नई दिल्ली सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है। 6 महीने में दूसरी बार कर्मचारियों को समय से अपनी सैलरी नहीं मिली है। इससे पहले फरवरी में भी आर्थिक तंगी की वजह से वेतन नहीं दे पाई थी और किसी तरह 15 मार्च तक उसने वेतन का भुगतान किया था। बीएसएनएल के सीएमडी पीके पुरवार ने कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से चार या पांच अगस्त तक कर्मचारियों को वेतन दे देंगे।' चूंकि वित्त मंत्रालय की तरफ से कोई बजटीय मदद नहीं है, लिहाजा दूरसंचार विभाग इस स्थिति में नहीं है कि वह बीएसएनएल को तत्काल कोई वित्तीय मदद दे सके। पढ़ें- वेतन पर 850 करोड़ रुपये खर्च करता है मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि सरकारी बैंकों की दूरसंचार सचिव के साथ 22 जुलाई को एक बैठक हुई थी और ऋण की प्रक्रिया में कुछ प्रगति हुई है। बीएसएनएल जुलाई का वेतन अगस्त के पहले हफ्ते में देने की काफी कोशिश कर रही है। ऑल इंडिया बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के महासचिव प्रहलाद राय ने कहा, 'फिलहाल बीएसएनएल प्रबंधन वेंडरों के बकाया 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के कुछ हिस्से को आंतरिक स्रोतों से भुगतान कर रहा है और उसके बाद आंतरिक स्रोतों से ही 10 दिनों के भीतर कंपनी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर देगी।' पढ़ें- बीएसएनएल को मासिक वेतन के रूप में कुल 850 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है। कंपनी मौजूदा समय में गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है और सरकार वीआरएस, एमटीएनएल के साथ इसके विलय और इसे 4जी स्पेक्ट्रम देने सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है, ताकि कंपनी को जिंदा किया जा सके। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। (आईएएनएस से मिले इनपुट्स के आधार पर)
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