विदेशी बाजारों में तेजी से लगभग सभी तेल- तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) विदेशी बाजारों में सुधार के रुख के बीच लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद बाजार की मांग बढ़ने से दिल्ली के थोक तेल-तिलहन बाजार में पिछले सप्ताहांत सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ सहित अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की खरीद करने से सरसों किसानों में उत्साह लौट आया है और वे औने-पौने दाम पर फसल बेचने से बच रहे हैं और मंडी में सरसों की आवक कम हो रही है। इस परिस्थिति में सरसों दाना, सरसों दादरी, सरसों पक्की और कच्ची घनी की कीमतों में सुधार आया। सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज में चार प्रतिशत और शिकॉगो एक्सचेंज में पांच प्रतिशत की तेजी रही जिसका सकारात्मक असर स्थानीय कारोबार पर दिखा। उन्होंने कहा कि देश में सोयाबीन डीगम तेल तथा मलेशिया में उत्पादन बढ़ने के कारण अगले महीने पाम तेलों की काफी मात्रा में आवक होने की उम्मीद है। ऐसे में सोयाबीन सहित अन्य देशी तिलहन उत्पादक किसानों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार को सोयाबीन डीगम और पाम तेल पर शुल्क बढ़ाने के बारे में विचार करना चाहिये।इसके अलावा आयात शुल्क मूल्य कम होने से भी स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया क्योंकि विदेशों में तेलों के दाम बढ़ा दिये गए। इससे पाम और सोयाबीन डीगम तेल की कीमतों में तेजी आई। सरसों की एमएसपी पर सरकारी खरीद के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दाना (तिलहन फसल), सरसों दादरी, सरसों पक्की और कच्ची घानी तेलों की कीमतों में सुधार देखने को मिला। सरसों दाना (तिलहन फसल), सरसों दादरी की कीमतें क्रमश: 175 रुपये और 510 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,675-4,725 रुपये और 9,880 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं, जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी की कीमतें 70-70 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 1,605-1,750 रुपये और 1,675-1,795 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मंडियों में मूंगफली का हाजिर भाव एमएसपी से कम था और किसानों ने मंडियों में आवक दी। मूंगफली दाना की कीमत पिछले सप्ताहांत के स्तर पर पूर्ववत रही जबकि मूंगफली गुजरात का भाव 250 रुपये के सुधार के साथ 13,250 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी पूर्वस्तर (10,000-13,000 रुपये क्विन्टल) पर बंद हुआ। बेहद साधारण मांग के कारण वनस्पति घी तिल मिल डिलिवरी का भाव पूर्ववत बंद हुआ। शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार और बिजाई के लिए स्थानीय मांग के कारण सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम की कीमतें क्रमश: 170 रुपये, 100 रुपये और 280 रुपये का सुधार दर्शाती क्रमश: 8,820 रुपये, 8,650 रुपये और 7,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) की कीमत भी 50 रुपये के सुधार के साथ 7,650 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। बाजार में कम कीमत पर बिक्री रोकने के लिए आवक कम करने और बिजाई की मांग के कारण सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज के भाव भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 190 रुपये का सुधार दर्शाते समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 4,075-4,100 रुपये और 3,875-3,900 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। लॉकडाउन में ढील के बाद रेस्तरां, खान-पान की छोटी दुकानों और होटलों की मांग बढ़ने से पामोलीन तेलों में भी सुधार आया। उन्होंने कहा कि कच्चे पाम तेल (सीपीओ), पामोलीन तेलों - आरबीडी दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल की कीमतें क्रमश: 260 रुपये, 170 रुपये और 230 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 6,880 रुपये, 8,250 रुपये और 7,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं।


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