नई दिल्ली रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिख रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है। दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट संभव है। जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में होगी कटौती दास ने कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख को बनाये रखेगा। नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा। तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है। दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी। इकॉनमी में 9.5 फीसदी की गिरावट संभव चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में कितना संकुचन आएगा इसे लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी की गिरावट संभव है। बता दें कि पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में देश की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी। खरीफ फसलों का रकबा बढ़ा शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों रकबा बढ़ा है और रबी फसलों का भी आउटलुक अच्छा है जिससे खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है। इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रीपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की। रीपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। वहीं रिवर्स रीपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times https://bit.ly/3nuCdrX