नई दिल्ली कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण चालू वित्त वर्ष (Financial Year 2020-21) की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के बीच सबकुछ बंद रहा। लॉकडाउन के कारण इस तिमाही में मांग बिल्कुल शून्य पर पहुंच गई। इस दौरान और ऑटो लोन की मांग में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तमाही (जुलाई-सितंबर) से मांग में तेजी आने लगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई और अगस्त के महीने में होम लोन और ऑटो लोन को लेकर पूछताछ पिछले साल के मुकाबले ज्यादा रही, हालांकि यह जनवरी-फरवरी 2020 के मुकाबले अभी कम है। PSB से लोन में ग्राहकों का ज्यादा दिलचस्पी होम लोन और ऑटो लोन में अगर इतनी तेजी दर्ज की गई है तो इसमें पब्लिक सेक्टर बैंकों का बहुत बड़ा योगदान है। रिपोर्ट के मुताबिक, पर्सनल लोन को लेकर पूछताछ पिछले साल के मुकाबले 118 पर्सेंट है, जबकि इस साल जनवरी-फरवरी के मुकाबले यह 102 पर्सेंट है। बात अगर प्राइवेट बैंकों की करें तो यह पिछले साल के मुकाबले 75 फीसदी तक ही परफॉर्म कर पा रहे हैं। NBFCs और फाइनैंशनल कंपनीज के मामले में यह और भी कम है। होम लोन डिमांड में अच्छी खासी तेजी TransUnion Cibil डेटा के मुताबिक, होम लोन पूछताछ में अच्छी-खासी तेजी आई है। जुलाई-अगस्त 2019 के मुकाबले यह इस साल 112 फीसदी रहा जबकि जनवरी-फरवरी 2020 के मुकाबले 92 फीसदी रहे। उसी तरह ऑटो लोन पूछताछ के मामले पिछले साल के मुकाबले 88 फीसदी और प्री-कोविड लेवल के मुकाबले 84 फीसदी रहे। लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की बात करें तो यह पिछले साल के मुकाबले 90 फीसदी और प्री-कोविड मुकाबले में 72 फीसदी रहे। 7 पर्सेंट से कम पर होम लोन एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक जैसे पब्लिक सेक्टर बैंक अभी 7 पर्सेंट से कम इंट्रेस्ट रेट पर होम लोन ऑफर कर रहे हैं। प्राइवेट बैंकों में एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक भी 7 पर्सेंट से नीचे इंट्रेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं। इधर महाराष्ट्र सरकार ने होम लोन पर इंसेटिंव देने की घोषणा की है। स्टॉम्प ड्यूटी को 5 पर्सेंट से घटाकर 2 पर्सेंट कर दिया गया है। हालांकि यह स्कीम दिसंबर 2020 तक ही लागू है।
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