नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा)चिकित्सा कारोबार के क्षेत्र में नियामकीय परिस्थितियां अधिक कठोर होने तथा प्रतिस्पर्धा बढ़ने के चलते नये साल में कंपनियों के आपस में विलय या अधिग्रहण का रुझान और तेज हो सकता है। बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार में नियमन कड़े होने से छोटी हास्पिटल कंपनियों के लिए लाभदायक बने पाना मुश्किल कठिन हो रहा है। उद्योग जगत का मानना है कि नये साल में इस क्षेत्र की सरकारी एवं निजी कंपनियों में और भागीदारियां देखने को मिल सकती हैं। महीनों की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद मलेशिया की आईएचएच हेल्थकेयर चार हजार करोड़ रुपये में फोर्टिस की 31.1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद
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