नई दिल्ली भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है। जापान ने तो चीन से अपना कारोबार भारत शिफ्ट करने वाली कंपनियों को बाकायदा इन्सेटिव देने की घोषणा की है। जापान की मिनिस्ट्री ऑफ इकॉनमी, ट्रेड और इंडस्ट्री (METI) ने भारत और बांग्लादेश को रिलोकेशन डेस्टिनेशंस में शामिल किया है। यानी अगर जापान की कोई कंपनी चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इन देशों में शिफ्ट करती है तो उसे सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। जापान सरकार ने अपने सब्सिडी प्रोग्राम का दायरा बढ़ा दिया है। इसका मकसद कम करना है और एक ऐसा सिस्टम बनाना है जिसमें किसी आपात स्थिति में मेडिकल मटीरियल्स और इलेक्टॉनिक कंपोनेंट्स की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे। जापान सरकार चाहती है कि उसकी कंपनियां विभिन्न देशों में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करें। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2020 के बजट में सब्सिडी के लिए 23.5 अरब येन आवंटित किए हैं। दूसरे दौर के आवेदनसब्सिडी के लिए दूसरे दौर के आवेदन की प्रक्रिया 3 सितंबर से शुरु हुई। इसमें उन कंपनियों को भी सब्सिडी का फायदा मिलेगा जो चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत या बांग्लादेश शिफ्ट करना चाहती हैं। अभी जापानी कंपनियों की सप्लाई चेन काफी हद तक चीन पर निर्भर है। कोविज-19 महामारी के दौर में यह बुरी तरह प्रभावित हुई। इस महामारी की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। पहले दौर के आवेदन की प्रक्रिया जून में बंद हो गई थी। इसके तहत जापान सरकार ने 30 मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी और 10 बिलियन येन की सब्सिडी दी थी। इनमें वियतनाम और लाओस में होया का इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स बनाने का प्रोजेक्ट शामिल है।
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