अक्टूबर में एमजी मोटर की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 3,750 इकाई पर

अक्टूबर में एमजी मोटर की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 3,750 इकाई पर

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) एमजी मोटर इंडिया की खुदरा बिक्री अक्टूबर में छह प्रतिशत बढ़कर 3,750 इकाई पर पहुंच गई। एक साल पहले समान महीने में कंपनी ने 3,536 वाहन बेचे थे। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसकी एसयूवी हेक्टर की बिक्री का आंकड़ा अक्टूबर में 3,625 इकाई पर पहुंच गया। यह इस वाहन की मासिक बिक्री का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। सितंबर, 2020 में हेक्टर की बिक्री 2,410 इकाई रही थी। इस तरह सितंबर की तुलना में अक्टूबर में हेक्टर की बिक्री में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी ने कहा कि उसकी हाल में पेश प्रीमियम एसयूवी ग्लॉस्टर को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी को इस वाहन के लिए अब तक 2,000 बुकिंग मिल चुकी हैं। एमजी मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री) राकेश सिदाना ने कहा, ‘‘हमें वृद्धि का यह रुख दिवाली की वजह से नवंबर में भी जारी रहने की उम्मीद है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हम आपूर्ति बढ़ा रहे हैं।’’


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अक्टूबर में मारुति की बिक्री 18.9 प्रतिशत बढ़कर 1,82,448 इकाई पर

अक्टूबर में मारुति की बिक्री 18.9 प्रतिशत बढ़कर 1,82,448 इकाई पर

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की बिक्री अक्टूबर में 18.9 प्रतिशत बढ़कर 1,82,448 इकाई पर पहुंच गई। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 1,53,435 वाहन बेचे थे। कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार घरेलू बाजार में उसकी बिक्री 19.8 प्रतिशत बढ़कर 1,72,862 इकाई पर पहुंच गई, जो अक्टूबर, 2019 में 1,44,277 इकाई रही थी। समीक्षाधीन महीने में कंपनी की मिनी कारों आल्टो और एस-प्रेसो की बिक्री मामूली घटकर 28,462 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 28,537 इकाई रही थी। कॉम्पैक्ट खंड....मसलन स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर की बिक्री 19.2 प्रतिशत बढ़कर 95,067 इकाई पर पहुंच गई, जो अक्टूबर, 2019 में 75,094 इकाई रही थी। अक्टूबर में सियाज मॉडल की बिक्री 40 प्रतिशत घटकर 1,422 इकाई रह गई, जो पिछले साल समान महीने में 2,371 इकाई रही थी। हालांकि, कंपनी के यूटिलिटी वाहनों.....विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और एर्टिगा की बिक्री 9.9 प्रतिशत बढ़कर 23,108 इकाई से 25,396 इकाई पर पहुंच गई। अक्टूबर में कंपनी का निर्यात 4.7 प्रतिशत बढ़कर 9,586 इकाई रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 9,158 इकाई रहा था।


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सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों को 670 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई

सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों को 670 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को 670 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई है। आरआरबी के पूंजी आधार को मजबूत करने तथा इस मुश्किल समय में कृषि वित्त में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर केंद्र की ओर से यह कदम उठाया गया है। सूत्रों ने कहा कि 43 आरआरबी में से एक-तिहाई घाटे में हैं। इनमें से ज्यादाकर पूर्वोत्तर तथा पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। सूत्रों ने कहा कि इन आरआरबी को नौ प्रतिशत की नियामकीय पूंजी की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए मदद की जरूरत थी। आरआरबी के पुन:पूंजीकरण की मौजूदा योजना के तहत इन बैंकों को केंद्र, संबंधित राज्य सरकारों तथा प्रायोजक बैंकों से 50:15:35 के अनुपात में पूंजीगत समर्थन उपलब्ध कराया जाता है। इसकी मदद से ये बैंक नौ प्रतिशत के पूंजी जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) को पूरा कर पाते हैं। सूत्रों ने बताया कि इसी अनुपात में प्रायोजक बैंकों तथा कुछ राज्यों द्वारा भी आरआरबी के लिए कोष जारी किया गया है। इससे अब इन कमजोर आरआरबी का सीआरएआर बढ़कर नौ प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। सूत्रों ने बताया कि इससे इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 31 मार्च, 2021 तक की पूंजीगत जरूरत पूरी हो गई है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में आरआरबी को सामूहिक रूप से 2,206 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आरआरबी को 652 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।


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नवरात्रि में ऑटो कंपनियों की हुई बल्ले-बल्ले, जानिए किसने बेचीं कितनी गाड़ियां

नवरात्रि में ऑटो कंपनियों की हुई बल्ले-बल्ले, जानिए किसने बेचीं कितनी गाड़ियां

नई दिल्ली मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई), हुंडई और टाटा मोटर्स जैसे कंपनियों की खुदरा बिक्री इस साल नवरात्रि में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर रही है। इन कंपनियों का कहना है कि इस साल नवरात्रि के दौरान पिछले कुछ माह की दबी मांग के चलते उनकी बिक्री में उछाल आया है। नवरात्रि की दस दिन (दशहरा सहित) की अवधि के दौरान किया मोटर्स, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा होंडा कार्स की बिक्री भी अच्छी रही है। नवरात्रि में नया सामान और संपत्ति खरीदना शुभ माना जाता है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति की बिक्री नवरात्रि में 27 प्रतिशत बढ़कर 96,700 इकाई पर पहुंच गई। मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘नवरात्रि में हमारी बिक्री 96,700 इकाई रही है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है।’’ पिछले साल इस अवधि में मारुति की बिक्री 76,000 वाहन रही थी। इसी तरह नवरात्रि में हुंडई मोटर इंडिया की खुदरा बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 26,068 इकाई पर पहुंच गई। वहीं टाटा मोटर्स की बिक्री 90 प्रतिशत बढ़कर 10,887 इकाई रही, जो पिछले साल इस अवधि में 5,725 इकाई रही थी। इस अवधि में कंपनी ने 6,641 यूटिलिटी वाहन और 4,246 कारें बेचीं। पिछले साल इस अवधि में कंपनी ने 3,321 कारें और 2,404 यूनिटलिटी वाहन बेचे थे। टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार इकाई के विपणन प्रमुख विवेक श्रीवत्स ने कहा, ‘‘महामारी की वजह से आई सुस्ती के बावजूद कंपनी की सभी नई ‘फोरएवर श्रृंखला’ की कारों तथा यूटिलिटी वाहनों की मांग और बुकिंग में अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है।’’ नवरात्रि की दस दिन की अवधि के दौरान किया मोटर्स की बिक्री 224 प्रतिशत बढ़कर 11,640 इकाई पर पहुंच गई। वहीं टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स की बिक्री में भी उछाल आया। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं सेवा) नवीन सोनी ने कहा, ‘‘नवरात्रि में हमारी बिक्री करीब 5,000 इकाई की रही है, जो पिछले साल की समान अवधि से करीब 13 प्रतिशत अधिक है।’’ महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ऑटोमोटिव खंड) विजय नाकरा ने कहा, ‘‘इस साल नवरात्रि पर एसयूवी श्रेणी में हमारी बुकिंग 41 प्रतिशत बढ़ी है। कुल मिलाकर (पिकअप और छोटे वाणिज्यिक वाहन सहित) हमारी बिक्री पिछले साल की समान अवधि से करीब 20 प्रतिशत अधिक रही है।’’ होंडा कार्स इंडिया ने कहा कि नवरात्रि पर उसकी खुदरा बिक्री में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


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अर्थव्यवस्था पर खुशखबरी: अक्टूबर में GST कलेक्शन 8 महीने में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार

अर्थव्यवस्था पर खुशखबरी: अक्टूबर में GST कलेक्शन 8 महीने में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार

नई दिल्ली माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का आंकड़ा अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा है। फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। वित्त मंत्रालय ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2020 तक दाखिल किए गए कुल जीएसटीआर-3बी रिटर्न की संख्या 80 लाख पर पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर, 2020 में कुल जीएसटी संग्रह 1,05,155 करोड़ रुपये रहा। इसमें सीजीएसटी का हिस्सा 19,193 करोड़ रुपये, एसजीएसटी का 5,411 करोड़ रुपये, आईजीएसटी का 52,540 करोड़ रुपये (इसमें वस्तुओं के आयात पर 23,375 करोड़ रुपये का संग्रह भी शामिल है) और 8,011 करोड़ रुपये का उपकर (932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर) शामिल है। अक्टूबर, 2020 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से 10 प्रतिशत अधिक रहा है। अक्टूबर, 2019 में जीएसटी संग्रह 95,379 करोड़ रुपये रहा था। कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा लगातार कई माह तक एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे रहा था।


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हरित प्रमाणपत्रों का कारोबार 25 नवंबर से फिर शुरू होने की उम्मीद

हरित प्रमाणपत्रों का कारोबार 25 नवंबर से फिर शुरू होने की उम्मीद

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों (आरईसी) का कारोबार चार महीने के अंतराल के बाद 25 नवंबर से फिर शुरू होने की उम्मीद है। बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) ने आरईसी मूल्य के मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर ली है और वह इस पर जल्द अंतिम फैसला सुना सकता है। आरईसी या हरित प्रमाणपत्रों की खरीद-फरोख्त इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) तथा पावर एक्सचेंज इंडिया (पीएक्सआईएल) में प्रत्येक माह के अंतिम बुधवार को होती है। केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा आरईसी का न्यूनतम मूल्य तय करने से संबंधित तीन अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए एपीटीईएल ने इस साल जुलाई में हरित प्रमाणपत्रों की खरीद-फरोख्त को चार सप्ताह तक स्थगित कर दिया था। पीएक्सआईएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रभजीत कुमार सरकार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘न्यायाधिकरण ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है। हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय जल्द आएगा। ऐसे में 25 नवंबर से आरईसी का कारोबार फिर शुरू होने की उम्मीद है।’’ आईईएक्स के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कारोबार विकास) रोहित बजाज ने कहा, ‘‘एपीटीईएल जल्द इस मामले में आदेश जारी करेगा। हमें उम्मीद है कि बिजली एक्सचेंजों के आरईसी बाजार में 25 नवंबर से करीब चार माह बाद कारोबार फिर शुरू हो सकेगा।’’


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अक्टूबर में जीएसटी संग्रह आठ माह में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार

अक्टूबर में जीएसटी संग्रह आठ माह में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का आंकड़ा अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा है। फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। वित्त मंत्रालय ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2020 तक दाखिल किए गए कुल जीएसटीआर-3बी रिटर्न की संख्या 80 लाख पर पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर, 2020 में कुल जीएसटी संग्रह 1,05,155 करोड़ रुपये रहा। इसमें सीजीएसटी का हिस्सा 19,193 करोड़ रुपये, एसजीएसटी का 5,411 करोड़ रुपये, आईजीएसटी का 52,540 करोड़ रुपये (इसमें वस्तुओं के आयात पर 23,375 करोड़ रुपये का संग्रह भी शामिल है) और 8,011 करोड़ रुपये का उपकर (932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर) शामिल है। अक्टूबर, 2020 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से 10 प्रतिशत अधिक रहा है। अक्टूबर, 2019 में जीएसटी संग्रह 95,379 करोड़ रुपये रहा था। कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा लगातार कई माह तक एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे रहा था।


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सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.63 लाख करोड़ रुपये घटा

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.63 लाख करोड़ रुपये घटा

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में नौ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,63,510.28 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,071.43 अंक या 2.63 प्रतिशत नीचे आया। समीक्षाधीन सप्ताह में कोटक महिंद्रा बैंक को छोड़कर शीर्ष 10 की सूची की अन्य कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई। कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण 32,570.94 करोड़ रुपये बढ़कर 3,06,331.09 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हैसियत सबसे अधिक 39,355.06 करोड़ रुपये घटकर 13,89,159.20 करोड़ रुपये रह गई। एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 28,574.61 करोड़ रुपये घटकर 6,51,518.11 करोड़ रुपये पर आ गया। इसी तरह इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 26,152.79 करोड़ रुपये घटकर 4,51,753.23 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी का बाजार मूल्यांकन 24,844.93 करोड़ रुपये घटकर 3,45,287.89 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 16,858.07 करोड़ रुपये घटकर 4,86,898.54 करोड़ रुपये पर आ गया। समीक्षाधीन सप्ताह में आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में 16,754.64 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 2,70,736.06 करोड़ रुपये रह गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की बाजार हैसियत 8,105.15 करोड़ रुपये घटकर 9,99,954.24 करोड़ रुपये पर आ गई। एचसीएल टेक्नोलॉजीज का बाजार मूल्यांकन 2,455.87 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 2,28,816.24 करोड़ रुपये तथा भारती एयरटेल का मूल्यांकन 409.16 करोड़ रुपये घटकर 2,36,552.97 करोड़ रुपये रह गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एयरटेल और एचसीएल टेक्नोलॉजीज का स्थान रहा।


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अमेरिकी में राष्ट्रपति चुनाव, कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से दबाव में रहेंगे शेयर बाजार

अमेरिकी में राष्ट्रपति चुनाव, कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से दबाव में रहेंगे शेयर बाजार

मुंबई, एक नवंबर (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तथा कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से वैश्विक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता के चलते इस सप्ताह शेयर बाजार दबाव में रहेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और यूरोप में हाल में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बाद कई यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन लगाया गया है। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2.63 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 2.41 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, इसके साथ ही विश्लेषकों का मानना है कि कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों तथा आर्थिक आंकड़ों में सुधार से बाजार को समर्थन मिलेगा। सप्ताह के दौरान पंजाब नेशनल बैंक तथा एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा वाहन बिक्री के आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तथा यूरोप में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से आगे चलकर बाजार दबाव में रहेगा। इस सप्ताह अमेरिका का चुनाव तथा फेडरल रिजर्व की बैठक वैश्विक बाजारों का रुख तय करेगी।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह अमेरिका के गैर-कृषि रोजगार के आंकड़ों तथा अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के पीएमआई आंकड़ों पर भी रहेगी। इसी तरह की राय जताते हुए जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में राजनीतिक घटनाक्रमों की वजह से आगे बाजार दबाव में रहेगा। इस सप्ताह विनिर्माण और सेवाओं के पीएमआई आंकड़े आने हैं, जो बाजार को प्रभावित करेंगे। रेलिगेयर ब्रोंकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा। उसके बाद आगे बाजार की दिशा अमेरिकी चुनावों तथा अन्य वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी।’‘’ रिलायंस इंडस्ट्री ने शुक्रवार को दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा की थी। कंपनी के दूसरी तिमाही के शुद्ध लाभ में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। सैमको सिक्योरिटीज की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निराली शाह ने कहा, ‘‘सप्ताह के दौरान घरेलू बाजारों का रुख वैश्विक बाजारों से तय होगी। इस सप्ताह अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।’’ इस सप्ताह एचडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक, अडाणी पोर्ट्स, सनफार्मा, ल्यूपिन, बीएचईएल, सिप्ला और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तिमाही परिणाम आने हैं।


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त्योहारी मांग सरसों तेल में सुधार, निर्यात मांग समाप्त होने से मूंगफली में गिरावट

त्योहारी मांग सरसों तेल में सुधार, निर्यात मांग समाप्त होने से मूंगफली में गिरावट

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) निर्यात की मांग खत्म होने तथा सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले महंगा होने के कारण बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मूंगफली दाना (तिलहन) और तेल कीमतों में गिरावट को छोड़कर लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख देखने को मिला। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह त्योहारी मांग होने के कारण सरसों दाना एवं सरसों तेल कीमतों में सुधार के अलावा सोयाबीन तेल तिलहन, पाम एवं पामोलीन कीमतों में सुधार आया। सस्ते आयातित तेलों की मांग होने से बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) की कीमत पिछले सप्ताहांत 30 रुपये की हानि के साथ बंद हुई। सूत्रों ने कहा कि मूंगफली की निर्यात मांग खत्म होने तथा सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले भाव महंगा होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली।उन्होंने कहा कि दूसरी ओर त्योहारी मांग बढ़ने के बीच बाजार में स्टॉक कम होने से सरसों दाना और इसके तेल की कीमतों में सुधार आया। कोविड-19 महामारी की वजह से किसान अप्रैल-मई के महीने में मंडी में बिक्री के लिए स्टॉक नहीं लाये जिससे व्यापारियों और तेल मिलों के पास सरसों का कोई स्टॉक नहीं है। सरकार की ओर से सहकारी संस्था नाफेड ने किसानों से सरसों की खरीद की जिसके कारण सरसों का सीमित स्टॉक या तो नाफेड के पास या फिर किसानों के पास रह गया है। सूत्रों ने कहा कि सर्दी के मौसम और त्योहारों में सरसों तेल की मांग बढ़ती है। फिलहाल स्टॉक की कमी है। उन्होंने कहा कि नाफेड को जून-जुलाई में सरसों बिक्री के बजाय सरसों की बिजाई के बाद अक्टूबर-नवंबर में सरसों की बिक्री करनी चाहिये थी। इससे किसानों को फायदा होता और सरसों की भी इतनी कमी नहीं होती। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्थिति भविष्य में सरसों के लिए बेहतर साबित होगी क्योंकि मौजूदा वर्ष में सरसों की अच्छी कीमत मिलने से किसान उत्साहित हैं और आगे इसके उत्पादन की मात्रा बढ़ सकती है। साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने भी सरकार को पत्र लिखकर तेल उद्योग की चिंतायें बताई हैं और इस बात को रेखांकित किया है कि अन्य जिंसों के मुकाबले तेल कीमतों में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। उसने तेल कीमतों में वृद्धि की वकालत की है और कहा है कि इस वृद्धि का घरों के बजट पर विशेष असर नहीं होगा क्योंकि घरेलू बजट का मामूली हिस्सा खाद्य तेल का होता है।सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में सूरजमुखी बीज उत्पादकों को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। इस ओर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी का रुख होने तथा हल्के तेलों में सरसों, मूंगफली, तिल इत्यादि के मुकाबले लगभग 25 प्रतिशत सस्ता होने के कारण सोयाबीन तेलों की मांग बढ़ी है। सर्दियों के मौसम और त्योहारों की वजह से घरेलू खपत के लिए मांग बढ़ने के साथ-साथ देश में ’ब्लेंडिंग’ के लिए भी सोयाबीन डीगम की मांग है। इन परिस्थितियों में समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाना सहित इसके तेल की कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।बाकी तेलों के मुकाबले सबसे सस्ता होने, ब्लेंडिंग की मांग बढ़ने के साथ-साथ त्योहारी मांग बढ़ने से समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन दाना और लूज की कीमतें क्रमश: 50 रुपये और 45 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,345-4,395 रुपये और 4,215-4,245 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली के भाव पूर्ववत रहे जबकि सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 150 रुपये और 30 रुपये सुधरकर क्रमश: 10,350 रुपये और 9,350 रुपये क्विन्टल पर बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि नाफेड हरियाणा, राजस्थान में सरसों दाना की सीमित मात्रा में बिकवाली कर रहा है लेकिन सट्टेबाज नाफेड से कम कीमत पर खरीद करने का दबाव बनाने के लिए वायदा कारोबार में भाव पहले से नीचा चलाने लगते हैं। हालांकि, नाफेड कम कीमत वाली बोली को निरस्त भी कर रहा है। आलोच्य सप्ताह के दौरान घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों दाना (तिलहन फसल) पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 300 रुपये का सुधार दर्शाता 6,200-6,250 रुपये और सरसों तेल (दादरी) 280 रुपये के सुधार के साथ 12,280 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी की कीमतें 40-40 रुपये सुधरकर क्रमश: 1,855-2,005 रुपये और 1,975-2,085 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को तिलहनों का भी बफर स्टॉक बनाना चाहिये तथा देशी स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने के साथ सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये ताकि हमारे तिलहन उत्पाद आयातित तेलों की प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि बफर स्टॉक के कारण देशी तिलहन पूरा का पूरा बाजार में खप जायेगा और किसानों को इससे फायदा होगा। मूंगफली की निर्यात मांग खत्म होने से पिछले सप्ताहांत के मुकाबले मूंगफली दाना 200 रुपये की गिरावट के साथ 5,275-5,325 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। इसके अलावा मूंगफली तेल गुजरात 650 रुपये की हानि दर्शाता 13,100 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड 90 रुपये की गिरावट दर्शाता 2,030-2,090 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। मांग न होने के बीच बेपड़ता कारोबार के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सीपीओ, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन एक्स-कांडला की कीमतें क्रमश: 320 रुपये, 100 रुपये और 50 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 8,350 रुपये, 9,600 रुपये और 8,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले मांग प्रभावित होने से बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) का भाव 30 रुपये की हानि दर्शाता समीक्षाधीन सप्ताहांत में 9,250 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।


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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सीप्लेन सेवा: केवडिया-सूरत के बीच स्पाइसजेट चलाएगा सीप्लेन, यहां जानिए पूरी तैयारी!

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सीप्लेन सेवा: केवडिया-सूरत के बीच स्पाइसजेट चलाएगा सीप्लेन, यहां जानिए पूरी तैयारी!

केवडिया/अहमदाबाद अहमदाबाद-स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सीप्लेन सेवा को लेकर लोगों की जोरदार प्रतिक्रिया के चलते स्पाइसजेट ने शनिवार को कहा कि उसने दक्षिण गुजरात में सूरत को केवडिया से जोड़ने के लिए ऐसी ही सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थित है, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से विख्यात है। स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि सीप्लेन सेवा के लिए जो अन्य मार्ग और गंतव्य विचाराधीन हैं, उनमें पोर्ट ब्लेयर से हैवलॉक, दिल्ली से हरिद्वार, दिल्ली से ऋषिकेश और नैनी झील, उदयपुर, डल झील, लेह शामिल हैं। सिंह ने केवडिया में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें इस तरह की सेवा शुरू करने के लिए नदियों और झीलों जैसे जल निकायों की जरूरत है। हम अब सूरत और केवडिया के बीच सीप्लेन सेवा शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अहमदाबाद के लिए सीप्लेन सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री सरदार सरोवर बांध के पास एक तालाब से 18 सीटों वाले विमान में सवार हुए और लगभग 40 मिनट की दूरी तय करके शनिवार दोपहर अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर उतरे। सड़क मार्ग से केवडिया से अहमदाबाद पहुंचने में लगभग चार घंटे लगते हैं। यह सेवा स्पाइसजेट की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्पाइस शटल ने शुरू की है। सिंह ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि अब अहमदाबाद-केवडिया मार्ग पर एक नवंबर से प्रतिदिन दो उड़ानें संचालित की जाएंगी। उड़ान योजना के तहत एक तरफ का किराया 1,500 रुपये से शुरू होकर 5,000 रुपये तक होगा। सिंह ने कहा, ‘‘हमें दो दिनों में लगभग 3,000 बुकिंग के अनुरोध मिले हैं। इनमें से ज्यादातर अहमदाबाद क्षेत्र के हैं। हम उन्हें कल से टिकट देना शुरू कर देंगे, जब वाणिज्यिक उड़ान शुरू होगी।’’


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एक साल की बातचीत के बाद पक्की हो गई डील, मुकेश अंबानी को मिलेगा 1 अरब डॉलर का चेक

एक साल की बातचीत के बाद पक्की हो गई डील, मुकेश अंबानी को मिलेगा 1 अरब डॉलर का चेक

नई दिल्ली एशिया और भारत के सबसे बड़े धनकुबेर (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने एक इनविट स्ट्रक्चर के जरिए अपने फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क से कमाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सऊदी अरब का पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF) और आबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) इसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक अरब डॉलर निवेश करने को सहमत हो गई हैं। इसके लिए पिछले करीब एक साल से बातचीत चल रही थी। ये दो सॉवरेन फंड रिलायंस के इनविट डिजिटल फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (DFIT) में 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेंगे। इसके लिए दोनों सॉवरेन फंड्स में से प्रत्येक 3,799 करोड़ रुपये (50.6 करोड़ डॉलर) निवेश करेंगे। कंपनी ने अपनी प्रजेंटेशन में यह जानकारी दी। इनविट-डिजिटल फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (DFIT) का 49 फीसदी के अधिक हिस्सा रिलायंस की विभिन्न कंपनियों के पास रहेगा। ये कंपनियां भी इसमें 1 अरब डॉलर निवेश कर रही हैं। कितनी रकम जुटाएगी कंपनीईटी ने पहले खबर दी थी कि पीआईएफ और एडीआईए की फाइबर एसेट्स में निवेश के लिए रिलांयस से बात चल रही है। कंपनी का इनविट डिजिटल फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (डीएफआईटी) निवेशकों को यूनिट जारी कर 14,700 करोड़ रुपये और कर्ज के जरिए 25,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। रकम का इस्तेमाल फाइबर ऑप्टिक कंपनी का कर्ज खत्म करने में होगा। फाइबर ऑप्टिक कारोबार में 51 फीसदी हिस्सेदारी इनविट की और बाकी आरआईएल की होगी।


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जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को ब्रिटेन की इकॉनमी के बराबर बोलियां

जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को ब्रिटेन की इकॉनमी के बराबर बोलियां

नई दिल्ली अब तक के सबसे बड़े आईपीओ को लेकर निवेशकों में गजब का उत्साह है। चीन के दिग्गज कारोबारी जैक मा (Jack Ma) के एंट ग्रुप (Ant Group) को हांगकांग और शंघाई में दोहरी सूचीबद्धता के लिए व्यक्तिगत निवेशकों से 3 ट्रिलियन डॉलर के ऑर्डर मिले हैं जो पिछले साल ब्रिटेन की जीडीपी के बराबर है। हांगकांग में बिडिंग इतनी जबरदस्त थी कि एक ब्रोकरेज के प्लेटफॉर्म को कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा। उस पर ऑर्डर्स की सूनामी आ गई थी। शंघाई में रीटेल कैटगरी में मांग सप्लाई से 870 गुना अधिक रही। विश्लेषकों का कहना है कि करीब 35 अरब डॉलर के आईपीओ में सभी खरीदारों को शेयरों का आवंटन मिलना मुश्किल है। एंट के 5 नवंबर को सूचीबद्ध होने की संभावना है और माना जा रहा है कि उस दिन निवेशकों की जमकर कमाई होगी। यही वजह है कि हर कोई शेयर पाने के लिए बेताब है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इसमें भारी जोखिम है क्योंकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव, चीन में नियमों में सख्ती और दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों से निवेशकों को नुकसान हो सकता है। सबसे बड़ा आईपीओएंट के शेयरों से निवेशकों की चांदी होगी या नहीं यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना यह है कि आईपीओ के जरिये लोगों ने इस फिनटेक कंपनी के भविष्य में विश्वास जताया है। इससे पहले सऊदी अरामको ने आईपीओ के 2019 में 29.4 अरब डॉलर जुटाए थे और अब तक उसका आईपीओ ही दुनिया का सबसे बड़ा माना जाता है।


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कोरोना की मार: 11000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी यह कंपनी

कोरोना की मार: 11000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी यह कंपनी

ओरलैंडो (Covid-19 pandemic) ने पूरी दुनिया में कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका में लाखों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। आने वाले दिनों में भी तस्वीर बहुत अच्छी नहीं है। Walt Disney World ने 11000 से अधिक कर्मचारियों के छंटनी की घोषणा की है। इससे पहले भी कंपनी ने 6400 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की थी। इस तरह फ्लोरिडा स्थित इस रिजॉर्ट में कुल 18000 लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ेगी। डिज्नी वर्ल्ड (Disney World) ने फ्लोरिडा प्रांत और स्थानीय नेताओं को भेजे एक पत्र में इस साल के अंत तर 11350 यूनियन वर्कर्स को निकालने की बात कही है। कुल 28000 कर्मचारियों की छंटनीइसी हफ्ते डिज्नी वर्ल्ड के 720 एक्टरों और सिंगरों को निकाल दिया था। इसकी वजह यह है कि कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश लाइव एंटरटेनमेंट शो बंद हो गए हैं। कंपनी ने पिछले महीने कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में अपने पार्क्स डिविजन से 28000 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की थी। अमेरिका में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही कंपनी के पार्क बंद हो गए थे। फ्लोरिडा में शर्तों के साथ पार्क फिर से खोले गए हैं लेकिन कैलिफोर्निया में अब भी कंपनी के पार्क बंद हैं।


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Amazon-Future Group dispute: दोस्ती के साथ दगाबाजी के लिए तैयारी!

Amazon-Future Group dispute: दोस्ती के साथ दगाबाजी के लिए तैयारी!

नई दिल्ली किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप (Future Group) ने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) के साथ कानूनी लड़ाई के लिए पुख्ता तैयारी की है। सूत्रों के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने इसके लिए 1000 करोड़ रुपये एक अलग खाते में रखे हैं जिसे बाद में बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये किया जा सकता है। ऐमजॉन ने फ्यूचर कूपंस में 1500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। फ्यूचर कूपंस फ्यूचर रीटेल की प्रमोटर ग्रुप कंपनी है। फ्यूचर ग्रुप के टॉप मैनेजमेंट का मानना है कि वेंचर्स के साथ कंपनी की डील योजना के मुताबिक आगे बढ़ेगी और पूरी होगी। एक सूत्र ने बताया कि मैनेजमेंट का मानना है कि अगर कानूनी लड़ाई में फ्यूचर ग्रुप हारता है तो उसे ऐमजॉन को भुगतान करना होगा। कंपनी इसके लिए तैयार है। यही वजह है कंपनी ने एक अलग खाते में पैसे रखे हैं। ऐमजॉन के पास विकल्पकानूनी जानकारों का मानना है कि अगर फ्यूचर ग्रुप रिलायंस के साथ डील पर आगे बढ़ता है तो ऐमजॉन इसे रोकने के लिए भारत में किसी कोर्ट में जा सकती है या सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) से जल्द सुनवाई की अपील कर सकती है। फ्यूचर ग्रुप ने 29 अगस्त को अपना रीटेल और होलसेल बिजनस रिलायंस रीटेल को बेचने की घोषणा की थी। लेकिन ऐमजॉन ने इस पर आपत्ति जताई थी। उसकी फ्यूचर कूपंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी है जो फ्यूचर रीटेल में 3.58 फीसदी बैठती है। ऐमजॉन ने इसके खिलाफ एसआईएसी में अपील की थी जिसने 25 अक्टूबर को इस पर डील पर अंतरिम रोक लगा दी। ऐमजॉन इंडिया ने इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन फ्यूचर रीटेल और रिलायंस रीटेल ने योजना के मुताबिक डील पर आगे बढ़ने की मंशा जताई है।


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कोरोना से लड़ने के लिए 4 अरब डॉलर कर्ज दे चुका है आईएफसी, भारतीय कंपनियों को कितना मिला

कोरोना से लड़ने के लिए 4 अरब डॉलर कर्ज दे चुका है आईएफसी, भारतीय कंपनियों को कितना मिला

मुंबई अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए गरीब देशों में निजी क्षेत्र की कंपनियों को अब तक 4 अरब डॉलर का ऋण दिया है। दुनिया के सबसे बड़े ग्लोबल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूशन आईएफसी का ध्यान उभरते बाजारों के निजी क्षेत्रों पर होता है। संस्थान ने मार्च में 8 अरब डॉलर के वित्त पोषण को लेकर प्रतिबद्धता जताई। इसका मकसद महामारी से प्रभावित निजी क्षेत्र की कंपनियों की मदद करना है। आईएफसी के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक मेंगिस्तु एलेमायेहु ने एक बयान में कहा, ‘त्वरित वित्त पोषण के तहत मंजूर किए गए 8 अरब डॉलर के वित्त पोषण में से अबतक 4 अरब डॉलर ऋण दिए गए हैं। इससे सर्वाधिक गरीब देशों के लोगों को लाभ होगा।’ उन्होंने कहा कि शेष राशि अन्य विकासशील देशों और उभरते बाजारों में महामारी के खिलाफ अभियान के लिए दी जाएगी। भारतीय कंपनियों को कितनी मददबहुपक्षीय संस्थान ने यह साफ नहीं किया कि उसने इसमें से कितनी राशि भारतीय कंपनियों को दिए। बयान में केवल डीसीएम श्रीराम का जिक्र है जिसे आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने और रोजगार संरक्षण को लेकर 4 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया गया है। आईएफसी का जोर विकासशील देशों के सबसे कमजोर लोगों तक वित्तीय मदद पहुंचाने पर होता है।


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घोसन को जापान से भागने में मदद करने के आरोपियों के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने पर अमेरिका सहमत

घोसन को जापान से भागने में मदद करने के आरोपियों के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने पर अमेरिका सहमत

बोस्टन, 30 अक्टूबर (एपी) अमेरिका ने निसान मोटर कंपनी के पूर्व चेयरमैन कार्लोस घोसन को जापान से भागने में मदद करने के मामले में गिरफ्तार दो लोगों को प्रत्यर्पित करने पर सहमति जता दी है। आरोपियों के वकील ने बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में इसकी जानकारी दी। आरोपियों के वकीलों टीवाई कॉब और पॉल केली ने ईमेल के जरिये दिये गये बयान में कहा कि विदेश मंत्रालय ने जापान के द्वारा प्रत्यर्पण के लिये किये गये अनुरोध को स्वीकार करने की बुधवार को उन्हें जानकारी दी। कॉब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के भी वकील रह चुके हैं।हालांकि जब इसके बारे में विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया तो प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मैसाचुसेट्स की एक संघीय अदालत ने पिछले महीने फैसला सुनाया था कि दोनों आरोपियों का प्रत्यर्पण किया जा सकता है। अदालत ने साथ ही यह भी जोड़ा था कि इस बारे में अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय को करना है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना के विशेष बल में कार्यरत रह चुके मिशेल टेलर और उसके बेटे पीटर टेलर को घोसन को जापान से भागने में मदद करने के लिये गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से दोनों मैसाचुसेट्स की एक जेल में कैद हैं। घोसन को नाटकीय तरीके से एक निजी विमान से भगाया गया था। घोसन जापान में भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई का सामना कर रहा था और घर पर नजरबंद था। उसे तुर्की के रास्ते भगाकर लेबनान पहुंचा दिया गया था। वह लेबनान का नागरिक है और लेबनान का जापान के साथ प्रत्यर्पण समझौता नहीं है। टेलर के वकीलों ने तत्काल प्रत्यर्पण को रोकने के लिये अदालत से कहा है कि वे विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस से इस मामले पर पुनर्विचार करने की अपील करने जा रहे हैं। वकीलों की आपात याचिका को स्वीकार करते हुए एक संघीय न्यायाधीश ने तत्काल प्रत्यर्पण को रोक दिया है और टेलर को मैसाचुसेट्स में रहने की इजाजत दे दी है। एपी सुमन सुमन


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ईद-ए-मिलाद पर बंद रहे मुद्रा बाजार

ईद-ए-मिलाद पर बंद रहे मुद्रा बाजार

मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) ईद-ए-मिलाद के अवसर पर शुक्रवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार बंद रहे। इस मौके पर अवकाश के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार नहीं हुआ। बाजार में सोमवार से सामान्य कारोबार होगा।


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शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक से अधिक मजबूत

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक से अधिक मजबूत

मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) वैश्विक बाजारों की तेजी के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस और एचसीएल टेक जैसी बड़ी कंपनियों की बढ़त के दम पर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक से अधिक उछल गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 202.68 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,952.53 अंक पर चल रहा था। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 64 अंक यानी 0.55 प्रतिशत की मजबूती के साथ 11,734.80 अंक पर रहा। सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी में सर्वाधिक करीब दो प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक, ओएनजीसी, एसबीआई, एमएंडएम, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी तेजी रही। दूसरी तरफ, पावरग्रिड, मारुति सुजुकी, बजाज फाइनेंस, एचयूएल, कोटक बैंक और टाइटन के शेयर गिरावट में रहे। पिछले सत्र में सेंसेक्स 172.61 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,749.85 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 58.80 अंक यानी 0.50 प्रतिशत गिरकर 11,670.80 अंक पर रहा था। शेयर बाजारों के आंकड़ों से पता चला कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बृहस्पतिवार को 420.95 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। रिलायंस के संस्थागत व्यवसाय के प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा कि घरेलू बाजार में दिन के दौरान अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है। कारोबार के दौरान चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की गिरावट में चल रहा था। इस बीच, कच्चा तेल का अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.58 फीसदी बढ़कर 38.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।


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अब देश का हर स्कूल बनेगा स्मार्ट, 12 लाख स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम में बदलने की योजना

अब देश का हर स्कूल बनेगा स्मार्ट, 12 लाख स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम में बदलने की योजना

नई दिल्ली सरकार देश के 12 लाख स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम्स में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। एक अधिकारी ने ईटी को यह जानकारी दी। इस योजना पर अभी विचार चल रहा है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री के अधिकारी इस प्रोजेक्ट के लिए पब्लिक-प्राइवेट मॉडल पर विचार कर रहे हैं। इसमें प्रति छात्र मासिक औसत लागत मात्र 5 रुपये हो सकती है। इसके पीछे यह आइडिया है कि देश के दूरदराज के बच्चों को भी ई-लर्निंग और पढ़ाई के डिजिटल तरीकों का फायदा मिले। इससे देश के कुछ दूरदराज के इलाकों में शिक्षकों के कमी की भरपाई भी हो सकेगी। इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने के बाद मंजूरी और सुझावों के लिए शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। सरकार ने देश के 6 लाख गांवों को अगले 3 साल में हाई स्पीड ऑप्टिक फाइबर से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। कैसे काम करेगी योजनाअधिकारी ने कहा, '2025 तक देश के अधिकांश गांव डिजिटल विलेज बन जाएंगे। अब इस बात पर चर्चा चल रही है कि स्कूलों को किस तरह स्मार्ट क्लासरूम में बदला जाए जहां तकनीक के जरिए छात्रों के लिए कई चीजें संभव हो सकती हैं। वर्चुअल स्क्रींस के जरिए उन इलाकों में भी बच्चों को पढ़ाया जा सकता है जहां कोई टीचर नहीं है। अधिकारी ने कहा कि प्राइवेट इंडस्ट्री निवेश का जिम्मा उठा सकती है और सरकार उन्हें भुगतान कर सकती है। कॉमन सर्विस सेंटर ऑपरेटर भी इन्हें चला सकता है।' उन्होंने कहा कि इस बिजनस मॉडल में सभी के लिए बहुत संभावनाएं हैं। देश में ई-लर्निंग का चलन बढ़ रहा है। बायजू, अपग्रेड, अनएकेडमी जैसे एडटेक स्टार्टअप लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि यह अभी तक केवल ऐप बेस्ड लेक्चर तक ही सीमित है। अधिकारी ने कहा, हर बच्चे के पास स्मार्टफोन नहीं है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें एक कॉमन डेवाइस के जरिए अपनी भाषा में क्वालिटी कंटेंट मिले।


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