नई दिल्ली इन दिनों हर कोई यही सोच रहा है कि कैसे बाल कटवाएं, दाढ़ी बनवाएं या महिलाएं सोच रही हैं कि पार्लर कब खुलेंगे। लोग तो ये सोचने लगे हैं कि सरकार को सलून और पार्लर भी खोलने की इजाजत दे देनी चाहिए। लेकिन 24 मार्च से लॉकडकाउन () के बाद से अब तक तक हर सलून और पार्लर पूरी तरह से बंद हैं, बल्कि कहिए कि ठप हैं। एक तरफ जहां सैलून इंडस्ट्री () को इससे भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर लोग भी परेशान हैं कि वह हजामत नहीं बनवा पा रहे हैं। यहां तक कि आर्मी के जवान भी अब अपने अनुशासन का हिस्सा कहे जाने वाला आर्मी कट नहीं करवा पा रहे हैं। आर्मी के जवान भी परेशान सेना के जवान आर्मी कट नहीं करवा पा रहे हैं, क्योंकि नाई की दुकानें बंद हैं। देश भर के 15 लाख से अधिक जवानों को इस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सेना की यूनिटों के करीब 1800 सलून बंद पड़े हैं। हालात ये हो गए हैं कि जवान अपने बढ़े बालों वाली फोटो की यादें सहेज कर रख रहे हैं। वैसे भी, न जाने कितने सालों बाद उन्होंने अपने बढ़े बाल देखे होंगे, क्योंकि सेना में बाल कटवाना भी अनुशासन का हिस्सा है, जिसके चलते उन्हें नियमित रूप से फौजी कट में ही रहना होता है। यह भी पढ़ें- करीब 60 अरब डॉलर की है ये इंडस्ट्री भारत में सलून और पार्लर बंद होने की वजह से कितना नुकसान हो रहा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत में ये इंडस्ट्री करीब 60 अरब डॉलर यानी 4575 अरब रुपए की है। अब जरा सोचिए, सिर्फ सलून और पार्लर भर बंद रहने की वजह से रोज करोड़ों का नुकसान हो रहा है। 25-30 फीसदी से रफ्तार से बढ़ रही थी सलून इंडस्ट्री देश में सलून लोगों के लिए कितने जरूरी है, इसका पता इस बात से भी चल सकता है कि सलून इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। देश में सलून इंडस्ट्री में करीब 25-30 फीसदी की रफ्तार देखी गई है। ये दिखाता है कि लोग अपने हेयर स्टाइल और सलून से जुड़े बाकी काम कितने अधिक करवाते हैं। यह भी पढ़ें- पार्लर-सैलून में कितना खर्च करते हैं महिला-पुरुष पिछले साल एसोचैम की एक रिपोर्ट आई थी, जिसके अनुसार भारत में लोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स या उनसे जुड़ी सेवाओं पर काफी खर्च करने लगे हैं। शहरों से लेकर गांवों तक में लोग कटिंग, शेविंग के अलावा फेशियल, ब्लीच, फ्रूट मसाज, पेडिक्योर, मेनिक्योर आदि कराने लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं औसतन हर महीने ब्यूटी पार्लर में 2-3 हजार रुपए खर्ज करती हैं, जबकि पुरुष 500-1500 रुपए खर्च करते हैं। पिछले कुछ सालों में पुरुषों का ब्यूटी और हेयर ट्रीटमेंट को लेकर रुझान भी बढ़ा है। 2018 में महिलाओं ने जहां 1808 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं पुरुषों ने 298 करोड़ रुपए खर्च किए। कब तक ऐसा चलेगा? कोरोना वायरस का संक्रमण ना फैले, इसलिए सरकार ने लॉकडाउन किया है और सैलून-पार्लर बंद किए गए हैं। बता दें कि सैलून-पार्लर से इस संक्रमण के फैलने का खतरा बहुत अधिक हैं, क्योंकि बहुत सारे सैलून में एक ही तौलिया सबके लिए इस्तेमाल होती है। नाई बहुत सारे लोगों के संपर्क में आता है। ऐसे में सैलून का खुलना अभी खतरनाक हो सकता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में एक नाई से बाल कटवाने वाले 6 लोगों का कोरोना हो गया। बताया जा रहा है कि नाई ने एक ही कपड़े का इस्तेमाल सबके लिए किया था। अभी 3 मई तक तो लॉकडाउन ही है। देखना होगा कि उसके बाद लॉकडाउन खत्म होता है या नहीं। और अगर खत्म होता है तो देखना होगा कि वह सैलून-पार्लर कब से खुलते हैं।
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