कोरोना काल में 'चप्पल' के सहारे फुटवियर इंडस्ट्री, मांग में जबर्दस्त तेजी

नई दिल्ली कोरोना संकट के बीच लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है, जिसके कारण उनकी जरूरतें भी बदल गई हैं। स्कूल, ऑफिस, मार्केट सब बंद है जिसके कारण सेल्स पैटर्न में काफी बदलाव देख रही है। इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि ज्यादा हो रही है, जबकि ऑफिस फॉर्मल शूज और स्पोर्ट्स शूज की बिक्री अभी काफी कम है। चप्पल की बिक्री में तेजी इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि लोग अभी घर से काम कर रहे हैं और घर से बहुत कम बाहर निकल रहे हैं, जिसके कारण सैंडल्स और चप्पल की बिक्री 80 पर्सेंट प्री-कोविड लेवल तक पहुंच चुकी है। लोग अपने हेल्थ को लेकर भी सतर्क हुए हैं। इसके कारण बहुत सारे लोग पहली बार फिटनेस की तरफ ध्यान दे रहे हैं, बावजूद स्पोर्ट्स शूज की बिक्री अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। स्पोर्ट्स फुटवियर की बिक्री अभी सुस्त रिलैक्सो फुटवियर के मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश दुआ ने कहा कि स्पोर्ट्स शूज की बिक्री अभी भी प्री-कोविड लेवल के 25 फीसदी तक पहुंच पाई है। उनका कहना है कि रूरल इंडिया में कोरोना का असर कम है, जिसके कारण सैंडल्स और चप्पल की बिक्री पर कम असर हुआ है। रूरल इंडिया में ही ज्यादा चप्पल बिकती हैं। 500 रुपये से कम कीमत के चप्पल की बिक्री बाटा इंडिया के सीईओ संदीप कटारिया का कहना है कि महामारी के कारण लोगों की जरूरतें बदल गई हैं, जिसके कारण भी सेल्स पैटर्न में यह बदलाव दिख रहा है। उनका कहना है कि 80 पर्सेंट चप्पल जो बिक रही हैं, वे 500 रुपये से कम कीमत की हैं। हालांकि ऑनलाइन मार्केट में 5000 तक की चप्पल भी काफी बिक रही हैं।


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