लोगों और कंपनियों की मदद के लिए RBI लाया लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम

मुंबई 2008 के वित्तीय संकट के बाद पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह घोषणा की है कि वह कंपनियों से लेकर आम जनता तक के लिए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा लाएगा। इसके जरिए एयरलाइन कंपनियां, होटल और स्टील-सीमेंट कंपनियां भी अपना लोन रीस्ट्रक्चर कर सकेंगी, जो कोरोना की वजह से नुकसान झेल रही हैं। रिजर्व बैंक अभी लगातार यही कोशिश कर रहा है कि पिछले 100 सालों में आई इस सबसे बड़ी क्राइसिस में लोगों की मदद कर सके। लोन रीस्ट्रक्चर करने की ये स्कीम सरकार के इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल देगी। कुछ बिजनेस जैसे होटल, एयरलाइन और यहां तक कि फैक्ट्रियां भी या तो बंद हो गई हैं या फिर अपनी क्षमता से बहुत कम प्रोडक्शन कर रही हैं। इसकी वजह स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और साथ ही कम मांग का होना है, जिससे बहुत सारी नौकरियां जा रही हैं। इससे बिजनेस को लंबे समय के लिए नुकसान पहुंच सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी बात का जिक्र करते हुए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा देने का फैसला किया है, ताकि लोन का भुगतान करने में अच्छा रिकॉर्ड रखने वाली ये कंपनियां ऐसी बनी रहें। यह भी पढ़ें- 10 फीसदी अमाउंट रखा जाएगा अलग रिजर्व बैंक ने नियम बनाया है कि बैंक लोन रीस्ट्रक्चर हुए अमाउंट का 10 फीसदी अलग रखें, जिससे वह भविष्य में कोई नुकसान होने के स्थिति से निपट सकें। इस कदम के बाद सरकार को तमाम पब्लिक सेक्टर बैंकों को कैपिटल मुहैया करानी होगी, जो करीब दो-तिहाई बिजनेस चला रहे हैं। इस स्कीम की डीटेल्स पर एक्सपर्ट पैनल काम करेगा, जिसकी अध्यक्षता दिग्गज बैंकर केवी कामत कर रहे हैं। यह भी पढ़ें- डिफॉल्टर्स को नहीं मिलेगी ये सुविधा होम लोन लेने वाले वो लोग, जिन्होंने रिजर्व बैंक के मोराटोरियम का लाभ लिया है, जो 31 अगस्त को खत्म हो रही है, उन्हें अपने बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की ओर से लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम की घोषणा तक इंतजार करना होगा। माना जा रहा है कि रीस्ट्रक्चरिंग के तहत शुरुआती सालों में कम ईएमआई का भुगतान करना होगा। रिजर्व बैंक की स्कीम कर्जदाताओं को मोराटोरियम की सुविधा को और आगे बढ़ाने का भी विकल्प देगी। सिर्फ एक ही शर्त होगी कि कर्ज की समय सीमा को 2 साल से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही जिन कर्जदारों ने मार्च 2020 में मोराटोरियम की सुविधा की घोषणा से पहले भुगतान में डिफॉल्ट किया था, उन्हें लोन रीस्ट्रक्चरिंग का फायदा नहीं मिलेगा। साथ ही लोन रीस्ट्रक्चरिंग फाइनेंशियल सेक्टर की इकाइयों, केंद्र और राज्य सरकारों और नगर पालिका आदि के लिए नहीं होगी।


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