हाइजीन प्रॉडक्ट्स जैसे सैनिटरी नैपकिन्स, हैंड वॉश की कीमतें हो सकती हैं नियंत्रित

सुष्मी डे, नई दिल्ली जरूरी हाइजीन उत्पादों जैसे सैनिटरी नैपकिन्स, हैंड वॉश, कीटाणुनाशक और वयस्क डायपर्स की कीमत को सरकार जल्द ही नियंत्रित करेगी। सरकार उन जरूरी हाइजीन प्रॉडक्ट्स की लिस्ट को अंतिम रूप दे रही है जिनके दाम को कम करने की जरूरत है। अभी फिलहाल केवल एक जरूरी दवाइयों की लिस्ट ही है जिनके दामों को नियंत्रित किया गया है। इस लिस्ट में कुछ मेडिकल उपकरण भी शामिल हैं। हालांकि अब सरकार इस लिस्ट में कुछ उत्पादों को शामिल करने और कुछ को हटाने जा रही है। इसके अलावा सरकार मेडिकल उपकरण, डिस्पोजबल और हाइजीन प्रॉडक्ट्स की अलग-अलग लिस्ट भी तैयार कर रही है। हाइजीन प्रॉडक्ट्स के दामों पर नियंत्रण का काम चल रहा है लेकिन सरकार ने हाल ही में जरूरी दवाओं के दाम को कम किया था। करीब 384 जरूरी दवाओं की कीमत को उसके मैक्सिमम रीटेल प्राइज पर कैप लगाकर नियंत्रित किया गया था, इसमें मेडिकल उपकरण जैसे स्टेंनेट्स को भी शामिल किया गया। इस लिस्ट के अलावा दूसरे सभी दवाओं के लिए कंपनी को 10 प्रतिशत तक कीमत बढ़ाने की अनुमति है। इतना ही नहीं सरकार ने 42 कैंसर दवाओं के लिए ट्रेड मार्जिन पर 30 प्रतिशत का कैप लगाया है। इस काम में लगे एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जरूरी हाइजिन प्रॉडक्ट्स की लिस्ट बनाने का काम आखिरी चरण में है और अगले 2 महीनों के अंदर यह लिस्ट जारी हो सकती है। लिस्ट को 2 भागों में बांटा गया है- प्राइमरी और सेकंडरी। प्राइमरी कैटगरी में रखे गए प्रॉडक्ट्स की कीमत को नियंत्रित रखा गया है। जबकि सेकंडरी प्रॉडक्ट्स के लिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह लोगों को उचित मूल्य पर मिल सके। एक बार सूची जारी हो गई तो नीति आयोग की कमिटी इस पर फैसला लेगी कि ट्रेड मार्जिन पर कैप लगाया जाए या सीलिंग प्राइज पर सीमारेखा खींची जाए। एक अधिकारी ने बताया कि यह भी हो सकता है कि प्राइमरी कैटगरी के लिस्ट के प्रॉडक्ट्स पर प्राइस कैप लगाया जाए और सेकंडरी लिस्ट के प्रॉडक्ट्स पर मार्जिन सीमा निर्धारित की जाए।


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