कुल टैक्स में 15% देने वाली ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बढ़ा संकट, अप्रैल में जीरो सेल्स

लिजी फिलिप/केतन ठक्कर, मुंबई देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की अप्रैल में कोई बिक्री नहीं होगी। ऐसा इस इंडस्ट्री के इतिहास में पहली बार होगा। कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियों के हेड ने ईटी को बताया कि उन्हें मई में भी स्थिति में अधिक सुधार की उम्मीद नहीं है। उनका कहना था कि इंडस्ट्री के लिए संकट लंबे समय तक रह सकता है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के दिग्गजों ने संकट से निकलने के लिए बिजनस में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्लांट बंद करना आसान है, लेकिन सप्लायर्स, वेंडर्स, डीलर्स और फाइनैंसर्स के ईकोसिस्टम के बिना कामकाज दोबारा शुरू करना एक बड़ी मुश्किल है। इसी वजह से ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स दोबारा शुरू करने के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है और वे स्थिति स्पष्ट करने के लिए मई तक इंतजार कर रही हैं। मई के मध्य तक ये कंपनियां कुछ प्रॉडक्शन शुरू कर सकती हैं। GDP में ऑटो सेक्टर का 8% हिस्सा देश के जीडीपी में ऑटोमोबाइल सेक्टर की हिस्सेदारी 8 पर्सेंट से अधिक है और सरकार को कुल टैक्स कलेक्शन का 15 पर्सेंट इस इंडस्ट्री से मिलता है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में चार करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार मिला है। JIT अपनाने की जरूरत टीवीएस मोटर्स के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को जापान के जस्ट इन टाइम (JIT) के कामकाज के तरीके को अपनाने की जरूरत है क्योंकि इससे भविष्य के लिए जोखिम कम हो जाता है। उन्होंने बताया, ‘हमें लोकल कॉम्पोनेंट्स पर अधिक जोर देने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे सप्लायर्स 20 किलोमीटर के दायरे में मौजूद हों। इससे सप्लाई चेन में रुकावट की आशंका कम हो जाएगी।’ 6-7 दिनों से ज्यादा की इनवेंटरी रखना मुश्किल जापान के कामकाज के JIT तरीके का मतलब होगा इनवेंटरी को न्यूनतम रखना। श्रीनिवासन ने कहा कि मई में भी कम प्रॉडक्शन के कारण बिजनस धीमा रहेगा। अन्य इंडस्ट्री के विपरीत अगर पूरे देश में लॉकडाउन नहीं खुलने की स्थिति में एक ऑटोमोबाइल प्लांट को शुरू किया जाता है तो वह अधिकतम तीन-चार दिन तक ही मैन्युफैक्चरिंग कर सकेगा। ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए छह-सात दिनों से अधिक की इनवेंटरी रखना मुश्किल होगा। प्रॉडक्शन जारी रखने को वेंडर्स का खुलना जरूरी श्रीनिवासन ने बताया कि प्रॉडक्शन को जारी रखने के लिए तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में वेंडर्स का खुलना जरूरी है। ऑटोमोटिव पार्ट्स की सप्लाई करने वाली एक बड़ी कंपनी के CEO ने कहा, ‘वीइकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के खुलने और कॉम्पोनेंट सप्लायर्स के बंद होने से मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो सकेगी। इस वजह से पूरे ऑटोमोबाइल सेक्टर को एकसाथ देखा जाना चाहिए और स्थानीय प्रशासन को वर्कर्स के आने के लिए सहायता करनी चाहिए।’ बिजनस के लिए सुरक्षा एक नया पहलू देश की सबसे बड़ी कार मेकर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘कोरोनावायरस के बाद बिजनस के लिए सुरक्षा एक नया पहलू है। मई में स्थिति में सुधार होने की संभावना कम है।’महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका का मानना है कि अगर सप्लाई चेन की शुरुआत और डीलर्स को डिस्पैच सहित इंडस्ट्री लगभग तीन महीने में दोबारा शुरू हो जाती है तो यह एक उपलब्धि होगी। ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन SIAM के प्रेजिडेंट राजन वढेरा ने कहा, ‘हमें मोटरसाइकल्स, थ्री व्हीलर्स और स्मॉल कमर्शल वीइकल्स बेचने की शुरुआत के लिए अर्द्ध शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में डीलर्स को खोलना चाहिए।’


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