दो चरणों के अथॉन्टिकेशन प्रोसेस में एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के मार्फत दूसरे के बैंक अकाउंट से पैसे की चपत लगाने की जुगत में जुटे लोगों के खिलाफ प्रभावी उपाय माना जाता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें अपराधियों ने बैंक कस्टमर्स से चालाकी से ओटीपी मांग ली या उनके स्मार्टफोन हैक करके ओटीपी चुरा लिए।
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