कोरोना वायरस की बात करते हुए बोले RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की होगी कुल कटौती

नई दिल्ली भारतीय ने सातवें SBI बैंकिंग एंड इकनॉमिक्स कॉन्क्लेव में कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने दिखाया कि हमारी अर्थव्यवस्था और फाइनेंशियल सिस्टम कितना मजबूत और लचीला है। पिछले 100 सालों में कोरोना वायरस स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर सबसे बड़ा संकट बनकर सामने आया है। नौकरी से लेकर लोगों की दिनचर्या तक पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ा है। उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना वायरस ने ग्लोबल चेन वैल्यू, अभी के वर्ल्ड ऑर्डर और लेबर की आवाजाही को पूरी दुनिया में प्रभावित किया है। फरवरी 2019 से लेकर अब तक हमने कुल मिलाकर रेपो रेट में करीब 135 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। वह मुख्य रूप से इसलिए किया गया ताकि ग्रोथ में आई गिरावट से निपटा जा सके। इसके बारे में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी रिजॉल्यूशन में भी कहा गया है। शक्तिकांत दास ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस की आपदा ने लोगों की जान ली और उनकी जीवनशैली को भी प्रभावित किया। यह भी पढ़ें- रेपो रेट में कुल 250 बेसिस प्वाइंट की होगी कटौती उन्होंने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने फैसला किया कि भारतीय रिजर्व बैंक धीरे-धीरे अभी रेपो रेट में 115 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती करेगा। इस तरह से फरवरी 2019 से लेकर आने वाले समय में रेपो रेट में कुल कटौती 250 बेसिस प्वाइंट हो जाएगी। और क्या बोले शक्तिकांत दास वह बोले कि आरबीआई के लिए विकास पहली प्राथमिकता है, वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। आरबीआई ने उभरते जोखिमों की पहचान करने के लिए अपने ऑफसाइट निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। रिजर्व बेंक गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से एनपीए बढ़ेगा और पूंजी का क्षरण होगा। आरबीआई पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक के लिहाज से समाधान निकालने के लिए सभी हितधारकों से बात कर रहा है। यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के प्रतिबंध हटने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के वापस सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत दिखने शुरू हो गये हैं। पांच मध्यावधि के लिए आरबीआई के नीतिगत कदमों में इस बात का सावधानीपूर्वक आकलन करना होगा कि संकट क्या रूप लेता है। संकट के समय में भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने बेहतर काम किया है। दबाव में फंसी संपत्ति से निपटने के लिये वैधानिक अधिकार संपन्न ढांचागत प्रणाली की जरूरत है।


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