विश्व बैंक ने कहा- दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी मंदी आएगी, करोड़ों लोग गरीबी की मार झेलेंगे

नई दिल्ली कोरोना वायरस को लेकर विश्व बैंक ने एक बड़ी चिंता जताई है, जिसका डर काफी पहले से था। विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था () में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी मंदी (worst recession after ) आएगी। अनुमान लगाया गया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.2 फीसदी की गिरावट आ जाएगी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी मंदी विश्व बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मलपास के अनुसार 1870 के बाद यह पहला मौका होगा, जब महामारी की वजह से आएगी। ये बात उन्हें ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पैक्ट रिपोर्ट की भूमिका में कही है। बता दें कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1870 के बाद अब तक कुल 14 बार मंदी आई है। ये मंदी 1876, 1885, 1893, 1908, 1914, 1917-21, 1930-32, 1938, 1945-46, 1975, 1982, 1991, 2009 और 2020 में आई हैं। यह भी पढ़ें- भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी की गिरावट विश्व बैंक ने इस बात की भी आशंका जताई है कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी की गिरावट आएगी। बता दें कि ये दर 2017 में 7 फीसदी थी, जो 2018 में घटकर 6.1 फीसदी रह गई। 2019-20 में यह और भी घटी और 4.2 फीसदी पर जा पहुंची। यानी कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असली असर इस वित्त वर्ष में देखने को मिलेगा। यह भी पढ़ें- विकसित देशों में 7 फीसदी और विकासशील देशों में 2.5 फीसदी गिरावट रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस साल विकसित देशों की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी सिकुड़ जाएगी और विकासशील देशों की इकनॉमी में भी 2.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। गरीबी की मार झेलेंगे करोड़ों लोग रिपोर्ट की मानें तो प्रति व्यक्ति आय में भी 3.6 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। इसकी वजह से करोड़ों लोगों को गरीबी की मार झेलनी पड़ेगी। उन देशों में गरीबी की मार सबसे अधिक होगी, जो पर्यटन और निर्यात पर अधिक निर्भर हैं और जहां पर कोरोना वायरस सबसे अधिक फैला है।


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