नई दिल्ली दिग्गज कारोबारी ने हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा का प्रोजेक्ट हासिल किया है। अब अडानी का कहना है कि चीन से भारत में करीब 90 फीसदी सोलर इक्विपमेंट आयात किया जाता है, जो अगले 3-5 सालों में खत्म हो जाएगा। अडानी ने कहा है कि वह सोलर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक्विटी और स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स भी ढूंढ रहे हैं। मिला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट गौतम अडानी की कंपनी () ने दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट () बनाने की बोली जीत ली है। इसके तहत उनकी कंपनी 8000 मेगावॉट का फोटोवोल्टैक (Photovoltaic) पावर प्लांट बनाएगी। साथ ही 2000 मेगवॉट का डोमेस्टिक सोलर पैनल भी उनकी ही कंपनी तैयार करेगी। मौजूदा समय में भारत में सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 3300 मेगवॉट है और मॉड्यूल बनाने की क्षमता 8000 मेगावॉट है। अडानी ग्रीन एनर्जी ने ये टेंडर 6 अरब डॉलर यानी करीब 45,300 करोड़ रुपए की बोली लगाकर हासिल किया है। इस टेंडर के लिए पिछले साल नवंबर में बोलियां मांगी गई थीं, जिनका नतीजा अब आया है। यह भी पढ़ें- 4 लाख नौकरियां होंगी पैदा अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी 2025 तक 25 गिगावाट का उत्पादन करते हुए दुनिया में लीडर बनना चाहती है। उन्होंने कहा कि तब तक 18-20 गिगावाट का थर्मल उत्पादन होगा और सोलर उत्पादन उससे भी अधिक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 8 गिगावॉट के सोलर पावर प्रोजेक्ट और 2 गिगावॉट के सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग के प्लांट से करीब 4 लाख नौकरियां पैदा होंगी। अडानी ने कहा कि देश तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। चीनी इक्विपमेंट का 90 फीसदी आयात कम होकर 50 फीसदी पर आएगा और फिर जीरो हो जाएगा। 3-5 सालों में खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा। यह भी पढ़ें-
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