आत्मनिर्भर भारत का दिखने लगा असर, चाइनीज रिमोट से मिलने वाली है मुक्ति

नई दिल्लीकेंद्र सरकार के अभियान का असर ट्रेन सेट (Train set), ट्रक-बस (Truck-Bus), अर्थ मूविंग इक्विपमेंट (Earth moving equipments) जैसी बड़ी चीजों के निर्माण में तो दिख ही रहा है। अब इसका असर ( control), सेट टॉप बाक्स (), एडप्टर () जैसी छोटी चीजों पर भी दिख रहा है। इस समय एक ओर इन वस्तुओं का आयात घटने लगा है तो घरेलू उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इन वस्तुओं के घरेलू उत्पादन में जिस तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि कुछ ही महीने में भारत इस मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। अब भारत में ही उत्पादन डाइरेक्ट टू होम (Direct to home) टेक्नोलोजी क्षेत्र की कंपनी डिश टीवी इंडिया (Dish TV India) ने पिछले हफ्ते ही घोषणा की है कि वह अपना की मैन्यूफैक्चरिंग फेसिलिटी भारत शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। कंपनी का कहना है कि वर्ष 2021 की पहली तिमाही में उनका कम से कम 50 फीसदी प्रोडक्शन भारत में होगी। कंपनी के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डाइरेक्टर (CMD) जवाहर गोयल का कहना है कि वह सेट टॉप बाक्स का कैबिनेट और एडप्टर का निर्माण भी यहीं शुरू करने वाले हैं। चाइनीज इंपोर्ट से मिलेगी मुक्ति रिमोट कंट्रोल, सेट टॉप बाक्स, एडप्टर आदि बनाने वाली नोएडा बेस्ड कंपनी एलआरआईपीएल (LRIPL) का कहना है कि बढ़ी मांग को देखते हुए वह शीघ्र ही अपनी उत्पादन क्षमता दूने से भी ज्यादा करने वाली है। उनकी नोएडा स्थित दो फैक्ट्रियों में अभी हर महीने 35 लाख रिमोट बनते हैं। इसे शीघ्र ही बढ़ा कर 50 लाख रिमोट प्रति माह किया जाएगा। यदि तब भी कमी रह जाती है तो उसकी संख्या में और इजाफा किया जाएगा। एलआरआईपीएल के प्रबंध निदेशक (MD) वी के सचदेवा का कहना है कि कुछ भारतीय कंपनियां चीन या किसी अन्य देश से रॉ मैटेरियल मंगा कर यहां सिर्फ असेंबलिंग करती है। लेकिन वह यहीं न सिर्फ रिमोट का केबिनेट बनाते हैं बल्कि अंदर लगने वाला सामान, मतलब कि प्रिटेड सर्किट बोर्ड, रिमोट का बटन और स्प्रिंग तक अपने यहां बनाते हैं। इसके लिए उन्होंने जापान, जर्मनी और चीन से मशीनों का आयात पहले ही कर लिया है। अब मेड इन इंडिया ही चलेगा सस्ते स्मार्टफोन बाजार (Smartphone Market) में यूं तो चाइनीज कंपनियों का दबदबा है, लेकिन वे अब अधिक से अधिक लोकलाइजेशन (Localisation) में लगी हुई हैं। एक प्रमुख चाइनीज कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पहले स्मार्ट फोन की अधिकतर चीजों का आयात होता था। अभी स्मार्ट फोन के निर्माण में काम आने वाले डिस्प्ले (Display)और मदर बोर्ड (Mother board) जैसी चीजें भी यहीं बनने लगी हैं। यही नहीं, अब तो एडप्टर तक यहीं बनाये जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय कई भारतीय कंपनियां हैं, जिनके बनाये सामान गुणवत्ता के मामले में आयातित सामानों से 20 ठहर रही हैं, 19 नहीं। भारत से निर्यात भी एलआरआईपीएल के एमडी सचदेवा का कहना है कि वह इस समय एयर कंडीशनर बनाने वाली जापानी कंपनी डाइकिन, भारतीय कंपनी वोल्टास और ब्ल्यू स्टार आदि को रिमोट कंट्रोल सप्लाई करते हैं। अभी तक उनके रिमोट की सप्लाई सिर्फ भारतीय बाजार के लिए होता था। पिछले दिनों ही डाइकिन की तरफ से उन्हें बताया गया है कि वह कुछ विदेशी बाजार के लिए भी रिमोट लेना चाहती है। कंपनी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा एलआरआईपीएल यूनाइटेड किंगडम और पश्चिम एशिया के कुछ देशों में भी इन चीजों की सप्लाई शुरू की है। दुनिया भर को होगा निर्यात केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में सिर्फ अपनी आवश्यकता पूरी करने का ही लक्ष्य नहीं है। सरकार की सोच है कि पहले हम अपनी आवश्यकता पूरी करें। उसके बाद दुनिया भर के देशों की आवश्यकता पूरी की जाएगी। भारतीय कंपनियां गुणवत्ता के मामले में दूसरे देशों की कंपनियों से कोई कम नहीं है। जहां कमी होगी होगी, उसमें सरकार सहयोग करेगी। इस तरह से भारत दुनिया भर के देशों के लिए प्रोडक्शन हब बनेगा और यहां बनी चीजें दुनिया भर में बिकेंगी। इससे भारत में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ेगा।


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