की तुलना में इससे धारणा मजबूत होगी।' उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के जरिए इस तरह की घोषणा करने को एक अच्छा कदम बताया। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि एक शानदार पैकेज से अर्थव्यवस्था लंबी छलांग के साथ अगले स्तर पर पहुंच जाएगी। सरकार ने अब से मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति दी है। साथ ही सरकार ने पुराने वाहनों के लिए कबाड़ नीति भी लाने की घोषणा की है। उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित है। उद्योग इन सराहना वाले कदमों पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया देगा। फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ रही है। इन उपायों के प्रभाव में आने के बाद हम आश्वस्त हैं कि कारोबार जगत और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। यह भी पढ़ें: क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सी शाह ने ट्वीट किया, 'हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा पर उनका आभार जताते हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग, औद्योगिक गतिविधियां और कुल वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।' पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि इन उपायों से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और आवास वित्त क्षेत्र में नकदी का संकट दूर हो सकेगा। डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम. एस. मणि ने कहा कि जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया तेज करन से निश्चित रूप से कंपनियों को फायदा होगा। 'मजबूत होगी भारत की स्थिति' सरकार के इन उपायों की गूंज अमेरिका तक पहुंच गई है। अमेरिकी उद्योग जगत ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित सुधारों से वैश्विक निवेश स्थल के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। अमेरिकी भारत बिजनस काउंसिल अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा,'प्रस्तावित सुधारों को लेकर हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारत सरकार की सराहना करते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन देगा और आर्थिक विस्तार की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।' उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि इन सुधारों से भारत अतिरिक्त विदेश निवेश आकर्षित कर पाएगा।


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सुनें, जन्माष्टमी स्पेशल भोजपुरी गाना 'जन्मले कन्हिया हो'

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जन्माष्टमी स्पेशल भोजपुरी गाना (Janmashtami Special Bhojpuri Song) 'जन्मले कन्हिया हो' (Janamale Kanhaiya Ho) का विडियो यूट्यूब पर जारी हो चुका है। गाने को अनिल जायसवाल ने गाया है जबकि इसको म्यूजिक राज गाजीपुरी ने दी है। गाने के बोल आशुतोष तिवारी ने लिखे हैं।




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