नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) बिजली क्षेत्र में फंसे कर्ज तथा कुछ अन्य मुद्दों पर रिजर्व बैंक के साथ उभरे मतभेद को दूर करने के लिये सरकार ने पहली बार रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात के तहत केन्द्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक को धारा सात के तहत नोटिस भेजने का उल्लेख किये बिना जारी बयान में कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता आवश्यक है लेकिन रिजर्व बैंक का कामकाज आम लोगों के हित और अर्थव्यवस्था की जरूरत से निर्देशित होना चाहिये।
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