नई दिल्ली सरकार अब एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानी ESIC का दायरा बढ़ाने जा रही है। इसका मकसद ज्यादा सैलरी पाने वालों को इसकी योजनाओं का फायदा मिल सके। सूत्रों के अनुसार श्रम मंत्रालय ने ESIC का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को दिया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन कामगारों की मासिक सैलरी 30,000 रुपये है, उनको भी ESIC के मेडिकल और कैश बेनिफिट का फायदा दिया जाए। अभी वे ही लोग ESIC की योजनाओं का फायदा उठा पाते हैं जिनकी मासिक सैलरी 21000 रुपये है। इनकी सैलरी का एक हिस्सा हर महीने कटकर ESIC को जाता है ताकि उन्हें मेडिकल बेनिफिट मिल सके। ऐसे कामगारों को इंश्योर्ड पर्सन कहते हैं। ये अपनी सैलरी का 0.75 फीसदी और कंपनी 3.25 फीसदी ESIC में जमा करती हैं। इसकी एवज में ESIC की तरफ से उनको मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज तथा कैश बेनिफिट दिया जाता है। क्यों पड़ी जरूरत एक सरकारी अधिकारी के अनुसार लेबर मिनिस्ट्री ने अपने सर्वे में पाया है कि कोविड संकट के कारण काफी लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है कि अब ESIC के साथ जुड़ने के लिए तय शर्तों और नियमों में ढील दी जाए। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ESIC से 40 लाख इंडस्ट्रियल वर्कर्स को राहत दी है। सरकार ने नियमों में ढील दी है ताकि लॉकडाउन के कारण 24 मार्च से लेकर 31 दिसंबर 2020 के बीच बेरोजगार होने वाले कामगारों को बेरोजगारी भत्ते के फायदा मिल सके। इससे बेरोजगार हुए इंडिस्ट्रियल वर्कर्स को उनके तीन महीने की औसत सैलरी का 50 फीसदी बेरोजगारी भत्ते के तौर पर मिलेंगे। लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवा चुके कामगारों के लिए यह प्रस्ताव ESIC के बोर्ड ने पास किया है। इस बोर्ड के अध्यक्ष केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार हैं। ESIC का अनुमान है कि इस पहल से मार्च से लेकर दिसंबर के बीच 41 लाख मजदूरों को फायदा मिलेगा।
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