नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के चेयरमैन एम एस साहू ने कहा कि दिवाला कानून का मकसद भुगतान करने में अक्षमता के संकट से जूझ रही कंपनियों का समाधान और उनका पुनर्गठन करना है। यदि कर्जदाता एक के बाद एक अथवा एक साथ अपने बकाये की वसूली करने लगेंगे तो कंपनी समाप्त हो जायेगी। उल्लेखनीय है कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के अमल में आने के बाद से भुगतान नहीं कर पाने वाली कई कंपनियों से काफी राशि वसूल कर ली गई है। आईबीसी कानून के तहत ऐसी कंपनियों से
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