मुंबई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकार रखने का फैसला लिया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगी। दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए आरबीआई उदार रुख बनाये रखेगा। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है। अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है और स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। खाद्यान्न उत्पादन में बन सकता है रेकॉर्ड आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक इकॉनमी गिरावट के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आ सकती है। वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में गति मिल सकती है। तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी। दास ने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है। मॉनसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रकबे में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
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