नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को टेलिविजन पर अचानक आकर 'मित्रों...' से शुरू किए गए अपने संबोधन में कथित तौर पर काले धन पर बड़ी मार के लिए जैसी ऐतिहासिक घोषणा की थी। इसके बाद के बाकी के कार्यकाल में लोगों के बीच चर्चा रही कि उनका अगला कदम 2,000 रुपये के नए नोटों को चलन से बाहर करना हो सकता है, हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी टैक्सचोरों को बहुत बड़ा झटका दे सकते हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने वित्त मंत्रालय के कई वरीय अधिकारियों को सेवा से बाहर करके कर दी है। शेयर बाजार के एक दिग्गज ने यह संभावना जताई है। नोटबंदी जैसा होगा बड़ा झटका शेयर बाजार के इस दिग्गज ने शुक्रवार को संभावना जताई है कि अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, जो नोटबंदी के झटके जैसा ही होगा और इस बार झटका टैक्सचोरों को लगेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस सप्ताह के शुरुआत में दर्जनभर से अधिक इनकम-टैक्स अधिकारियों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई से अटकलें हैं कि जल्द ही ऐसे लोगों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। शेयर बाजार के दिग्गज और मारसेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर सौरभ मुखर्जी ने हमारे सहयोगी ईटी नाउ के साथ एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं पूरी तरह सुनिश्चित हूं कि ऐसा होने जा रहा है। हम टैक्सचोरों पर एक बड़ी कार्रवाई देखने जा रहे हैं, खासकर जीएसटी और इनकम टैक्स के क्षेत्र में भी।' 12 वरीय अधिकारियों को किया बर्खास्त उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बीते 10 जून को भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में विभाग के 12 वरीय अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 18 जून को दूसरे दौर की कार्रवाई में 15 वरीय आयकर अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। बर्खास्त अधिकारियों में प्रिंसिपल कमिश्नर, कमिश्नर, अडिशनल कमिश्नर, डेप्युटी कमिश्नर, जॉइंट कमिश्नर और असिस्टैंड कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल थे। भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में कदम मोदी सरकार द्वारा दूसरा कार्यकाल शुरू करने के कुछ ही समय बाद यह बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मुखर्जी ने कहा, 'पिछले दो से तीन सप्ताह के भीतर पहली दिलचस्प बात जो मैं देख रहा हूं वह यह है कि वरीय टैक्स अधिकारियों को रिटायर या छुट्टियों पर जाने के लिए कहने की खबरें बार-बार सामने आ रही है। यह कराधान के क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार को मिटाने की दिशा में कदम है और मैंने चुनाव से पहले ही यह बात भांप ली थी।' शक्तियों का दुरुपयोग खत्म करना होगा हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स ने एक एडिटोरियल कमेंट्री में पहले ही कहा था, 'एक ऐसे कानून का इस्तेमाल, जिसका शायद ही यूज होता है, कर केंद्र सरकार ने यह कठोर संदेश दे दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति होगी। भ्रष्टाचार का मूल कारण कर अधिकारियों द्वारा अपनी शक्तियों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल है। और इसे खत्म करना चाहिए।'
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