हैदराबाद, एक मार्च (भाषा) दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के 2016 में प्रभावी होने के बाद से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के फंसे कर्ज का निपटान हुआ है। साथ ही वित्तीय संस्थानों का नया फंसा कर्ज भी कम हुआ है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि आईबीसी पहला उपाय (फंसे कर्ज के समाधान का) बने, बल्कि हम चाहते हैं कि यह अंतिम विकल्प हो और अभी वास्तव में यही स्थिति है।’’ श्रीनिवास यहां ‘दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून : वैश्विक
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