लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों ने बोर्ड को दिया झटका, जानिए क्या है मामला

मुंबई के शेयरधारकों ने अपने निदेशक मंडल के 7 निदेशकों की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया है, जिसमें एमडी और सीईओ एस सुंदर शामिल हैं। सुंदर को इस साल जनवरी में बैंक के अंतरिम एमडी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि शेयरधारकों के फैसले से बैंक के प्रबंधन को लेकर उनकी नाखुशी का पता चलता है, जो हालिया समय में वित्तीय संकट से गुजर रहा है। बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि 25 सितंबर को बैंक की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों ने भी अपने वैधानिक लेखा परीक्षकों की फिर से नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया। जिन निदेशकों की नियुक्ति को खारिज किया गया है उनमें एन साईप्रसाद, गोरिंका जगनमोहन राव, रघुराज गुर्जर, के आर प्रदीप, बी के मंजूनाथ और वाई एन लक्ष्मीनारायण मूर्ति शामिल हैं। Clix Group के साथ विलयप्रस्तावित 10 पुनर्नियुक्तियों में से, शक्ति सिन्हा, सतीश कुमार कालरा और मीता माखन के डायरेक्टरशिप को शेयरधारकों ने स्वीकार किया। यह काम ऐसे समय में हुआ है जब बैंक कठिन दौर से गुजर रहा है और उसकी क्लिक्स कैपिटल के साथ विलय के लिए बातचीत चल रही है। इस साल जून में लक्ष्मी विलास बैंक ने कहा था कि उसे Clix Group से नॉन-बाइंडिंग लेटर ऑफ इंटेंट मिला है। 30 जुलाई 2020 को बैंक ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण दोनों पार्टियों ने आपसी समझ से एक्सक्लूसिविटी पीरियड को 15 सितंबर तक बढ़ा दिया है।


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