नई दिल्ली जापान की दिग्गज ऑटो कंपनी Toyota Motors Corp ने भारत में कारोबार का विस्तार नहीं करने वाले बयान पर सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि वह भारत में कारोबार करने और भारत में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए टोयोटा समूह आने वाले वर्षों में टेक्नॉलजी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसका इस्तेमाल घरेलू और एक्सपोर्ट मार्केट्स के लिए किया जाएगा। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर मसाकाजू योशीमूरा ने एक बयान में कहा कि उनकी कंपनी भारत में अपने कारोबार के प्रति कटिबद्ध है। कंपनी को भारत की आर्थिक संभावनाओं पर पूरा भरोसा है और वह इसके लिए अपना योगदान देने के लिए समर्पित है। कंपनी पिछले दो दशक से भारत में कारोबार कर रही है और इस दौरान उसने 'ग्रो इंडिया-ग्रो विद इंडिया' की भावना के अनुरूप काम किया है। 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेशउन्होंने कहा कि भारत में कंपनी का कारोबार उसकी दीर्घकालिक ग्लोबल स्ट्रैटजी का हिस्सा है। कंपनी अगले कुछ वर्षों में भारत में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। कंपनी भारत में नई, स्वच्छ और विश्वस्तरीय तकनीक और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। क्या था विवादउल्लेखनीय है कि टोयोटा की स्थानीय यूनिट टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (Toyota Kirloskar Motor) के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने हाल में कहा था कि कंपनी भारत में अपने कारोबार का और विस्तार नहीं करेगी। उन्होंने इसके लिए भारत में ज्यादा टैक्स को जिम्मेदार बताया है। उनके इस बयान को मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से पस्त इकॉनमी को दुरुस्त करने के लिए विदेशी कंपनियों को लुभाने की लगातार कोशिश करते आ रहे हैं। विश्वनाथन ने एक इंटरव्यू में कहा, 'यहां आने और पैसा निवेश करने के बाद हमें जो संदेश मिला वो यह है कि हमें आपकी जरूरत नहीं है।' उन्होंने कहा कि कोई टैक्स रिफॉर्म्स ना होने की वजह से कंपनी भारतीय बाजार से नहीं निकलेगी लेकिन अपना कारोबार नहीं बढ़ाएगी। टोयोटा दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनियों में से एक है। इसने भारत में अपने कारोबार की शुरुआत 1997 में की थी। इसकी लोकल यूनिट में जापानी कंपनी की 89 फीसदी हिस्सेदारी है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन डाटा के मुताबिक, अगस्त 2020 में कंपनी की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी सिर्फ 2.6 फीसदी रह गई है जो एक साल पहले 5 फीसदी थी।
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