हुंजा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में गुरुवार को एक बार फिर से जोरदार प्रदर्शन हुआ। हुंजा इलाके में हजारों की तादाद में स्थानीय लोगों ने वर्ष 2011 से जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की। इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दंगे करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। अवामी वर्कर्स पार्टी के नेता बाबा जान समेत कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने कई आजीवन कारावास की सजा दी है। इन लोगों को पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति और उसके बच्चे की मौत के बाद प्रदर्शन करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। प्रदर्शनकारी सरकार से पुलिस गोलीबारी के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे। बाबा जान समेत 14 कार्यकर्ता अभी भी जेल में बंद दरअसल, हुंजा नदी में बाढ़ आ जाने की वजह से स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था और वे मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने गोली चला दी और एक व्यक्ति तथा उसके बच्चे की मौत हो गई। ये दोनों लोग गोजल घाटी के रहने वाले थे। इस हत्याकांड के बाद इलाके में जोरदार प्रदर्शन भड़क उठे थे। प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस ने बाबा जान और इलाके के कई अन्य लोगों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। पीओके की पुलिस ने जहां ज्यादातर लोगों को रिहा कर दिया है, वहीं 14 कार्यकर्ता अभी भी जेल में बंद हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि इन लोगों को कई आजीवन कारावास दिए गए हैं। सभी आरोपियों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और आरोप लगाया है कि यह उनकी आवाज को दबाने के लिए किया गया है।
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