गरीबों को कैसे मिले आसानी से कर्ज, गडकरी ने बताया तरीका

नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सामाजिक संस्थानों के जरिए गरीबों के लिए छोटी राशि के कर्ज (माइक्रोफाइनेंस) आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) मंत्री ने गुरुवार को कहा कि इस बारे में उनकी नीति आयोग के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अमिताभ कांत, उपाध्यक्ष राजीव कुमार तथा टाटा समूह एवं आईआईटी के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि वे अब नीति का निर्माण कर रहे हैं जिसके आधार पर रिजर्व बैंक सामाजिक सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिए आसानी से मंजूरी, लाइसेंस दे सकता है। डिजिटल तरीके से वेब पोर्टल की शुरूआत के मौके पर अपने संबोधन में गडकरी ने कहा कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) अच्छा काम कर रही हैं लेकिन उन पर काफी दबाव है। गडकरी ने कहा कि ‘वेब प्लेटफार्म’ के साथ एक पारदर्शी, समयबद्ध और परिणाम उन्मुख कंप्यूटरीकृत प्रणाली की जरूरत है, जहां हम एक सूक्ष्म वित्त संस्थान शुरू कर सकते और जो गरीब लोगों को आसानी से ऋण दे सके। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह समय की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के लिए और नकदी की जरूरत पर जोर दिया। गडकरी ने कहा कि यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उत्पादन लागत कम करने पर जोर इससे पहले एक अन्य वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि फार्मर-प्रोड्यूसर कंपनी (पीएफसी) द्वारा बनाए गए सामान की इस तरह से मार्केटिंग की जानी चाहिए कि उनके उत्पादन की लागत कम की जा सके। उन्होंने वेबिनार में शामिल हुए महाराष्ट्र के अमरावती जिले के पीएफसी के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन की लागत कम करने पर जोर दें। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ समझौता किए बिना कम लागत पर घरेलू बाजार में माल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि सरप्लस उपज को निर्यात किया जाना चाहिए।


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