श्रीराधा डी बसु & रीका भट्टाचार्य, कोलकाता & मुंबई पिछले एक साल में कई सीनियर प्रफेशनल्स ने आर्थिक संकट से गुजर रहीं नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) को छोड़ा है। आने वाले समय में कई और प्रफेशनल्स ऐसा कर सकते हैं। NBFC सेक्टर लिक्विडिटी क्राइसिस (फंड की कमी) से जूझ रहा है। हायरिंग कंपनियों का कहना है कि ऐसे में कई टॉप एग्जिक्यूटिव, यहां तक कि CXO भी, फिनटेक, BFSI, कंसल्टिंग या बड़ी और बेहतर NBFC में मौके तलाश रहे हैं। एक रिक्रूटर ने बताया कि पिछले 3 महीनों में 20 लाख से अधिक वेतन वाले 700 से ज्यादा प्रफेशनल के सीवी मार्केट में आए हैं। ये प्रफेशनल NBFC में काम करते हैं। टॉप 30 NBFC में हायरिंग रुकी हुई है। हालांकि पिछले 6 महीनों में सीनियर पोजिशन पर लोगों की भर्तियां होती रही हैं। स्पेशलिस्ट टैलेंट सॉल्यूशन की कंपनी Xpheno के को-फाउंडर कमल कारंत ने ईटी को बताया, 'ऐसे 30 पर्सेंट प्रफेशनल्स ने या तो फिनटेक में काम करना शुरू कर दिया है या उद्यमी/कंसल्टेंट बन गए हैं। 40 पर्सेंट दूसरी NBFC में चले गए हैं। बचे हुए 30 पर्सेंट बैंकों की तरफ लौट गए हैं।' परेशान NBFCs ने लेंडिंग और हायरिंग रोक दी हैं। इस सेक्टर का आउटलुक नेगेटिव है और जल्द हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे। इन कारणों से रिलायंस कमर्शल फाइनैंस, विस्तार फाइनैंशल सर्विसेज, IIFL, क्लिक्स कैपिटल और मैग्मा फिनकॉर्प जैसी कंपनियों के सीनियर लीडर नौकरी छोड़ रहे हैं। 2019 की शुरुआत से जिन टॉप अधिकारियों ने नौकरी बदली है, उनमें क्लिक्स कैपिटल को छोड़ ऊबर ज्वॉइन करने वाली मनीषा नाथ गुप्ता, L&T फाइनैंशल सर्विसेज से टाटा AIA लाइफ इंश्योरेंस जाने वाले रमेश विश्वनाथ, रिलायंस कमर्शल फाइनैंस से बजाज फिनसर्व जाने वाले देवांग मोदी और IIFL होम लोन्स छोड़ फुलर्टन इंडिया क्रेडिट जॉइन करने वाले प्रतीक गोयल शामिल हैं। लगभग सभी ने पिछली कंपनी दो साल के अंदर छोड़ी है। नौकरी छोड़ने वालों की लिस्ट में रत्तनइंडिया के पूर्व CFO और COO रामचंद्र माल्या और विस्तार फाइनैंशल सर्विसेज के CBO प्रवीण अरोड़ा भी शामिल हैं। अरोड़ा की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह फिलहाल निजी काम से छुट्टी पर हैं। एग्जिक्यूटिव सर्च फर्म वीटोएल्टॉर में हेड बैंकिंग ऐँड NBFC हायरिंग शुवहर्शिका मिश्रा ने बताया, 'पिछले दो साल से टैलेंट लगातार बैंक छोड़कर NBFC से जुड़ रहे थे। हालिया आर्थिक परेशानियों के बीच यह प्रक्रिया रुक गई है। हम कई NBFC टैलेंट को बैंकों या बड़े फिनटेक प्लैटफॉर्म की तरफ लौटते हुए देख रहे हैं।' इसी के साथ नौकरी बदल रहे लोगों के लिए मोल-भाव की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। माइकल पेज के रीजनल डायरेक्टर अंशुल लोढ़ा ने बताया, 'नौकरी बदलने पर सैलरी हाइक पहले के 40-50 पर्सेंट से घटकर 10-15 पर्सेंट पर आ गई है। सीनियर एग्जिक्यूटिव्स अब स्थिरता की तलाश कर रहे हैं।'
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