फार्मा कंपनियां खास ब्रैंड की दवाइयां प्रेसक्राइब करने के लिए डॉक्टरों या अस्पतालों को 20 से 21 प्रतिशत इंसेंटिव देती हैं। ऐसा खासकर कॉम्बिनेशन डोज के लिए किया जाता है। दवा कंपनियां डॉक्टरों या अस्पतालों को दिए जा रहे इंसेंटिव की रकम भी मरीजों से ही वसूलती हैं। इस वजह से दवाइयां महंगी हो जाती हैं।
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