LTA: सरकारी की तरह अब प्राइवेट कर्मचारियों के लिए भी आ रही टैक्स बचाने की यह स्कीम!

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने इस बार अपने कर्मचारियों को LTC में कैश वाउचर देने का प्लान बनाया है। कर्मचारी इस कैश वाउचर की मदद से ऐसी गैर-खाद्य चीजें खरीद सकेंगे, जिस पर जीएसटी कम से कम 12 फीसदी लगता हो। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी अगर LTA की राशि से कंज्यूमर गुड्स खरीदने का विकल्प चुनते हैं तो वे भी टैक्स में छूट के हकदार होंगे। एक सरकारी अधिकारी ने ईटी से कहा कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी टैक्स में फायदा मिलेगा। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है और जल्दी ही इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। इस स्कीम के जरिए सरकार कोरोना से त्रस्त इकॉनमी में उपभोक्ता मांग बढ़ाना चाहती है। इसी कारण वह चाहती है कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी इसका हिस्सा बनें। सरकार का अनुमान है कि इससे 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी। () ने उपभोक्ता मांग और पूंजीगत खर्च बढ़ाने कि लिए सोमवार को कई घोषणाएं की थीं। इनमें सरकारी कर्मचारियों को LTC के बदले कैश वाउचर देने की योजना भी शामिल थी। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारी 31 मार्च, 2021 तक ऐसा सामान या सेवाएं खरीद सकते हैं जिन पर 12 फीसदी से अधिक जीएसटी लगता है। स्पष्टीकरण की जरूरतप्राइवेट सेक्टर में इसमें चार साल में दो बार इनकम टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन इसके लिए कर्मचारी को यात्रा का प्रमाण देना होता है। बिना सबूत के इस पर टैक्स कटता है। इंडस्ट्री का कहना है कि इस पर स्पष्टीकरण की जरूरत है कि इनकम टैक्स के प्रावधानों में बदलाव किए बिना प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को इसका फायदा कैसे मिलेगा। इस बारे में टैक्स एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है कि सरकार इस बारे में कोई सर्कुलर जारी करेगी या नहीं। कानून में करना होगा बदलावनांगिया एंडरसन एलएलपी की डायरेक्टर नांगिया मल्होत्रा ने कहा, 'सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज नियमों में जरूरी बदलाव के लिए एक सर्कुलर जारी कर सकता है। इससे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी LTA पर टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं, बशर्ते इस राशि को कुछ खास उद्देश्य पर खर्च किया गया हो। बाद में इस सर्कुलर को अगले फाइनेंस बिल में शामिल किया जा सकता है।' Institure of Chartered Accountants के पूर्व प्रेजिडेंट वेद जैन ने कहा कि सरकार को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (5) में बदलाव करना पड़ेगा क्योंकि इसमें कर छूट पर पाबंदी का प्रावधान है। सरकार अगले बजट में इसमें बदलाव कर सकती है।


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