रेस्ट्रॉन्ट चेन्स ने स्टाफ की अप्रैल की 40% तक सैलरी रोकी

रत्ना भूषण, नई दिल्ली मैकडॉनल्ड्स साउथ ऐंड वेस्ट, जुबिलेंट फूडवर्क्स, बार्बीक्यू नेशन और इंप्रेसारियो जैसी देश की बड़ी रेस्ट्रॉन्ट चेन ने अप्रैल महीने में अपने कर्मचारियों की सैलरी का 20 से 40 पर्सेंट तक हिस्सा रोक दिया है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अप्रैल में ये रेस्ट्रॉन्ट्स पूरी तरह से बंद रहे हैं। नैशनल रेस्ट्रॉन्ट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अनुराग कट्रियार ने बताया, 'लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से रेस्ट्रॉन्ट्स की कोई इनकम नहीं हुई है। इसके चलते बहुत-सी कंपनियों को अप्रैल महीने की पूरी सैलरी देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।' उन्होंने कहा कि लॉकडाउन कब हटेगा, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। इस वजह से भी रेस्ट्रॉन्ट्स अपने सीमित कैश रिजर्व को लेकर कोई योजना नहीं बना पा रहे हैं। डॉमिनोज पिज्जा रेस्ट्रॉन्ट चेन चलाने वाली जुबिलेंट फूडवर्क्स और वेस्टलाइफ डिवेलपमेंटन की सब्सिडियरी हार्डकैसल रेस्ट्रॉन्ट्स ने खबर लिखे जाने तक ईटी के ईमेल से भेजे सवालों का जवाब नहीं दिया था। हार्डकैसल रेस्ट्रॉन्ट्स, पश्चिम और दक्षिण भारत में मैकडॉनल्ड्स के 300 से अधिक रेस्ट्रॉन्ट्स का संचालन देखती है। छह बड़ी फाइन-डाइन और क्विक सर्विस रेस्ट्रॉन्ट चेन के एग्जिक्यूटिव्स ने ईटी से इस खबर की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने गोपनीयता का हवाला देकर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। देश की एक बड़े रेस्ट्रॉन्ट चेन के एग्जिक्यूटिव ने बताया, 'लॉकडाउन का हमारे सेक्टर पर सबसे बुरा असर पड़ा है। ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि हम पूरी सैलरी का भुगतान करें। पैकेज्ड गुड्स और फूड जैसे दूसरे सेक्टर से हमारी तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि उनकी कम से कम ऑनलाइन चैनल या किराना स्टोरों के जरिए बिक्री जारी है।' देश का रेस्ट्रॉन्ट्स सेक्टर का कारोबार करीब 4.2 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें 70 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। लॉकडाउन के लागू होने से देशभर में मॉल और रेस्ट्रॉन्ट्स बंद हैं और उनकी आमदनी ठप है। इसके कई स्टोर के बंद होने और उसमें काम कर कर्मचारियों की नौकरियां जाने का खतरा मंडराने लगा है। कट्रियार ने बताया, 'हमने संसाधनों की कमी के चलते सैलरी टालने का फैसला लिया है। इसे किसी और इरादे के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।' कई कंपनियों ने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए फंड जुटाए हैं या लोन लिए हैं। कट्रियार ने बताया, 'सरकार को इस समय एक बेरोजगारी वेतन कवर के साथ आगे आना चाहिए। इसके लिए एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के कैश रिजर्व और प्रॉविडेंट फंड की दावा नहीं की गई राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अगले महीने और गहरे संकट में होंगे और कई कंपनियां तो थोड़ा भी भुगतान नहीं कर पाएंगी।'


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