निजीकरण की तेजी...बेचने वाली सरकारी कंपनियों की नई लिस्ट तैयार कर रहा नीति आयोग

नई दिल्ली निजीकरण की दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। कुछ और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की पहचान कर रहा है जिसे सरकार बेचेगी या फिर उसमें विनिवेश करेगी। ईटी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इसको लेकर सोमवार को नीति आयोग के अधिकारियों की बैठक होगी। इस बैठक में स्टेट ओन्ड कंपनियों की पहचान की जाएगी। मतलब यह पूरी तरह से नई लिस्ट तैयार की जा रही है। पहली लिस्ट में 48 PSU में विनिवेश को लेकर आयोग ने अपने सुझाव दिए थे मंत्रालय तैयार कर रहे अपने विभागीय कंपनियों की लिस्ट नीति आयोग ने सभी मंत्रालयों से कहा है कि वे अपने-अपने विभाग के अंतर्गत आने वाले उन PSE की पहचान करें जिनमें सरकार स्ट्रेटेजिक सेल कर सकती है। इस डील में मालिकाना हक और कंट्रोल दोनों ट्रांसफर किए जाएंगे। मंत्रालय का काम अपने विभाग के अंतर्गत आने वाले नॉन- स्ट्रेटेजिक कंपनियों की पहचान करना है ताकि सरकार उसमें विनिवेश कर सके। सरकार की वित्तीय हालत खराब मोदी सरकार नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर से पूरी तरह निकलना चाहती है। इस दिशा में बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण सरकार की वित्तीय हालत खराब है। ऐसे में वह इस प्लान पर जोरदार तरीके से आगे बढ़ रही है। ऐसें में अब नॉन-स्ट्रेटेजिक पब्लिक सेक्टर यूनिट की पहचान की जा रही है और सरकार इसके असेट का मौद्रीकरण करना चाहती है। नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर से बाहर निकलेगी सरकार पिछले दिनों मोदी सरकार ने साफ कर दिया था कि वह पब्लिक सेक्टर की कुछ कंपनियों को छोड़कर नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी। डिफेंस, बैंकिंग, इंश्योरेंस, स्टील, फर्टिलाइजर और पेट्रोलियम स्ट्रेटेजिक सेक्टर के तहत आते हैं। सरकार इससे बाहर नहीं निकलेगी। हालांकि प्राइवेट प्लेयर्स की भी इसमें एंट्री होगी ताकि कॉम्पटिशन बढ़ें और कामकाज के क्वॉलिटी में सुधार हो। 2.1 लाख करोड़ विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था। स्ट्रेटेजिक सेल के लिए जरिए सरकार 1.2 लाख करोड़ जुटाना चाहती है। इसके अलावा पब्लिक सेक्टर बैंक्स और फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन में विनिवेश के जरिए भी 90 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा करेगी। नीति आयोग ने पहले चरण में 48 सरकारी कंपनियों में विनिवेश का विचार दिया था। इसमें एयर इंडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा एनटीपीसी, सीमेंट कॉर्पोरेशन, भारत अर्थ और स्टील अथॉरिटी में स्टेक बेचने का भी सुझाव दिया गया था।


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