कोरोना से जंग में ADB ने भारत को दिया $1.5 अरब का पैकेज

दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली एशियन डिवेलपमेंट बैंक (ADB) ने मंगलवार को भारत के लिए 1.5 अरब डॉलर का कोविड 19 पैकेज मंजूर किया। कुछ खास सेक्टरों को और मदद देने के लिए सरकार से बातचीत कर रहा है। ADB देश के प्राइवेट सेक्टर के भी संपर्क में है ताकि जहां जरूरी हों, वहां सहायता की जा सके। ADB के वाइस प्रेजिडेंट शिशिन चेन ने ईटी को बताया कि बैंक ने माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइजेज और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स को क्रेडिट गारंटी के जरिए सहायता देने के बारे में भारत से चर्चा शुरू कर दी है। यह सहायता मंगलवार को घोषित पैकेज से अलग होगी। उन्होंने कहा, 'कोविड 19 से निपटने और इससे उबरने में अगर और सहायता की जरूरत पड़ी तो ADB देने को तैयार है। हम फाइनेंसिंग के हर विकल्प पर विचार करेंगे।' भारत ADB का चौथा बड़ा शेयरहोल्डर है और करीब 30 अरब डॉलर के कर्ज मिल चुकने के साथ यह इससे सबसे ज्यादा उधार लेने वाला देश भी है। चेन ने कहा कि ADB प्राइवेट सेक्टर से भी बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेड और सप्लाई चेन फाइनेंस के अलावा एमएसएमई के लिए हेल्थकेयर, एग्री बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में लिक्विडिटी सपोर्ट पर बात की जा रही है। मंगलवार को घोषित सहायता से पहले हेल्थ, वेलफेयर और इकनॉमी पर कोविड 19 के असर के बारे में सरकार से गहन विचार-विमर्श हुआ था। इस पैकेज से कोरोना महामारी से निपटने में सरकारी कदमों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि इससे महामारी पर काबू पाने, इससे बचाव के अलावा गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सामाजिक सुरक्षा देने में मदद मिलेगी। इससे पहले इसी महीने वर्ल्ड बैंक ने हेल्थकेयर सेक्टर के लिए एक अरब डॉलर का पैकेज दिया था। चेन ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 2 प्रतिशत के नीचे जा सकती है। एडीबी ने अप्रैल की शुरुआत में दिए गए अनुमान में ग्रोथ 4 प्रतिशत रहने की बात की थी। चेन ने कहा, 'अगर अगले दो महीनों में महामारी पर काबू पा लिया जाए तो इंडियन इकनॉमी अगले वित्त वर्ष में सात प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज करेगी।' हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आगाह किया है कि यह महामारी कुछ समय बाद फिर कहर ढा सकती है और तमाम देशों को लॉकडाउन हटाने में सतर्कता बरतनी चाहिए। चेन ने कहा, 'इसका अर्थ यह है कि बार-बार लॉकडाउन करना होगा और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों को बनाए रखना होगा। इससे सामान्य आर्थिक गतिविधि प्रभावित होगी और इसका असर इकनॉमिक रिकवरी पर पड़ेगा।' इकॉनमी को रिवाइव करने के राजकोषीय उपायों के बारे में चेन ने कहा कि महामारी से सर्वाधिक प्रभावित सेक्टरों को सपोर्ट देने के लिए और राहत उपायों की जरूरत पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई, एविएशन, ऐग्रिकल्चर और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टरों पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। कोरोनावायरस से जुड़े अपडेट्स
  1. भारत में कोरोना का पहला मामला कब और किस राज्य में सामने आया?भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। चीन के वुहान यूनिवर्सिटी से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे।
  2. भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत कब और कहां हुई?भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 12 मार्च को हुई। कर्नाटक के कलबुर्गी में सऊदी अरब से लौट 76 साल के शख्स भारत में इस वायरस के पहले शिकार बने।
  3. भारत में कुल कितने लोग कोरोना से संक्रमित हैं और अब तक कितनी मौतें हुई हैं?स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सोमवार सुबह तक देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 937 हो गई है। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29,974 हो गई है।
  4. कोरोना वायरस की चपेट में आए अब तक कितने मरीज ठीक हो चुके हैं?स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार सुबह तक 7,027 लोग ठीक हो चुके हैं और एक व्यक्ति विदेश चला गया है। कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।


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