नई दिल्ली असंगठित क्षेत्र के कामगारों और छोटे दुकानदारों के लिए अच्छी खबर है। सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों से जुड़ी () योजना और छोटे कारोबारियों के लिए शुरू की गई नैशनल पेंशन स्कीम (NPS) को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। इन दोनों योजनाओं को उम्मीद के मुताबिक सब्सक्राइबर नहीं मिल पाए हैं। लेबर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने ईटी को यह जानकारी दी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अभी इस बात पर चर्चा हो रही है कि ईपीएफओ को अपना दायरा बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू करनी चाहिए या इन दोनों योजनाओं को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए। साथ ही इस कवायद का मकसद इन योजनाओं को आसान बनाना और इनके क्रियान्वयन को कारगर बनाना है। क्या कहता है कानूनदूसरे अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ के पास एम्पलॉयर के हस्तक्षेप के बिना व्यक्तिगत अंशदान (individual contributions) को हैंडल करने का अनुभव नहीं है। इसलिए इस कवायद के लिए बहुत तैयारी की जरूरत है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (The Code on Social Security) के सरकार स्वरोजगार में लगे लोगों या किसी भी अन्य श्रेणी के लोगों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कोई भी स्कीम ला सकती है। क्या है योजनाअसंगठित क्षेत्र के कम आयवर्ग वालों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा के लिए पीएम श्रम योगी मानधन योजना शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत ऐसा कोई भी भारतीय नागरिक जुड़ सकता है, जिसकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच हो। हर महीने एक आंशिक योगदान के जरिए वह आजीवन 3000 रुपये पेंशन का हकदार बन सकता है। दूसरी योजना छोटे दुकानदारों से जुड़ी है। इस पेंशन योजना के तहत खुदरा विक्रेताओं, दुकानदारों को 60 साल की उम्र होने के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलने की व्यवस्था है।
from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times https://bit.ly/3mslyEa