क्या आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं? RBI गवर्नर की यह सलाह जरूर मानें, नहीं तो होगा भारी नुकसान

नई दिल्ली News: एक सवाल लगातार पिछले कुछ महीनों से पूछे जा रहे हैं कि जब कोरोना के कारण इकॉनमी की हालत पतली हो चुकी है, ऐसे में शेयर बाजार आसमान क्यों छू रहा है। शेयर बाजार की चाल देखकर ऐसा नहीं लगता है कि इकॉनमी गंभीर खतरे में हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर जो कुछ कहा है वह गंभीर है और उसे याद रखने की जरूरत है। शेयर बाजार को लेकर सतर्क होने की जरूरत शक्तिकांत दास ने शेयर बाजार में सतर्कता बरते की जरूरत की ओर इशारा देते हुये कहा कि इस बाजार का वास्तविक अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में शेयर और बाजार की दिशा आने वाले समय में जरूर बदलेगी। उन्होंने कहा कि बाजार अपने को ठीक कब करेगा, यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा ऐसा लगता है कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अधिक नकदी उपलब्ध होने से शेयर बाजार में तेजी को बढ़ावा मिल रहा है। जैसा कि आप जानते हैं, कोरोनो संकट से इकॉनमी को उबारने के लिए तमाम देशों के सेंट्रल बैंक ने लाखों करोड़ रुपये जारी किए हैं। शेयर बाजार में बूम इसी का नतीजा है। डीमैट अकाउंट में तेजी आई है पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि शेयर बाजार में आई तेजी के कारण डीमैट अकाउंट में काफी उछाल आया है। बाजार में रीटेल नए निवेशकों की लाइन लग गई है। उस समय सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने साफ-साफ कहा था कि नए निवेशक बाजार में संभल कर एंट्री लें। उन्होंने सुझाव दिया था कि नए निवेशकों को शुरुआत में सरकारी बॉन्ड में निवेश करना चाहिए। अभी बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है। ऐसे में छोटे और नए निवेशकों को बचना चाहिए। फाइनैंशल सिस्टम में लिक्विडिटी काफी ज्यादा है दास ने समाचार चैनल सीएनबीसी अवाज के साथ बातचीत में कहा, 'वैश्विक वित्तीय प्रणाली में काफी नकदी उपलब्ध है, यही वजह है कि शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है। यह वास्तविक अर्थव्यवस्था की स्थिति से बिल्कुल अलग है। आने वाले समय में इसकी दिशा सुधरेगी, लेकिन ऐसा कब होगा इसे बताना मुश्किल है।' उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक बाजार की स्थिति पर लगातार निगाह रखे हुये है। बाजार के व्यवहार की आरबीआई लगातार निगरानी कर रहा है, उसका वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी नजर रखे हुये है और जब भी जरूरत होगी जरूरी कदम उठाया जायेगा। पर्सनल लोन री-स्ट्रक्चरिंग पर काम जारी दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक ने कोविड- 19 महामारी के दौरान कर्ज किस्तों के भुगतान पर रोक लगाने का जो कदम उठाया वह महामारी से उत्पन्न दबाव को कम करने के लिये एक अस्थाई समाधान था। यह राहत 31 अगस्त को समाप्त हो रही है। रिजर्व बैंक ने इस माह की शुरुआत में कंपनी और व्यक्तिगत कर्ज की एकबारगी पुनर्गठन की अनुमति बैंकों को दी है। इस पर गवर्नर ने कहा, 'जहां तक मेरी जानकारी है सभी बैंकों के पास 31 अगस्त तक उनके निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त पुनर्गठन रूपरेखा उपलब्ध होगी और उसके बाद वह उसपर अमल करेंगे।' इस योजना से किसे फायदा मिलेगा इसका निर्णय बैंकों द्वारा किया जायेगा।


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