मुंबई, 17 अक्टूबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया कि आईएलएफएस समूह द्वारा बाहर से लिए गए कुल ऋण में उसकी हिस्सेदारी दो प्रतिशत से भी कम है। इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएलएफएस) वर्तमान में नकदी के संकट से जूझ रही है। इसके चलते वह अपने कर्ज की किस्तें नहीं चुका सकी। सरकार ने मामले में दखल देते हुए आईएलएफएस के पुराने निदेशक मंडल को भंग कर दिया और उदय कोटक की अध्यक्षता में नए निदेशक मंडल का गठन किया है। शेयर बाजार को दी जानकारी में सेंट्रल बैंक ने स्पष्ट किया कि विभिन्न
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