नई दिल्ली सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और राजनीतिक दलों, बॉलीवुड के एक्टर तथा क्रिकेट की मशहूर हस्तियों से अपील करने के बाद कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स () ने बहिष्कार का दायरा बढ़ा दिया है। संगठन ने आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और देश के 50 अन्य उद्योगपतियों को पत्र भेजकर राष्ट्र एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इस अभियान में उनसे जुड़ने का आग्रह किया। कैट ने "भारतीय सामान—हमारा अभिमान" के नाम से "चीनी सामानों का बहिष्कार" का एक अभियान बीते 10 जून, 2020 को यह राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया है। इन उद्योगपतियों को भेजा पत्र कैट ने मुकेश अम्बानी के अलावा टाटा समूह के रतन टाटा, इंफोसिस (Infosys) के नारायणमूर्ति, विप्रो (Wipro) समूह के अजीम प्रेमजी, गोदरेज (Godrej) समूह के आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता, हर्ष मरीवाला, पंकज पटेल आदि से सहयोग का आग्रह किया है। शीर्ष उद्योगपति बहिष्कार करेंगे तो बनेगी नजीर कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने अंबानी और अन्य उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। कैट ने अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा की यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा, इस दृष्टि से देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी। यह भी पढ़ें: चरणबद्ध तरीके से चीनी कच्चे माल को कहें नमस्ते भरतिया ने कहा कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है। तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद। कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है जिसके अंतर्गत लगभग 3000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं। मिथक दूर करेंगे उनका कहना है कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है। इसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे।
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