दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) कोटक महिंद्रा बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कम करने की समयसीमा सोमवार को समाप्त हो रही है, इसके साथ ही निजी बैंकों में मालिकाना हक से जुड़े रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश की समीक्षा की मांग जोर पकड़ने लगी है। शोध संस्थान सेंटर फार इकोनोमिक पालिसी रिसर्च (सीईपीआर) ने एक नई रिपोर्ट में कहाहै कि निजी क्षेत्र के भारतीय बैंकों के लिये नियमन की समीक्षा, कामकाज तथा मालिकाना हक नियमों के माडल पर नये सिरे से काम करने के लिये यह उपयुक्त समय है। हाल ही में स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने भी कहा था कि निजी
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