कर्ज का बोझ घटाने की कोशिश, मुंबई हेडक्वॉर्टर को बेचना चाहते हैं अनिल अंबानी

मुंबई कर्ज के भारी बोझ तले दबे बिजनेसमैन अनिल अंबानी मुंबई में अपना हेडक्वॉर्टर बेचने या लॉन्ग-टर्म लीज पर देने के लिए ब्लैकस्टोन सहित कुछ ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्मों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि इस साइट को लेकर एक कानूनी विवाद है। सूत्रों का कहना है कि अंबानी दक्षिण मुंबई में अपने बैलार्ड एस्टेट ऑफिस में वापस जाने की योजना बना रहे हैं। अंबानी ने हाल ही में ईटी को बताया था कि 18 हजार करोड़ रुपये के कर्ज वाली रिलायंस कैपिटल कर्ज चुकाने की पूरी कोशिश कर रही है। ग्रुप की योजना इस वित्त वर्ष में कर्ज को 50 प्रतिशत तक घटाने की है। 7 लाख स्क्वेयर फुट में है मुख्यालय सांताक्रूज में मौजूद रिलायंस सेंटर 7 लाख स्क्वेयर फुट में है और इसे बेचने से 1,500-2,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। एक सूत्र ने बताया, 'अनिल अंबानी इस प्रॉपर्टी को बेचने या लॉन्ग-टर्म लीज पर देने की योजना रखते हैं।' अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप अपनी रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज बेचकर कैश हासिल करना चाहता है जिससे कर्ज का बोझ कम किया जा सके। रेटिंग एजेंसियों ने ग्रुप की कुछ कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है। JLL को मिल सकती है जिम्मेदारी हेडक्वॉर्टर को बेचने के लिए रिलायंस ग्रुप इंटरनैशनल प्रॉपर्टी कंसल्टंसी जेएलएल को जिम्मेदारी दे सकता है। रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की कि ग्रुप के मुंबई के हेडक्वॉर्टर सहित रियल एस्टेट ऐसेट्स को बेचने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। ब्लैकस्टोन ने इस डील पर टिप्पणी नहीं की। रिलायंस ग्रुप के हेडक्वॉर्टर की मालिक है। हेडक्वार्टर पर कानूनी विवाद भी हालांकि, हेडक्वॉर्टर को लेकर एक कानूनी विवाद भी है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (MERC) ने अडानी ट्रांसमिशन की ओर से 2017 में रिलायंस इन्फ्रा के रिटेल इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन को खरीदने की अनुमति देने के बाद कहा था कि सांताक्रूज का हेडक्वॉर्टर रिलायंस और अडानी के बीच डील से बाहर रखा गया था और अडानी ग्रुप बाद में रिलायंस इन्फ्रा के समान ऑफिस स्पेस बनाने के लिए छूट नहीं मांग सकता। प्रॉपर्टी बेचने में हो सकती है मुश्किल इसके बाद उपभोक्ताओं के एक समूह ने अपीलेट ट्राइब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी में अपील दायर कर कहा था कि जमीन को अडानी ट्रांसमिशन को ट्रांसफर करने की जरूरत है या यूजर्स को उनके बिलों में जमीन की कीमत के बराबर छूट मिलनी चाहिए। यह मामला अभी ट्राइब्यूनल में लंबित है। एक सूत्र ने कहा कि अनिल अंबानी को इस वजह से प्रॉपर्टी बेचने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।


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