आज से दिल्ली-NCR में डीजल जेनरेटर पर पूरी तरह रोक, कैसे होगा फैक्ट्री में काम?

नई दिल्ली प्रदूषण के बढ़ने के साथ ही आज से दिल्ली-एनसीआर के 5 शहरों में GRAP (Graded Response Action Plan) लागू हो रहा है। इसके तहत आज से दिल्ली समेत गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में डीजल, पेट्रोल और मिट्टी के तेल से जलने वाले जेनरेटर पर प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध आगामी 15 मार्च तक लागू रहेगा। दिल्ली के लिए यह फैसला तो ठीक है, क्योंकि यहां पावर कट बहुत कम है। लेकिन नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में क्या होगा? इन शहरों में तो खूब पावर कट है। ऐसे में उन सोसाइटी में क्या होगा, जहां पावर कटने पर डीजल जनरेटर चला कर लिफ्ट आदि चलाई जाती है। फिर फैक्ट्री का क्या होगा? वहां पावर कट होने पर प्रॉडक्शन बंद हो सकता है। CNG-PNG जेनरेटर चलते रहेंगे हालांकि सीएनजी, पीएनजी और बिजली से चलने वाले जेनरेटर पहले की तरह चल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2017 में यह व्यवस्था लागू की गई थी। ईपीसीए (Environment Pollution (Prevention and Control) Authority (EPCA) दिल्ली एनसीआर में इसकी मॉनिटरिंग करती है। हालांकि यह पहला मौका जब जेनरेटरों पर एनसीआर के पांच शहरों में पूरी तरह रोक लगाई गई है। हालांकि हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में अब भी हजारों लोगों के यहां पावर सप्लाई जनसेट पर ही निर्भर है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानियां हो सकती हैं। बढ़ रहा है प्रदूषण का स्तर पिछले दो दिनों से दिल्ली में स्मॉग दिखाई देने लगा है। इस बीच एजेंसियां यह मान कर चल रही हैं कि अक्टूबर के अंत तक हेल्थ इमरजेंसी की नौबत आ सकती है। जेनरेटर पर रोक के अलावा आज से सड़कों की सफाई पूरी तरह मैकेनाइज्ड हो जाएगी। मैन्युअल झाड़ू लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। सीपीसीबी और डीपीसीसी की विभिन्न टीमें हॉट स्पॉट समेत अपने अपने क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखेंगी। साथ ही सीपीसीबी के समीर ऐप पर मिल रही प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को महज 24 घंटे में हल करने के निर्देश सीपीसीबी की तरफ से जारी किए गए हैं। यहां डीजल जेनरेटरों को छूट - अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर फैसिलिटी - एलिवेटर, एक्सीलेटर, लिफ्ट - रेलवे सर्विस, रेलवे स्टेशन - डीएमआरसी सर्विस जिसमें ट्रेन और स्टेशन शामिल हैं - एयरपोर्ट और आईएसबीटी - एनआईसी (नैशनल इंफार्मेशन सेंटर) का डेटा सेंटर कब-क्या होता है GRAP में खराब हवा (201 से 300) - कूड़ा जलाने पर रोक, ईंट भट्टों की निगरानी, सड़कों पर पानी का छिड़काव, मैकेनाइज्ड स्वाइपिंग बेहद खराब हवा (301 से 400) - पार्किंग फीस में तीन से चार गुना का इजाफा, बस और मेट्रो की सर्विस बढ़ाना, होटलों ढाबों में कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल बंद, आरडब्ल्यूए की मदद से गार्ड आदि को हीटर उपलब्ध करवाना गंभीर (401 से 500) - ईंट भट्टों, स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट बंद, एनसीआर के कोयला बेस्ड पावर प्लांट बंद, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इजाफा अति गंभीर या मेडिकल इमरजेंसी (500 से अधिक) - दिल्ली में जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य ट्रकों की एंट्री पर रोक, निर्माण कार्य पर रोक, कम से कम छूट के साथ गाड़ियों पर ऑड ईवन स्कीम, स्कूल को बंद करने के बारे में विचार किया जा सकता है।


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