पेइचिंग/इस्लामाबाद पाकिस्तान सरकार और सेना प्रमुख के अचानक से पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रांत घोषित करने के पीछे चीन का हाथ निकलकर सामने आ रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को अब पाकिस्तान का सूबा बनाए जाने की योजना भारत के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाए जाने के बाद चीन की ओर से बनाई गई है। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने विश्लेषकों के हवाले से कहा कि भारत और अमेरिका पाकिस्तान के इस कदम को लद्दाख का बदला लेने के लिए चीन के प्रभाव में उठाया गया कदम मानेंगे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के पिछले अक्टूबर महीने में हुए पेइचिंग दौरे के बाद से अब तक चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कई बार इस्लामाबाद की आड़ में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का मुद्दा उठाया है। 'भारत को चीन-पाक के खिलाफ लड़ना होगा टू फ्रंट वॉर' चीन के इस कदम पर भारत अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर कर चुका है। यही नहीं पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है और दोनों ही देशों ने हजारों की तादाद में अपने सैनिक वहां तैनात कर रखे हैं। बता दें कि लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान आपस में सटे हुए हैं और सियाचीन ग्लेशियर इन दोनों को ही अलग करता है। विश्लेषकों का कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान के दर्जे को बदलने के पाकिस्तानी कदम से भारत की यह आशंका बढ़ जाएगी कि उसे पहाड़ों पर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ टू फ्रंट वॉर लड़ना होगा। यह वही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाका है जहां पर चीन की भी कड़ी नजर है। भारत के साथ वर्ष 1962 के युद्ध के बाद चीन ने पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद समाधान समझौता किया था। इससे चीन और पाकिस्तान दोनों ही करीब आ गए। दरअसल, गिलगित-बाल्टिस्तान चीन के शिंजियांग उइगर इलाके से सटा हुआ है और यह अरब सागर तक जाने के लिए चीन का एकमात्र जमीनी मार्ग है। अरब सागर में ही तेल बहुल खाड़ी देश बसे हैं। चीन ने वर्ष 1978 में कराकोरम हाइवे बनाया था जिससे चीन और पाकिस्तान पूरी तरह से जुड़ गए। चीन अब सीपीईसी के तहत पाकिस्तान में करीब 90 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। बेल्ट एंड रोड कार्यक्रम के तहत गिलगित में भी चीनी निवेश किया जा रहा है, जिसका भारत विरोध कर रहा है। भारत का कहना है कि गिलगित भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा है। लंदन के किंग्स कॉलेज में प्रफेसर हर्ष वी पंत कहते हैं कि पाकिस्तान गिलगित को कानूनी रूप से देकर न केवल सीपीईसी के तहत चीनी निवेश में आ रही अड़चनों को दूर करना चाहता है, बल्कि पेइचिंग को ज्यादा पहुंच देना चाहता है। चीन-पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ेगा पंत ने कहा कि इसने टू फ्रंट वॉर को एकदम वास्तविक बना दिया है। उन्होंने कहा, 'भारत इसे इस रूप में देखेगा कि चीन की शह पर पाकिस्तान इस कदम को उठा रहा है और पाकिस्तान के पास चीन-भारत तनाव में शिकार होने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।' इस पाकिस्तानी कदम से चीन-पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ेगा। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अमेरिका इसे चीन की शह पर उठाया गया कदम मानेगा। बता दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने 16 सितंबर को पाकिस्तानी नेताओं के साथ एक गोपनीय बैठक की थी। इसमें उन्होंने गिलगित को अलग राज्य बनाए जाने की योजना का खुलासा किया था। अब गिलगित को अलग राज्य का दर्जा दे दिया गया है और वहां पर 15 नवंबर को चुनाव होने हैं।
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