मुंबई अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए गरीब देशों में निजी क्षेत्र की कंपनियों को अब तक 4 अरब डॉलर का ऋण दिया है। दुनिया के सबसे बड़े ग्लोबल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूशन आईएफसी का ध्यान उभरते बाजारों के निजी क्षेत्रों पर होता है। संस्थान ने मार्च में 8 अरब डॉलर के वित्त पोषण को लेकर प्रतिबद्धता जताई। इसका मकसद महामारी से प्रभावित निजी क्षेत्र की कंपनियों की मदद करना है। आईएफसी के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक मेंगिस्तु एलेमायेहु ने एक बयान में कहा, ‘त्वरित वित्त पोषण के तहत मंजूर किए गए 8 अरब डॉलर के वित्त पोषण में से अबतक 4 अरब डॉलर ऋण दिए गए हैं। इससे सर्वाधिक गरीब देशों के लोगों को लाभ होगा।’ उन्होंने कहा कि शेष राशि अन्य विकासशील देशों और उभरते बाजारों में महामारी के खिलाफ अभियान के लिए दी जाएगी। भारतीय कंपनियों को कितनी मददबहुपक्षीय संस्थान ने यह साफ नहीं किया कि उसने इसमें से कितनी राशि भारतीय कंपनियों को दिए। बयान में केवल डीसीएम श्रीराम का जिक्र है जिसे आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने और रोजगार संरक्षण को लेकर 4 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया गया है। आईएफसी का जोर विकासशील देशों के सबसे कमजोर लोगों तक वित्तीय मदद पहुंचाने पर होता है।
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