इस्लामाबाद पाकिस्तान में गेहूं की कीमत ने रेकॉर्ड तोड़ दिए। यह इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा 2400 रुपये प्रति 40 किलो की कीमत यानी 60 रुपये में एक किलो पर पहुंच गई। इसके साथ ही देश की सरकार के महंगाई काबू में करने और खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिशों के असफल होने के इशारे मिलने लगे हैं। पिछले दिसंबर में देश में हालात बेहद खराब दिखने लगे थे जब गेहूं की कीमत 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी। इस साल अक्टूबर में ही यह रेकॉर्ड टूट गया। कीमतों के ऐलान की मांग ऑल पाकिस्तान फ्लार असोसिएशन ने मांग की है कि देश और राज्य की सरकारें गेहूं के क्रय मूल्य का ऐलान जल्द करें क्योंकि सिंध में कटाई का मौसम शुरू हो चुका है और पंजाब में अगले महीने शुरू हो जाएगा। वहीं, किसानों ने मांग की है कि सर्टिफाइड बीजों की कीमतों का ऐलान किया जाए और अगले 24 घंटे में 50 किलो के बैग की कीमत का ऐलान भी किया जाए। फ्लार असोसिएशन का कहना है कि मिल मालिक देश में गेहूं की कमी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। वहीं, सरकार ने रूस से दो लाख मेट्रिक टन गेहूं आयात किया है जो इस महीने आ जाएगा। इकनॉमिक कोऑर्डिनेशन कमिटी ने देश मे कीमतें स्थिर करने के लिए यह कदम उठाया है। एक साथ कई मुसीबतें गौरतलब है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई थी। उसके ऊपर से कोरोना वायरस की महामारी ने और भी कमर तोड़कर रखी दी। यही नहीं देश के खेतों पर टिड्डों के हमले से भी खेतों को भारी नुकसान हुआ है। टिड्डों ने सैकड़ों एकड़ फसल चौपट कर दी थी जिससे आशंका जताई जा रही थी कि इस साल किसानों को भारी नुकसान होगा और देश में खाद्य संकट पैदा हो सकता है।
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