
मुंबई राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया कानून की व्यक्तिगत गारंटी धारा के तहत 1,200 करोड़ रुपये वसूलने के लिए दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। अनिल अंबानी ने अगस्त 2016 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिए गए ऋण की व्यक्तिगत गारंटी दी थी। NCLT की मुंबई पीठ ने 20 अगस्त को दिए अपने आदेश में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल दोनों जनवरी 2017 में और उसके आसपास कर्ज की किस्तें चुकानें में असफल रहीं। दोनों ऋण खाते को पुरानी तारीख से 26 अगस्त 2016 से प्रभावी रूप से गैर निष्पादित खाते (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया था। एनसीएलटी ने एक समाधान पेशेवर की नियुक्ति का आदेश दिया और एसबीआई को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा। इस बीच अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कहा, ‘अंबानी अभी एनसीएलटी की मुंबई पीठ के 20 अगस्त 2020 को दिए आदेश की समीक्षा कर रहे हैं। वह समाधान पेशेवर नियुक्त किए जाने के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के पास याचिका दायर करने को लेकर परामर्श ले रहे हैं।’ प्रवक्ता ने कहा कि NCLT ने स्टेट बैंक के अंबानी द्वारा उनकी संपत्तियों में लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने के स्टेट बैंक के आग्रह से इनकार कर दिया। प्रवक्ता ने कहा कि एनसीएलटी के आदेश का रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, रिलायंस पावर लिमिटेड और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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