नई दिल्ली सरकार ने चार साल पहले लागू की थी। उसका एक मकसद नकली नोटों की समस्या से छुटकारा पाना था। उस समय सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। इसके बाद सरकार 2000 रुपये का नया नोट लेकर आई थी। लेकिन पिछले साल जितने भी पकड़े गए, उनमें सबसे ज्यादा 2000 रुपये के ही थे। नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की सालाना रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इन आंकड़ों से यह बात भी पता चलती है कि 2018 की तुलना में 2019 में नकली नोटों के पकड़े जाने के मामलों में तेजी आई। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में 25.39 करोड रुपये के नकली नोट पकड़े गए जबकि 2018 में यह रकम 17.95 करोड़ रुपये थी। कर्नाटक से पकड़े गए सबसे ज्यादा नकली नोटसरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की थी। उसके बाद सरकार 2000 रुपये का नोट लेकर आई थी। तब दावा किया गया था कि इसमें कई हाई सिक्टोरिटी फीचर हैं जिनकी नकल नहीं की जा सकती है। एनसीआरबी के मुताबिक 2019 में 2000 रुपये के 90,566 नोट पकड़े गए। सबसे अधिक कर्नाटक से 2000 रुपये के 23,599 नकली नोट पकड़े गए। गुजरात से 14,494 और पश्चिम बंगाल से 13,637 नकली नोट बरामद हुए। आरबीआई ने नहीं छापा एक भी नोट 25 अगस्त को जारी आरबीआई की 2019-20 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा। देश में सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या में कमी आई है। 2017-18 में जहां 3.6 अरब नोट चलन में थे, वहीं 2019-20 में यह संख्या घटकर 2.73 अरब रह गई। में कहा गया है कि पिछले साल 100 रुपये के 71,817 नकली नोट पकड़े गए। इनमें दिल्ली से सबसे अधिक 31,671 नोट बरामद हुए। गुजरात से 16,159 और उत्तर प्रदेश से 6,129 नोट पकड़े गए।
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