कोरोना का केस मिलने पर पूरा ऑफिस सील नहीं होगा!

राहुल त्रिपाठी/टीना ठाकर, नई दिल्ली लॉकडाउन के बाद कामकाज के खुलने वाले कार्यालयों के परिसर में अगर कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने आता है तो हो सकता है कि पूरा ऑफिस सील न किया जाए। मामले से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि वायरस का प्रसार घटाने के उपायों के साथ आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए जो प्रोटोकॉल बनाया जा रहा है, उसमें यह प्रावधान शामिल किया जा सकता है। संपर्क में आए लोगों को क्वॉरंटीन किया जाएगा एक अधिकारी ने बताया, 'पूरी ऑफिस बिल्डिंग को सील नहीं किया जाएगा या उसे कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय कोरोना पॉजिटिव पाए गए शख्स के संपर्क में आए लोगों को क्वॉरंटीन किया जाएगा और फ्लोर या संबंधित एरिया को डिसइंफेक्ट किया जाएगा। यह काम लोकल अथॉरिटीज की सलाह पर किया जाएगा।' 3 महीने के लिए सील करने का कोई निर्देश नहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह के अनुसार कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, 'हालांकि बिल्डिंग को तीन महीने के लिए सील करने का कोई निर्देश नहीं है।' राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हाल में गृह सचिव अजय भल्ला ने सलाह दी थी कि होम मिनिस्ट्री की ओर से जारी गाइडलाइंस 'का सहारा लेकर किसी मैन्युफैक्चरिंग या कमर्शल एस्टैब्लिशमेंट के मैनेजमेंट को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।' पूल टेस्टिंग जैसे उपाय भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च अभी कंटेनमेंट और कोरोना का प्रसार रोकने के उपायों पर विचार कर रहे हैं। इसमें पूल टेस्टिंग जैसे उपाय भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा, 'सभी लोगों को 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वॉरंटीन में जाने का निर्देश देने के बजाय उनकी जांच की जा सकती है और संक्रमण नहीं होने की पुष्टि की जा सकती है।' एंटीजन किट्स की उपलब्धता पर विचार पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट के श्रीनाथ रेड्डी ने ईटी से कहा, 'अभी हम और ज्यादा एंटीजन किट्स की उपलब्धता पर विचार कर रहे हैं जिनसे पूल टेस्टिंग की जा सकेगी। इससे यह तय करने में आसानी होगी कि बिल्डिंग या ऑफिस कॉम्प्लेक्स या रेजिडेंशल कॉम्प्लेक्स के किन हिस्सों को सील किया जाना है और संक्रमण मुक्त एरिया में कामकाज जारी रखा जा सकता है।' सील करने के बजाय सैनिटाइजेशन होगा अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में कोविड 19 पर बनी टेक्निकल कमिटी ने सुझाव दिया है कि इन्फेक्टेड वर्कप्लेस को लंबे समय तक सील करने के बजाय उसे सैनिटाइज किया जा सकता है और 12 घंटे बाद उसका उपयोग शुरू किया जा सकता है। नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर सुजीत कुमार सिंह ने कहा, 'तबलीगी जमात मामले में भी पूरा एरिया सैनिटाइज किया गया और 48 घंटों तक बंद किया गया था।' सेहत ठीक न लगे तो छोड़ देना चाहिए वर्कप्लेस हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर में कहा गया, 'सेहत ठीक न महसूस होने पर कर्मचारी को तुरंत वर्कप्लेस छोड़ देना चाहिए और रिपोर्टिंग अथॉरिटी को इसकी जानकारी देकर होम क्वॉरंटीन में जाना चाहिए। ज्यादा उम्र वाले लोग और गर्भवती महिलाओं जैसे ज्यादा रिस्क वाले एंप्लॉयी को किसी भी फ्रंटलाइन वर्क में नहीं होना चाहिए।' कोरोना से जुड़े Facts...
  1. भारत में कोरोना का पहला मामला कब और किस राज्य में सामने आया?भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। चीन के वुहान यूनिवर्सिटी से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे।
  2. भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत कब और कहां हुई?भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 12 मार्च को हुई। कर्नाटक के कलबुर्गी में सऊदी अरब से लौट 76 साल के शख्स भारत में इस वायरस के पहले शिकार बने।
  3. भारत में कुल कितने लोग कोरोना से संक्रमित हैं और अब तक कितनी मौतें हुई हैं?स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार सुबह तक कुल 29435 मामले हो गए और मरने वालों की संख्या 934 रहो गई है। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 27,892 हो गई है।
  4. कोरोना वायरस की चपेट में आए अब तक कितने मरीज ठीक हो चुके हैं?स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 6,869 लोग ठीक हो चुके हैं और एक व्यक्ति विदेश चला गया है। कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।


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